Homeखेलकूदविराट का विराट रिकॉर्ड, अजहरुद्दीन को छोड़ा पीछे

विराट का विराट रिकॉर्ड, अजहरुद्दीन को छोड़ा पीछे

दुबई: विराट कोहली ने रविवार को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में पाकिस्तान के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी 2025 ग्रुप ए के मुकाबले में 158 कैच लेकर भारत के लिए वनडे में फील्डर के तौर पर सबसे ज्यादा कैच लेने का मोहम्मद अजहरुद्दीन का रिकॉर्ड पीछे छोड़ दिया। विराट ने लक्ष्य का पीछा करते हुए 14 हजार वनडे रन भी पूरे कर लिए।  

36 वर्षीय कोहली ने 47वें ओवर में कुलदीप यादव की गेंद पर नसीम शाह का कैच लेकर यह रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने आखिरी ओवर में खुशदिल शाह का कैच लेकर अपने रिकॉर्ड को और बेहतर किया।

मोहम्मद अजहरुद्दीन (156), सचिन तेंदुलकर (140), राहुल द्रविड़ (124) और सुरेश रैना (102) इस सूची में शामिल अन्य खिलाड़ी हैं।

14 हजार रन बनाने वाले तीसरे बल्लेबाज

कोहली, जो सचिन तेंदुलकर और कुमार संगकारा के बाद इस प्रारूप में तीसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी हैं, 14,000 वनडे रन के मील के पत्थर तक पहुंच गए। कोहली ने हारिस रउफ की गेंद को चार रन के लिए मिडऑफ की बायीं ओर से पुश किया और वनडे में 14 हजार रन पूरे कर लिए। 

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने उतरे पाकिस्तान के बल्लेबाजों ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन रन गति बनाए रखने में संघर्ष किया। सऊद शकील (62) और मोहम्मद रिज़वान (46) के बीच 104 रनों की साझेदारी ही उनकी पारी की एकमात्र खास  बात रही, हालांकि यह बहुत धीमी गति से हुई। 151-2 के स्कोर पर पाकिस्तान 250 से आगे जाने की स्थिति में था, लेकिन भारत ने बल्लेबाजी की धज्जियां उड़ाते हुए उन्हें 241 रनों पर आउट कर दिया। 

विराट के साथ-साथ स्पिनर कुलदीप ने भी 300 अंतरराष्ट्रीय विकेट लेने वाले पांचवें भारतीय स्पिनर बनकर रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज करा लिया। कानपुर के 30 वर्षीय खिलाड़ी महान स्पिनरों अनिल कुंबले, रविचंद्रन अश्विन, हरभजन सिंह और रवींद्र जडेजा की श्रेणी में शामिल हो गए। कुलदीप ने 43वें ओवर में सलमान अली आगा को आउट करके अपना 300वां विकेट हासिल किया।

(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version