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ऑस्ट्रेलिया में दोगुने से ज्यादा महंगा हुआ छात्र वीजा शुल्क, जानें सरकार ने क्यों उठाया ये कदम?

सिडनीः ऑस्ट्रेलिया सरकार ने विदेशी छात्रों के वीज़ा शुल्क को दोगुना से भी ज्यादा बढ़ा दिया है। यह कदम बढ़ते हुए आप्रवासन को कम करने के लिए उठाया गया है जिससे वहां के पहले से ही तंग आवास बाजार पर और ज्यादा दबाव पड़ रहा है।

1 जुलाई 2014 से नियम लागू

पहली जुलाई से, अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा शुल्क 710 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर से बढ़ाकर 1600 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 89112 रुपए) कर दिया गया है। साथ ही, घूमने के लिए आने वाले वीजा धारकों और अस्थायी स्नातकोत्तर वीजा रखने वाले छात्रों को अब ऑस्ट्रेलिया में रहते हुए छात्र वीजा के लिए आवेदन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

आप्रवासन 60% बढ़कर रिकॉर्ड 548,800 हुआ

गृह मामलों की मंत्री क्लेयर ओ’नील ने एक बयान में कहा, “आज लागू होने वाले ये बदलाव हमारी अंतरराष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली की सत्यनिष्ठा को बहाल करने में मदद करेंगे, और एक ऐसा आप्रवासन प्रणाली बनाएंगे जो ज्यादा न्यायपूर्ण, छोटा और ऑस्ट्रेलिया के लिए बेहतर परिणाम देने वाला हो।” मार्च में जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि 30 सितंबर, 2023 तक के वर्ष में शुद्ध आप्रवासन 60% बढ़कर रिकॉर्ड 548,800 तक पहुंच गया है।

ऑस्ट्रेलिया में छात्र वीजा काफी महंगा हुआ

ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करने के लिए छात्र वीजा अब काफी महंगा हो गया है। इसकी वजह से अमेरिका और कनाडा जैसे दूसरे लोकप्रिय विकल्पों के मुकाबले अब ऑस्ट्रेलिया में पढ़ना काफी कम किफायती हो गया है। वहां छात्र वीजा की फीस क्रमशः केवल $185 और C$150 (लगभग $110) है।

बार-बार वीजा लेने वाले छात्रों की संख्या पर लगेगी लगाम

दरअसल, पिछले कुछ समय में ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले विदेशी छात्रों की संख्या बहुत बढ़ गई है। यही कारण है कि सरकार ने अब वीजा नियम सख्त कर दिए हैं। खासकर, 2022-23 में तो कई विदेशी छात्र बार-बार वीजा लेकर वहीं रहने लगे। आंकड़ों के अनुसार, एक से ज्यादा बार छात्र वीजा लेने वालों की संख्या 30% से भी ज्यादा बढ़कर 1 लाख 50 हजार से भी ज्यादा हो गई थी।

यहां बताते चलें कि भारत के विदेश मंत्रालय के 2023 (जनवरी से सितंबर) के आंकड़ों के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुल 1,22,391 भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं, जो 2022 में 1,00,009 थे।

इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने पिछले साल के अंत से ही कई कदम उठाए हैं। मार्च में उन्होंने अंग्रेजी भाषा की परीक्षा पास करने के नियम कड़े कर दिए। साथ ही, मई में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय छात्रों को वीजा प्राप्त करने के लिए आवश्यक बचत की राशि मई में A$24,505 से बढ़ाकर A$29,710 (करीब 1656759 रुपए) कर दी गई थी, जो लगभग सात महीनों में दूसरी वृद्धि थी।

सरकार के इस कदम की आलोचना

यूनिवर्सिटीज ऑस्ट्रेलिया के सीईओ ल्यूक शीही ने कहा कि इस क्षेत्र पर सरकार का निरंतर नीतिगत दबाव देश की मजबूत स्थिति को खतरे में डाल देगा। शीही ने ईमेल के माध्यम से दिए गए जवाब में कहा, “यह हमारी अर्थव्यवस्था या हमारे विश्वविद्यालयों के लिए अच्छा नहीं है, दोनों ही अंतर्राष्ट्रीय छात्र शुल्क पर बहुत अधिक निर्भर हैं।” अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े निर्यात उद्योगों में से एक है और 2022-2023 वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था के लिए इसका मूल्य 36.4 बिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर था।

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