Homeभारततेलंगाना बना एससी आरक्षण में उप-वर्गीकरण लागू करने वाला पहला राज्य

तेलंगाना बना एससी आरक्षण में उप-वर्गीकरण लागू करने वाला पहला राज्य

हैदराबाद: तेलंगाना आरक्षण में अनुसूचित जाति (एससी) के लिए उप-वर्गीकरण लागू करने वाला पहला राज्य बना गया है। तेलंगाना की सरकार ने सोमवार को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की, जिसमें विस्तृत कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रिया के बाद भविष्य की सभी भर्तियों और शिक्षा संबंधी निर्णयों के लिए एससी उप-वर्गीकरण (Sub-categorisation) को आधिकारिक रूप से लागू करने की बात कही गई है। 

तेलंगाना में यह एक्ट 14 अप्रैल से लागू हो गया है। इसके साथ ही तेलंगाना सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिलने के बाद एससी उप-वर्गीकरण को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। कुछ महीनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में अहम फैसला सुनाया था।

बहरहाल, टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार तेलंगाना के सिंचाई, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी, जो इस मामले पर कैबिनेट उपसमिति के प्रमुख भी हैं, उन्होंने कहा कि इस नीति का उद्देश्य एससी उपजातियों के बीच आरक्षण लाभ को समान रूप से वितरित करना है। 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रोक दी थी भर्ती: रेड्डी

मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा, ‘तेलंगाना में एससी को 15% आरक्षण प्राप्त है, हमेशा से यह भावना रही है कि एससी की कुछ उपजातियों को दूसरों की तुलना में अधिक लाभ मिल रहा है। इसलिए जब सुप्रीम कोर्ट ने लगभग 6-7 महीने पहले एक निर्णय दिया, जिसमें राज्यों को उप-जातियों के आरक्षण का अधिकार दिया गया, तो तेलंगाना पहला राज्य था जिसने विधानसभा में घोषणा की कि हम वर्गीकरण पूरा होने तक कोई और नौकरी की अधिसूचना या नौकरी रिक्तियों को भरने का काम नहीं करेंगे।’

रेड्डी ने आगे कहा, ‘इसलिए हमने एक विस्तृत प्रक्रिया अपनाई, मैं कैबिनेट उप-समिति का अध्यक्ष हूं। हमने एक उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को एक सदस्यीय न्यायिक आयोग के रूप में नियुक्त किया। हम एक बहुत ही सावधानीपूर्वक, व्यवस्थित, कानूनी रूप से वैध प्रक्रिया से गुजरे और हमने इसे पूरा किया और आज हमने आवश्यक आदेश जारी किए हैं और आज से तेलंगाना में कानून लागू हो जाएगा, जहां रोजगार और शिक्षा के सभी आगे के मुद्दों में एससी वर्गीकरण के अनुसार फैसले किए जाएंगे।’ 

उन्होंने आगे बताया कि सभी विभागीय रिक्तियों की जानकारी इकट्ठा करने के लिए मंगलवार को एक बैठक निर्धारित है। उन्होंने कहा, ‘हम सभी विभागों में सभी रिक्तियों को आमंत्रित करने के लिए एक बैठक भी कर रहे हैं, और हम अगले कुछ दिनों में एक अधिसूचना जारी करेंगे। उन सभी में, एससी वर्गीकरण लागू होगा।’

तीन ग्रुप में बांटे गए एससी वर्ग

तेलंगाना सरकार की ओर से बताया गया है कि अधिनियम का उद्देश्य 59 एससी उप-जातियों को पिछड़ेपन के आधार पर तीन समूहों में वर्गीकृत करके अनुसूचित जातियों के लिए मौजूदा 15% आरक्षण को युक्तिसंगत बनाना है। ग्रुप एक में 15 सबसे वंचित समुदाय शामिल किए गए हैं, जो एससी आबादी का 3.288% है, और उन्हें 1% आरक्षण आवंटित किया गया है। 

ऐसे ही ग्रुप-2 में 18 मध्यम रूप से लाभान्वित समुदाय शामिल किए गए हैं, जो एससी आबादी का 62.74% है, और उन्हें 9% आरक्षण आवंटित किया गया है। ग्रुप-3 में 26 अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति वाले समुदाय शामिल हैं, जो एससी आबादी का 33.963% है, और उन्हें 5% आरक्षण दिया गया है। 

शमीम अख्तर आयोग की रिपोर्ट के आधार पर वर्गीकरण

इससे पहले 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद अक्टूबर 2024 में नियुक्त शमीम अख्तर आयोग को एससी उप-जातियों में सामाजिक-आर्थिक स्थिति का अध्ययन करने का काम सौंपा गया था। 
तेलंगाना सरकार की विज्ञप्ति के अनुसार आयोग की ओर से प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद, कई समुदायों द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करने के लिए इसकी अवधि एक महीने के लिए बढ़ा दी गई थी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले हर आवाज सुनी जाए।

तेलंगाना सरकार के अनुसार आयोग को 8,600 से ज्यादा प्रतिनिधित्व मिले और उसने जनसंख्या वितरण, साक्षरता स्तर, उच्च शिक्षा में प्रवेश, रोजगार के रुझान, वित्तीय सहायता और राजनीतिक भागीदारी का विस्तृत विश्लेषण किया।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने एक्स पर लिखा, ‘तेलंगाना भारत का पहला राज्य है जिसने एससी उप-वर्गीकरण के क्रांतिकारी निर्णय को लागू किया है। हम सभी को इतिहास रचने पर गर्व है। भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. बी.आर. अंबेडकर की जयंती के बेहद शुभ दिन पर, तेलंगाना राज्य सरकार ने सामाजिक न्याय के एक महान कार्य को लागू करके सबसे अच्छी श्रद्धांजलि दी है, जो एससी उप-जातियों के वर्गीकरण की लंबे समय से लंबित मांग को संबोधित करता है।’

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