वाशिंगटनः ट्रंप टैरिफ के बाद अमेरिका ने भारत को एक और झटका दिया है। 18 सितंबर, गुरुवार को अमेरिका ने कुछ भारतीय बिजनेस एग्जीक्यूटिव्स के वीजा रद्द करने की घोषणा की है। अमेरिका ने इस कार्रवाई के पीछे ड्रग-तस्करी में बिजनेस एग्जीक्यूटिव्स के तार जुड़े होने को बताया है। अमेरिका ने कहा कि फेंटेनाइल प्रीकर्सर की तस्करी में संलिप्तता के आरोप में भारत में कुछ व्यापारिक अधिकारियों के साथ कॉर्पोरेट नेतृत्व के वीजा रद्द किए गए हैं।
अमेरिका दूतावास ने हालांकि इन अधिकारियों की पहचान बताने से इंकार किया है। दूतावास ने एक बयान में कहा कि व्यापारिक अधिकारियों और कॉर्पोरेट नेताओं के वीजा को रद्द करने और बाद में अस्वीकार करने का कदम “अमेरिका को खतरनाक सिंथेटिक नशीले पदार्थों से सुरक्षित रखने के ट्रंप प्रशासन के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए ” उठाया गया।
अमेरिकी दूतावास ने इस पर क्या कहा?
इस घटनाक्रम पर फिलहाल भारत की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस साल ऐसा दूसरी बार हुआ है जब अमेरिका ने भारतीय नागरिकों पर वीजा प्रतिबंध की घोषणा की है। इसी साल मई में विदेश विभाग ने भारत में ट्रैवल एजेंसियों के मालिकों और अधिकारियों पर “जानबूझकर” अमेरिका में अवैध आव्रजन को बढ़ावा देने के लिए वीजा प्रतिबंधों की घोषणा की थी।
अमेरिकी दूतावास ने कहा कि गुरुवार को की गई कार्रवाई आव्रजन एवं राष्ट्रीयता अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत की गई। इसमें यह भी कहा गया कि प्रभावित व्यक्ति और उनके परिवार के करीबी सदस्य भी अमेरिका में यात्रा के लिए अयोग्य हो सकते हैं। दूतावास ने कहा कि वह फेंटेनाइल प्रीकर्सर की तस्करी करने वाली कंपनियों से जुड़े अधिकारियों को अमेरिकी वीजा के लिए आवेदन करते समय कड़ी जांच के लिए चिह्नित कर रहा है।
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अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका इन कंपनियों और व्यक्तियों के नाम उजागर करने में असमर्थ है। दूतावास ने कहा “नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास अवैध मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है। अमेरिका में मादक पदार्थों के अवैध उत्पादन और तस्करी में शामिल व्यक्तियों और संगठनों को, उनके परिवारों सहित परिणाम भुगतने होंगे, जिनमें अमेरिका में प्रवेश से वंचित होना भी शामिल हो सकता है।”
अमेरिकी न्याय विभाग ने लगाया था आरोप
इसी साल जनवरी में अमेरिकी न्याय विभाग ने भारत स्थित दो कंपनियों रक्स्टर केमिकल्स और एथोस केमिकल्स के अलावा रक्स्टर केमिकल्स के वरिष्ठ कार्यकारी भावेश लाठिया पर “अमेरिका में फेंटेनाइल प्रीकर्सर रसायनों के वितरण और आयात की आपराधिक साजिश” का आरोप लगाया था।
इस दौरान न्याय विभाग ने एक बयान भी साझा किया था जिसके मुताबिक, लाठिया को 4 जनवरी को न्यूयॉर्क में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया था। उस समय के अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने कहा था कि कंपनियों और अधिकारियों ने भारत से संयुक्त राज्य अमेरिका और मैक्सिको में फेंटेनाइल प्रीकर्सर रसायनों के वितरण और आयात की साजिश रची थी।
अमेरिकी न्याय विभाग ने यह भी आरोप लगाया था कि दो कंपनियों ने इंटरनेशनल मेल और पैकेज वाहकों के जरिए अमेरिका और मैक्सिको में रासायनिक उत्पाद भेजे। सीमाओं पर रासायनिक उत्पादों का पता लगने से बचाने के लिए कंपनियों ने कथित तौर पर भ्रामक और धोखाधड़ी वाले तरीके अपनाए। इसके लिए कंपनियों ने पैकेज पर गलत लेबल लगाए और सीमा शुल्क कागजों में भी हेराफेरी की।