Saturday, October 11, 2025
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विनेश फोगाट को क्यों अयोग्य घोषित किया गया? नियम क्या है और दिल तोड़ने वाली खबर पर पीएम मोदी क्या बोले?

पेरिस: भारतीय महिला रेसलर विनेश फोगाट सहित समूचे भारतीय फैंस को बुधवार को बड़ा झटका लगा। विनेश फोगाट 50 किलोग्राम महिला वर्ग की ओलंपिक रेसलिंग के फाइनल से पहले ही अयोग्य घोषित कर दी गईं। सामने आई जानकारी के अनुसार फोगाट को ओवरवेट होने की वजह से डिसक्वालीफाई किया गया है। उन्हें फाइनल में अमेरिका की सारा हिडेब्रैंड्ट से भिड़ना था। अयोग्य घोषित होने की वजह से विनेश फोगाट अब किसी मेडल की हकदार इस ओलंपिक में नहीं होंगी।

इससे पहले फोगाट ने मंगलवार को पेरिस ओलंपिक में तीन पहलवानों को पटखनी देते हुए फाइनल में जगह बना ली थी। इस तरह वह ओलंपिक के रेसलिंग फाइनल में जगह बनाने वाली पहली भारतीय महिला बन गई थीं। देश इस ऐतिहासिक उपलब्धि के जश्न में डूबा हुआ था और गोल्ड मेडल की उम्मीद कर रहा था, उसी बीच दिल तोड़ने वाली खबर आई।

रिपोर्ट्स के अनुसार क्वालीफायर और सेमीफाइनल राउंड से पहले विनेश फोगाट का वजन मानदंड के भीतर था। हालांकि, फाइनल से पहले उनका वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया। ऐसे में आइए जानते कि ओलंपिक कुश्ती के लिए वजन के नियम क्या होते हैं और ये कैसे काम करते हैं।

विनेश फोगाट अयोग्य घोषित…क्या है नियम?

दरअसल, भारतीय ओलंपिक संघ ने बुधवार को ट्वीट कर बताया, ‘भारतीय दल महिला कुश्ती 50 किलोग्राम वर्ग से विनेश फोगाट के अयोग्य घोषित किए जाने की खबर आपसे साझा करता है। रात भर टीम द्वारा किए गए बेहतरीन प्रयासों के बावजूद, आज सुबह उनका वजन 50 किलोग्राम से कुछ ग्राम अधिक था। इस समय दल द्वारा कोई और टिप्पणी नहीं की जाएगी। भारतीय दल आपसे विनेश की निजता का सम्मान करने का अनुरोध करता है। वह मौजूदा प्रतियोगिताओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहेगी।’

नियमों के अनुसार प्रतिस्पर्धा वाले दिन सुबह में पहलवान का वजन किया जाता है। प्रत्येक भार वर्ग के लिए टूर्नामेंट का आयोजन दो दिनों में लड़ा जाता है। इसलिए जो भी पहलवान फाइनल या रेपेचेज में पहुंचते हैं, उन्हें मुकाबलों के दोनों दिन अपने भार वर्ग के अनुसार वजन रखना होता है। पहले वजन के दौरान पहलवानों के पास 30 मिनट का समय रहता है। इस दौरान वे जितनी बार चाहें वजन करा सकते हैं।

एथलीटों की भी जांच की जाती है कि उनमें किसी संक्रामक बीमारी के कोई लक्षण तो नहीं है। साथ ही उनके नाखून बहुत छोटे कटे होने चाहिए। ऐसे ही टूर्नामेंट या मुकाबले के दूसरे दिन किसी भी पहलवान को वजन कराने के लिए 15 मिनट का समय दिया जाता है। चूकी विनेश फोगाट 50 किलोग्राम वर्ग में चुनौती दे रही थीं तो उनका वजन भी इतना ही होना चाहिए था।

पीएम नरेंद्र मोदी ने क्या कहा?

विनेश फोगाट के दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से ओलंपिक से बाहर होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने लिखा, ‘विनेश आप चैंपियनों की चैंपियन हैं! आप भारत का गौरव हैं और प्रत्येक भारतीय के लिए प्रेरणा हैं। आज का झटका दुख देता है। काश शब्द उस निराशा की भावना को व्यक्त कर पाते जो मैं अनुभव कर रहा हूँ। साथ ही, मैं जानता हूं कि चुनौतियों का डटकर मुकाबला करना हमेशा से आपका स्वभाव रहा है। मजबूत होकर वापस आओ! हम सब आपके पक्ष में हैं।’

बता दें कि विनेश अपने तीसरे ओलंपिक में भाग ले रही थीं। वह चोट के कारण 2016 रियो ओलंपिक में पदक से चूक गईं थी। वह टोक्यो ओलंपिक में 53 किग्रा क्वार्टर फाइनल में वेनेसा कलादज़िंस्काया से हार गईं। विनेश राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी हैं।

विनेश के लिए पहले से वजन था चिंता का विषय

विनेश को 50 किलोग्राम वर्ग के लिए वजन कम करना हमेशा संघर्षपूर्ण करना पड़ा है। दरअसल, 50 किलोग्राम में स्विच करने से पहले वह हाल तक 53 किलोग्राम वर्ग में खेल रही थी। ऐसे में ताजा बदलाव पटियाला में ट्रायल के दौरान किया गया था। फोगट का सामान्य वजन लगभग 55-56 किलोग्राम रहता है, जिसे मुकाबले के दिनों में उन्हें घटाकर 50 किलोग्राम करना पड़ता है। ऐसा करना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। विनेश के लिए अपने शरीर के वजन को 55-56 किलोग्राम से कम रखना काफी कठिन होता है क्योंकि इसमें कटौती करने के लिए बहुत कम गुंजाइश होती है। ऐसी परिस्थिति में एथलीट पसीना बहाकर शरीर से अतिरिक्त पानी निकालने की कोशिश करते हैं। ऐसी रिपोर्ट है कि विनेश ने तो वजन को कम करने के लिए कुछ खून भी अपने शरीर से निकाले थे।

यह भी पढ़ें- विनेश फोगाट की ओलंपिक में ऐतिहासिक उपलब्धि पर कांग्रेस ताल क्यों ठोक रही है?

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