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देशभर में 994 संपत्तियों पर वक्फ का अवैध कब्जा, तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 734ः संसद में सरकार

नई दिल्लीः देशभर में 994 संपत्तियों पर वक्फ के अवैध कब्जे की शिकायत दर्ज की गई है। इनमें से अकेले तमिलनाडु में 734 संपत्तियां अवैध रूप से कब्जाई गई हैं। यह जानकारी केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में दी।

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के सांसद जॉन ब्रिटास ने देशभर में वक्फ संपत्तियों की संख्या और उनकी राज्यवार स्थिति के साथ-साथ उन संपत्तियों का विवरण मांगा था, जिन पर अवैध कब्जा किया गया है। इसके लिखित जवाब में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने कहा कि वक्फ अधिनियम के तहत देश में कुल 8,72,352 अचल और 16,713 चल वक्फ संपत्तियां पंजीकृत हैं। यह डेटा वक्फ एसेट्स मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया (WAMSI) पोर्टल पर उपलब्ध है।

तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 734 वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जा

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लिखित उत्तर में कहा, “WAMSI पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 994 वक्फ संपत्तियों को ‘अवैध रूप से कब्जाई गई’ दिखाया गया है।”  अवैध कब्जा या हस्तांतरण से तात्पर्य उन वक्फ जमीनों या संपत्तियों से है, जिन्हें गैरकानूनी तरीकों से कब्जा या स्थानांतरित किया गया है।

तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 734 संपत्तियों पर वक्फ ने अवैध कब्जा का रिपोर्ट किया गया है। इसके बाद आंध्र प्रदेश में 152, पंजाब में 63, उत्तराखंड में 11, और जम्मू-कश्मीर में 10 संपत्तियां अवैध कब्जे की सूची में शामिल हैं।

रिजिजू ने बताया कि वक्फ अधिनियम की धारा 51(1-A) के तहत वक्फ संपत्तियों की बिक्री, उपहार, विनिमय, बंधक या हस्तांतरण को शून्य घोषित किया गया है। इसके अलावा, धारा 52 के तहत वक्फ बोर्ड को यह अधिकार है कि वह जांच के बाद, जिला कलेक्टर को उस संपत्ति का कब्जा लेकर वक्फ बोर्ड को सौंपने का निर्देश दे।

2019 के बाद वक्फ बोर्ड को केंद्र ने नहीं दी कोई जमीन: आवास और शहरी कार्य मंत्रालय

वहीं, केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने राज्यसभा में कहा कि केंद्र सरकार ने 2019 के बाद से वक्फ बोर्ड को कोई जमीन आवंटित नहीं की है। राज्यसभा सदस्य मिथिलेश कुमार द्वारा 2019 से अब तक केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा वक्फ बोर्ड को दी गई जमीन के कुल क्षेत्रफल से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए राज्य मंत्री (MoS) टोकन साहू ने कहा कि जमीन एक राज्य विषय है, इसलिए राज्य सरकारों द्वारा वक्फ बोर्ड को दी गई जमीन का डेटा मंत्रालय के पास उपलब्ध नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि आवास और शहरी कार्य मंत्रालय की बात करें तो, “भारत सरकार ने 2019 के बाद से वक्फ बोर्ड को कोई जमीन नहीं दी है।”

राज्य सरकारों से विवादित वक्फ संपत्तियों का ब्योरा मांगा गया है

इस साल अगस्त में केंद्र सरकार ने वक्फ (संशोधन) विधेयक संसद में पेश किया था और इसे विचार-विमर्श के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया था। इस समिति की अध्यक्षता वरिष्ठ भाजपा सांसद जगदंबिका पाल कर रहे हैं। समिति को अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए अगले साल बजट सत्र के अंतिम सप्ताह तक का समय दिया गया है।

सरकार ने कहा कि यह कानून मस्जिदों के कामकाज में हस्तक्षेप करने के लिए नहीं है, जबकि विपक्ष ने इसे मुसलमानों को निशाना बनाने और संविधान पर हमला करार दिया। जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने हाल ही में बताया कि पैनल ने राज्य सरकारों से उनके क्षेत्र में विवादित वक्फ संपत्तियों का ब्योरा मांगा है।

इस बीच, महाराष्ट्र के किसानों ने वक्फ बोर्ड पर उनकी जमीन हड़पने की कोशिश का आरोप लगाया है। किसानों का कहना है कि वे इस जमीन पर कई पीढ़ियों से खेती कर रहे हैं, जो लगभग 300 एकड़ में फैली है। वक्फ बोर्ड ने लातूर के 103 किसानों को नोटिस भी भेजा है।

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