Saturday, October 11, 2025
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किसने रची थी गुजरात में ट्रेन को पटरी से उतारने और बुरहानपुर में आर्मी ट्रेन को ब्लास्ट करने की साजिश? हुए गिरफ्तार

सूरत/भोपालः 21 सितंबर को गुजरात में सूरत-किम ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। इनमें दो रेलवे कर्मचारी और एक कॉन्ट्रैक्ट वर्कर शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए रेलवे कर्मचारियों के नाम सुभाष पोदार और मनीष मिस्त्री हैं, जबकि कॉन्ट्रैक्ट वर्कर की पहचान शुभम जायसवाल के रूप में हुई है।

इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है। जांच के दौरान सबसे पहले सुभाष पोदार पर शक हुआ। तीनों संदिग्धों से अलग-अलग पूछताछ के बाद साजिश का पर्दाफाश हुआ। आरोपियों को अदालत में पेश करने के बाद रिमांड पर लिया गया है।

पटरी से उतारने की साजिश: खुद रेलवे कर्मचारियों की करतूत

जांच में खुलासा हुआ कि ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश खुद रेलवे कर्मचारियों ने रची थी। घटना के समय पेट्रोलिंग कर रहे सुभाष पोदार ने दावा किया कि उसने इस घटना को सबसे पहले देखा था। लेकिन पूछताछ में अलग ही बात सामने आई। पूछताछ में पोदार ने बताया कि पुरस्कार और प्रमोशन पाने के लिए उन्होंने ही इस पूरी साजिश को अंजाम दिया।

रेलवे कर्मचारी पर कैसे गया शक?

21 सितंबर की सुबह सूरत-किम ट्रेन को उस वक्त पटरी से उतारने की कोशिश की गई, जब रेलवे ट्रैक की फिश प्लेट्स और चाबियां हटा दी गईं। शुरुआत मे, संदेह पोदार पर ही गया, क्योंकि इस घटना को अंजाम देने के लिए तकनीकी जानकारी और अनुभव की जरूरत थी। इतने कम समय में 71 ईआरएस पैडलॉक और 2 फिश प्लेट्स को हटाना सामान्य व्यक्ति के बस की बात नहीं थी।

पोदार ने पेट्रोलिंग के दौरान दावा किया कि उसने सुबह 5:30 बजे रेलवे ट्रैक पर तीन अनजान व्यक्तियों की गतिविधियां देखी थीं। इसके बाद, इलाके में व्यापक तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें विभिन्न एजेंसियों के 140 से ज्यादा कर्मी शामिल थे।

जांच एजेंसी एनआईए, एंटी-टेररिज्म स्क्वाड (एटीएस), स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी), रेलवे पुलिस, लोकल क्राइम ब्रांच, सूरत पुलिस, और रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) की टीमें डॉग स्क्वॉड के साथ मिलकर इस मामले की जांच में जुट गईं।

आर्मी स्पेशल ट्रेन को बम से उड़ाने की साजिश में भी रेलवे कर्मचारी का हाथ

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में रेलवे ट्रैक पर डेटोनेटर ब्लास्ट के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी का नाम साबिर है, जो रेलवे का कर्मचारी है। जांच के दौरान पता चला कि साबिर ने ही रेलवे ट्रैक पर 10 डेटोनेटर प्लांट किए थे। यह घटना 18 सितंबर की है, जब जम्मू-कश्मीर से कर्नाटक जा रही आर्मी स्पेशल ट्रेन नेपानगर के पास पटरी से गुजरी, उसी समय विस्फोट हुआ। हालांकि, लोको पायलट की सतर्कता के कारण ट्रेन को तुरंत रोक दिया गया और एक बड़ा हादसा होने से टल गया।

घटना के बाद एनआईए, एटीएस, आरपीएफ और रेलवे पुलिस सहित कई एजेंसियों ने मामले की जांच शुरू कर दी। चूंकि यह घटना सेना से जुड़ी हुई थी, इसलिए इसकी जांच में विशेष सावधानी बरती जा रही है। इस बीच, सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉ. स्वपनिल नीला ने भी इस मामले पर एक बड़ा खुलासा किया है।

स्वपनिल के अनुसार, जो डेटोनेटर बरामद किए गए हैं, वे रेलवे की नियमित सुरक्षा प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं। डेटोनेटर आमतौर पर कोहरे जैसी स्थितियों में ट्रेन को रोकने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इन्हें ट्रैक पर 1200 मीटर पहले तीन अलग-अलग स्थानों पर लगाया जाता है ताकि ट्रेन की इमरजेंसी ब्रेकिंग की स्थिति में मदद मिल सके।

हालांकि, इस मामले में डेटोनेटर गलत जगह लगाए गए थे, जिसका कोई औचित्य नहीं था। जांच अभी भी जारी है कि यह साबिर की शरारत थी या इसके पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र रचा गया था। एनआईए और एटीएस इसकी गहराई से जांच कर रहे हैं, ताकि घटना की पूरी सच्चाई सामने आ सके।

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