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26/11 के आरोपी तहव्वुर राणा की प्रत्यर्पण पर रोक की याचिका अमेरिकी अदालत ने की खारिज

नई दिल्लीः अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा की भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी है। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रत्यर्पण को मंजूरी देने के कुछ हफ्तों बाद आया है।

सुप्रीम कोर्ट की जज एलेना केगन ने राणा की याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर 6 मार्च, 2025 को जारी एक नोट में कहा गया है, “आवेदन…न्यायाधीश केगन द्वारा अस्वीकार कर दिया गया।” 

इसके बाद राणा के वकील ने तत्काल सुनवाई के लिए अमेरिका की शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश के सामने आवेदन पेश करने की अपील की। 

63 वर्षीय तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। वह फिलहाल लॉस एंजिल्स की मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है। राणा लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी डेविड हेडली का सहयोगी है, जो 2008 के मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में शामिल था। इस हमले में 175 लोगों की जान गई थी।

याचिका में राणा ने क्या कहा था?

राणा ने अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी आपातकालीन याचिका में दावा किया था कि अगर उसे भारत प्रत्यर्पित किया गया तो वहां उसकी यातना दी जाएगी, क्योंकि वह पाकिस्तानी मूल का मुस्लिम है।

राणा ने अपनी याचिका में दावा किया था कि ह्यूमन राइट्स वॉच 2023 की वर्ल्ड रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की बीजेपी सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों विशेष रूप से मुस्लिमों के साथ भेदभाव करती है। भारत की सरकार लगातार तानाशाह होती जा रही है और इसके पर्याप्त कारण हैं कि भारत सरकार को सौंपे जाने पर उसे प्रताड़ित किया जाएगा।

तहव्वुर राणा ने कहा था कि वह कई तरह की बीमारियों से जूझ रहा है। वह पार्किंसंस की समस्या से भी जूझ रहा है। ऐसी जगह नहीं भेजा जाए, जहां राष्ट्रीय, धार्मिक और सांस्कृतिक तौर पर उन्हें निशाना बनाया जाएगा।

गौरतलब है कि फरवरी में प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने घोषणा की थी कि राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी गई है।

ट्रंप ने कहा था, “हम एक बहुत ही हिंसक व्यक्ति को तुरंत भारत को सौंप रहे हैं। अभी और भी बहुत कुछ करना बाकी है क्योंकि हमारे पास काफी अनुरोध हैं। हम भारत के साथ अपराध के मामले में काम करते हैं और हम भारत के लिए हालात बेहतर बनाना चाहते हैं।” 

राणा के प्रत्यर्पण का रास्ता जनवरी में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसकी पुनर्विचार याचिका खारिज करने के बाद साफ हो गया था।

तहव्वुर राणा पर क्या हैं आरोप?

2008 के मुंबई हमलों में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी डेविड हेडली की मदद के अलावा तहव्वुर राणा पर कई गंभीर आरोप हैं। हेडली ने हमलों से पहले भारत का दौरा किया था, जहां उसने राणा की इमिग्रेशन कंसल्टेंसी कंपनी के कर्मचारी के रूप में ताज होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनल और अन्य अहम स्थानों की रेकी की थी, जहां बाद में आतंकी हमले हुए।

इसके अलावा, राणा पर डेनमार्क के एक अखबार पर हमला करने की असफल साजिश में शामिल रहने का भी आरोप है। इस अखबार ने 2005 में पैगंबर मुहम्मद के विवादित कार्टून प्रकाशित किए थे, जिसके बाद दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन हुए थे।

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