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लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा कौन हैं, जिन्होंने PAK से टेंशन के बीच भारतीय सेना की उत्तरी कमान संभाली

नई दिल्ली: लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने गुरुवार को भारतीय सेना की उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ का पदभार संभाला। उत्तरी कमान का हेडक्वार्टर जम्मू-कश्मीर स्थित उधमपुर में है। भारतीय सेना की यह महत्वपूर्ण कमान सीधे तौर पर जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा की रक्षा और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती है। गौरतलब है कि पाकिस्तानी सेना लगातार सात दिनों से जम्मू-कश्मीर से लगी नियंत्रण रेखा पर फायरिंग कर रही है।

वहीं, 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ है। ऐसे समय में भारतीय सेना की उत्तरी कमान की जिम्मेदारी लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा को सौंपी गई है। उत्तरी कमान के कमांडिंग इन चीफ रहे लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। सुचिंद्र कुमार की सेवानिवृत्ति के बाद लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा को यह जिम्मेदारी दी गई है।

कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा

लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा एक अत्यंत सम्मानित सैन्य अधिकारी हैं। वे एनडीए, खड़कवासला, भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन के पूर्व छात्र हैं। उन्हें दिसंबर 1987 में मद्रास रेजिमेंट में कमीशन मिला था। उन्होंने हायर कमांड कोर्स किया है और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज, नई दिल्ली से भी शिक्षा प्राप्त की है।

लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा के पास पर्याप्त ऑपरेशनल अनुभव है। उन्होंने नियंत्रण रेखा पर एक इन्फैंट्री बटालियन, ब्रिगेड और डिवीजन की कमान संभाली है। वह पश्चिमी सेक्टर में एक स्ट्राइक कोर की भी कमान संभाल चुके हैं। उन्होंने विभिन्न स्टाफ और प्रशिक्षण पदों पर भी सेवाएं दी हैं, जिनमें संयुक्त राष्ट्र मिशन में स्टाफ ऑफिसर की भूमिका भी शामिल है। वे सेना मुख्यालय में मिलिट्री ऑपरेशन्स निदेशालय और मिलिट्री सेक्रेटरी ब्रांच में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं।

भारतीय सेना की उत्तरी कमान संभाली

उत्तरी कमान प्रमुख का पदभार संभालने से पहले वे महानिदेशक सैन्य संचालन और उप सेना प्रमुख (रणनीति) के रूप में कार्यरत थे। पदभार ग्रहण करने पर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने सभी अधिकारियों और जवानों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि वे अपने पूर्ववर्तियों और उत्तरी कमान के सभी रैंकों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सेना की यह कमान जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान और लद्दाख में चीन के मुकाबला करने के लिए भारतीय सेना का नेतृत्व करती है।

 

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