Saturday, October 11, 2025
Homeभारततेलंगाना सरकार के किस फैसले पर हैदराबाद यूनिवर्सिटी में मचा बवाल? हिरासत...

तेलंगाना सरकार के किस फैसले पर हैदराबाद यूनिवर्सिटी में मचा बवाल? हिरासत में 50 से ज्यादा छात्र

हैदराबाद: हैदराबाद विश्वविद्यालय के कई छात्रों को रविवार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। यह कार्रवाई उस समय की गई जब छात्र रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार के विश्वविद्यालय से सटे कांचा गाचीबोवली (Kancha Gachibowli) में 400 एकड़ जमीन को नीलामी के लिए मंजूरी देने के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। 

साइबराबाद पुलिस आयुक्त अविनाश मोहंती ने बताया कि करीब 50 छात्रों को एहतियातन हिरासत में लिया गया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 53 छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया। इन सबके बीच विपक्षी पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने दावा किया है कि छात्रों के प्रदर्शन को कवर करने आए पत्रकारों को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।

विश्वविद्यालय से सटी हुई यह जमीन राज्य सरकार की आईटी पार्क सहित यहां अन्य परियोजनाओं को विकसित करने की योजना का हिस्सा है। हालांकि, यहां बड़े पैमाने पर पेड़-पौधे मौजूद हैं और जंगल जैसा इलाका है। इसी वजह से तेलंगाना सरकार के जमीन की नीलामी करने के फैसले का विरोध हो रहा है। 

कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार कथित तौर पर निवेश आकर्षित करने और आईटी पार्कों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए इस जमीन की नीलामी करने का लक्ष्य बना रही है। कई छात्रों और स्थानीय निवासियों ने पर्यावरण का हवाला देते हुए सरकार की योजना पर चिंता जताई है।

बुलडोजर पहुंचने की खबर फैलने के बाद पहुंचे थे छात्र

न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार रविवार को विरोध प्रदर्शन उस समय शुरू हुआ जब यह बात फैली कि जमीन को साफ करने के लिए कई बुलडोजर साइट पर पहुंचे हैं। इसके बाद प्रदर्शन कर रहे कुछ लोग मशीनों पर चढ़ गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्हें यहां से चले जाने को कहा। विरोध प्रदर्शन को तेज होता देख पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और छात्रों में हिरासत में लेने लगी।

प्रोजेक्ट का विरोध राजनीति से प्रेरित: रेवंत रेड्डी 

कांचा गचीबोवली हैदराबाद के आईटी कॉरिडोर के बीचोबीच स्थित है। विधान सभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने हाल ही में दावा किया कि विरोध प्रदर्शन राजनीति से प्रेरित हैं और ‘उस क्षेत्र में कोई बाघ या हिरण नहीं है, लेकिन कुछ चालाक ‘लोमड़ियाँ’ विकास में बाधा डालने की कोशिश कर रही हैं।’ 

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष छात्रों के विरोध को भड़का रहा है और परियोजना को रोकने के लिए जनहित याचिका दायर कर रहा है। दूसरी ओर आईटी और उद्योग मंत्री डी श्रीधर बाबू ने विधानसभा में कहा था कि प्रस्तावित नीलामी के लिए निर्धारित भूमि विश्वविद्यालय की नहीं है और राज्य सरकार उस संपत्ति की मालिक है।

‘ये मोहब्बत की दुकान नहीं…कांग्रेस के धोखे का बाजार है’

इस मुद्दे पर राज्य में राजनीतिक बहस तेज हो गई है। विपक्षी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने स्थिति से निपटने के तरीकों को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस की आलोचना की है। बीआरएस ने राहुल गांधी के ‘मोहब्बत की दुकान’ नारे पर तंज कसते हुए कहा कि मौजूदा सरकार पारदर्शिता और निष्पक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन कर रही है।

बीआरएस की ओर से ‘एक्स’ पर लिखा गया, ‘कांग्रेस की ‘मोहब्बत की दुकान’ अब हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी तक पहुंच गई है। कांचा गचीबोवली में 400 एकड़ जमीन बेचने के कांग्रेस सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों और पत्रकारों को तेलंगाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।’

पार्टी ने आरोप लगाया, ‘राहुल गांधी संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं और ‘उपदेश’ देते हैं, लेकिन उनकी सरकार बिल्कुल इसके विपरीत कर रही है।’ बीआरएस ने कहा कि यह मोहब्बत की दुकान नहीं, यह कांग्रेस के धोखे का बाजार है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा