संयुक्त राष्ट्र: अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और उसकी माजिद ब्रिगेड पर प्रतिबंध लगाने के पाकिस्तान-चीन के संयुक्त प्रयास को रोक दिया है। यह कदम तब उठाया गया है जब एक महीने पहले ही अमेरिका ने इन दोनों समूहों को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था।
संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध व्यवस्था के तहत बीएलए और उसकी आत्मघाती इकाई माजिद ब्रिगेड पर प्रतिबंध लगाने के संयुक्त प्रस्ताव को रोकते हुए, अमेरिका और उसके सहयोगियों ने कहा कि इन समूहों का अल-कायदा या आईएसआईएल (ISIL) से कोई सीधा संबंध साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र 1267 प्रतिबंध व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 1999 के प्रस्ताव 1267 से संबंधित है। इसके तहत अल-कायदा, तालिबान और आईएसआईएल से जुड़े व्यक्तियों या संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए जाते हैं, जिनमें यात्रा प्रतिबंध, संपत्ति जब्त करना और हथियारों का प्रतिबंध शामिल है।
बता दें इससे पहले पाकिस्तान और चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और उसकी माजिद ब्रिगेड पर प्रतिबंध लगाने का एक संयुक्त प्रस्ताव पेश किया था। बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत आसिम इफ्तिखार अहमद ने कहा कि आईएसआईएल-के, अल-कायदा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और उसकी माजिद ब्रिगेड जैसे आतंकवादी समूह अफगानिस्तान से काम कर रहे हैं और सीमा पार हमले कर रहे हैं।
अहमद ने आगे कहा कि अफगानिस्तान से उत्पन्न होने वाला आतंकवाद पाकिस्तान की प्राथमिक राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती बना हुआ है। उन्होंने तालिबान के नेतृत्व वाली अफगान सरकार से अपनी अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का आग्रह किया।
अहमद ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा, “पाकिस्तान और चीन ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और माजिद ब्रिगेड को नामित करने के लिए 1267 प्रतिबंध समिति को संयुक्त रूप से एक अनुरोध प्रस्तुत किया है। हम उम्मीद करते हैं कि परिषद उनकी आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए इस सूची पर तुरंत कार्रवाई करेगी।”
गौरतलब है कि पिछले महीने, बीएलए और उसके सहयोगी माजिद ब्रिगेड को अमेरिका द्वारा एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया गया था। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी वर्षों से अमेरिकी जाँच के दायरे में रहा है। इसे पहली बार 2019 में आतंकवादी घटनाओं की एक शृंखला से जुड़े होने के बाद एक विशेष नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) के रूप में नामित किया गया था। तब से, इस समूह ने माजिद ब्रिगेड द्वारा किए गए आत्मघाती बम विस्फोटों और हाई-प्रोफाइल हमलों सहित कई हमलों की जिम्मेदारी ली है।