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‘आधार कभी नहीं रहा पहली पहचान’, बिहार में वोटर लिस्ट विवाद के बीच बोले UIDAI चीफ

नई दिल्लीः बिहार में चुनाव आयोग के वोटर लिस्ट को लेकर विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के आदेश के बाद विवाद जारी है। चुनाव आयोग ने इसके तहत नागरिकों को नागरिकता सिद्ध करने के लिए 11 दस्तावेजों की सूची जारी की थी, जिसमें आधार कार्ड शामिल नहीं था। अब इस पर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के सीईओ भुवनेश कुमार ने कहा है कि आधार “कभी भी पहली पहचान नहीं रहा है।”

इस बारे में इंडिया टुडे से विशेष बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि फर्जी आधार कार्ड उद्योग पर भी रोक लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आधार कार्ड में क्यूआर कोड के माध्यम से एक अंतर्निहित सुरक्षा तंत्र होता है। 

नकली आधार कार्ड पर कसी जा रही नकेल

उन्होंने कहा “नए जारी किए गए आधार कार्ड में क्यूआर कोड होता है और यूआईडीएआई द्वारा विकसित एक आधार क्यूआर स्कैनर ऐप है। इस ऐप के माध्यम से कोई भी व्यक्ति आधार कार्ड की साख का मिलान क्यूआर कोड में निहित जानकारी से कर सकता है। अगर कोई नकली आधार कार्ड बनाता है तो उसे आसानी से रोका और जांचा जा सकता है। “

कुमार ने आगे कहा कि ऐसी कई मामले हो सकते हैं जहां लोग फोटोशॉप या प्रिंटेड टेम्प्लेट का इस्तेमाल करके नकली आधार कार्ड बना लेते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया “ये आधार कार्ड नहीं हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि आधार ऐप विकास के अंतिम चरण में है। 

इस बाबत उन्होंने कहा “डेमो पहले ही कर लिया गया था। कार्य प्रगति पर है और आंतरिक रूप से इसे साझा भी किया गया था। यह ऐप मूल रूप से आधार संख्या धारक की सहमति से डिजिटल रूप से सहज तरीके से पहचान साझा करने की अनुमति देगा।”

आधार कार्ड ऐप आ जाने के बाद लोगों को आधार कार्ड की फिजिकल कॉपी शेयर करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसका एक मास्क्ड संस्करण भी होगा जो यूजर्स की सहमति के आधार पर जानकारी साझा करने की अनुमति देगा। यूजर्स यह तय कर सकेंगे कि वह क्या जानकारी देना चाहते हैं। 

एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग ने क्या कहा?

इस बीच चुनाव आयोग ने रविवार को एसआईआर को लेकर अपनी बात दोहराते हुए कहा कि इसे जमीनी स्तर पर सुचारु रूप से क्रियान्वित किया जा रहा है और इसके लिए निर्देशों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने हालांकि चुनाव आयोग से एसआईआर प्रक्रिया पर बिहार विधानसभा चुनाव तक रोक लगाने की बात कही है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने कहा कि राज्य में आधार कार्ड और मनरेगा कार्ड अधिक प्रचलित हैं। ऐसे में इन्हें शामिल न करने से वोटर्स को परेशानी हो सकती है। 

तेजस्वी यादव ने इसके साथ ही यह भी मांग की कि चुनाव आयोग प्रतिदिन मतदाताओं का विधानसभा वार ब्यौरा प्रकाशित करे। इसके साथ ही बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) की सहायता करने वाले स्वयंसेवकों की पहचान का खुलासा करने की भी मांग की।

एसआईआर प्रक्रिया के तहत चुनाव आयोग ने जिन 11 दस्तावेजों की सूची जारी की है, उनमें आधार, पैन, राशन, ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है, जो कि ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं। इस 11 दस्तावेजों में पासपोर्ट, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, हाई स्कूल या इंटरमीडिएट की मार्कशीट समेत अन्य दस्तावेज मांगे गए हैं। 

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