World Athletics Championship Final: भारत के सचिन यादव विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के जेवलिन थ्रो फाइनल में पदक जीतने से चूक गए और चौथा स्थान हासिल किया। जापान के टोक्यो में गुरुवार को फाइनल में भारत के नीरज चोपड़ा पर भी सभी की नजर थी और उनसे पदक की उम्मीदें थी। हालांकि, उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। दो बार के ओलंपिक पदक विजेता और गत चैम्पियन नीरज आठवें स्थान पर रहे। यहीं टोक्यो में उन्होंने चार साल पहले ओलंपिक का गोल्ड मेडल जीता था।
त्रिनिदाद एंड टोबैगो के केशोर्न वालकॉट ने गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया। उनका बेस्ट थ्रो 88.16 मीटर का रहा। मौजूदा ओलंपिक चैंपियन पाकिस्तान के अरशद नदीम 10वें स्थान पर रहे। साल के 2024 के पेरिस ओलंपिक के बाद यह पहली बार था जब भारत के नीरज चोपड़ा और पाकिस्तान के अरशद नदीम एक-दूसरे के खिलाफ किसी प्रतिस्पर्धा में उतरे थे। पेरिस ओलंपिक में अरशद ने 92.97 मीटर के जबर्दस्त थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था, जबकि नीरज ने 89.45 मीटर के थ्रो के साथ रजत पदक पर कब्जा जमाने में कामयाब रहे थे।
फाइनल में नीरज चोपड़ा का फीका प्रदर्शन
चैम्पियनशिप से नीरज चोपड़ा खाली हाथ लौट रहे हैं। वह केवल 84.03 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो ही कर सके। यह दूसरी कोशिश में आया। पहली कोशिश में उन्होंने 83.65 मीटर थ्रो किया। वहीं, तीसरा और पांचवा अटेम्प्ट फाउल रहा। चौथी कोशिश में उन्होंने 82.86 मीटर का थ्रो किया। इससे पहले बुधवार को नीरज चोपड़ा क्लालिफिकेशन राउंट में अपने ग्रुप में तीसरे और कुल छठे स्थान पर रहे थे। उन्होंने 84.85 मीटर का थ्रो फेंका था। 2021 में टोक्यो ओलंपिक के बाद से, नीरज चोपड़ा किसी भी स्पर्धा से पदक के बिना नहीं लौटे हैं।
बुधवार को नीरज चोपड़ा ने अपने पहले ही प्रयास में 84.85 मीटर की दूरी तक भाला फेंककर फाइनल में जगह बनाई थी। फाइनल के लिए क्वालीफाइंग मार्क 84.50 मीटर निर्धारित की गई थी। यह लगातार पांचवां मौका था, जब चोपड़ा को फाइनल में क्वालीफाई करने के लिए सिर्फ एक प्रयास की आवश्यकता पड़ी।
नीरज ने इस साल सीजन की शुरुआत कतर के दोहा में डायमंड लीग में 90.23 मीटर के थ्रो के साथ की थी। इस थ्रो की वजह से वह वर्तमान में विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की सूची में जर्मनी के जूलियन वेबर और ब्राजील के लुईज दा सिल्वा के बाद तीसरे स्थान पर हैं। हालांकि, विश्व चैम्पियनशिप में वे अपना जलवा बरकरार रखने में नाकाम रहे।
सचिन यादव मेडल से चूके
भारत के एक और जेवलिन थ्रो एथलीट सचिन यादव ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप-2025 के फाइनल में 86.27 मीटर का अपने करियर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया लेकिन कांस्य पदक से चूक गए। वैसे, यह थ्रो क्वालीफिकेशन मार्क 84.85 मीटर से भी कम था। सचिन यादव का 86.27 मीटर का थ्रो पहली अटेम्प्ट में आया। उनका दूसरा थ्रो फाउल रहा। जबकि तीसरी, चौथी, और पांचवीं कोशिश में उन्होंने क्रमश: 85.71 मीटर, 84.90 और 85.96 का थ्रो फेंका।
सचिन यादव कौन हैं?
उत्तर प्रदेश के खेकड़ा गांव से आने वाले और 6 फुट 5 इंच लंबे सचिन यादव का खेल का सफर दरअसल एक तेज गेंदबाज बनने के सपने से शुरू हुआ था। 25 अक्टूबर, 1999 को जन्मे इस एथलीट ने हालांकि, 19 साल की उम्र में जेवलिन थ्रो में कदम रखा। वह पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान एमएस धोनी और तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को अपना आदर्श मानते हैं। विश्व चैंपियनशिप से पहले सचिन यादव ने एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। वहीं, देहरादून में 38वें राष्ट्रीय खेलों में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था, जहाँ उन्होंने 84.39 मीटर थ्रो का रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने पहले ‘नीरज चोपड़ा क्लासिक’ में भी 82.33 मीटर थ्रो के साथ चौथा स्थान भी हासिल किया था।
बहरहाल, फाइनल में त्रिनिदाद और टोबैगो के केशोर्न वालकॉट ने 88.16 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ गोल्ड मेडल जीता। यह उनका सीजन बेस्ट है। वालकॉर्ट लंदन ओलंपिक (2012) में स्वर्ण पदक विजेता रहे थे। उसी साल जूनियर विश्व चैम्पियनशिप का भी गोल्ड मेडल जीता था। एक ही साल में दोनों प्रतिस्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीतने वाले वे पहले खिलाड़ी बने थे।
विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप-2025 के जेवलिन थ्रो में सिल्वर मेडर ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स के नाम रहा। पीटर्स 87.38 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वहीं, अमेरिका के कर्टिस थॉम्पसन 86.67 मीटर के थ्रो के साथ तीसरे स्थान पर रहे।