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सीरिया में अगले पांच साल के लिए इस्लामी शासन तय, राष्ट्रपति ने अस्थायी संविधान पर किया हस्ताक्षर

दमिश्क: सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने एक संवैधानिक घोषणा पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके अनुसार देश बदलाव के चरण में अगले पांच साल के लिए इस्लामी शासन के अधीन रहेगा। अहमद अल-शरा के इस्लामी समूह के नेतृत्व में विद्रोही गुट द्वारा सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद की सत्ता को उखाड़ फेंकने के करीब तीन महीने बाद यह अस्थायी संविधान अस्तित्व में आया है।

नए संविधान में कहा गया है कि इस्लाम इस देश के राष्ट्रपति का धर्म है, जो पिछले संविधान की तरह ही है। मसौदा समिति के अनुसार दस्तावेजों में यह भी कहा गया है कि इस्लामी न्यायशास्त्र ही देश में ‘कानून का मुख्य स्रोत’ है। इससे पहले के संविधान में कहा गया था कि इस्लामी न्यायशास्त्र देश में कानून का ‘एक प्रमुख स्रोत’ है।

इसमें शक्तियों के पृथक्करण और न्यायिक स्वतंत्रता की भी बात कही गई है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार अस्थायी संविधान में महिलाओं के अधिकारों की गारंटी की बात कही गई है। साथ ही इसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया की स्वतंत्रता की रक्षा करने की प्रतिबद्धता का भी जिक्र है। दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने के बाद शरा ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि यह सीरिया के लिए एक नया इतिहास होगा, जहाँ हम उत्पीड़न को न्याय से बदल देंगे।’

संयुक्त राष्ट्र ने किया संविधान का स्वागत

इस बीच संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गेइर पेडरसन ने इसे ‘कानून के शासन को बहाल करने की दिशा में कदम’ बताते हुए इसका स्वागत किया है। उन्होंने कहा, ‘यह विकास संभावित रूप से एक महत्वपूर्ण कानूनी शून्यता को भरता है।’ 

हालांकि, उत्तर-पूर्वी सीरिया में कुर्द नेतृत्व वाले प्रशासन ने संवैधानिक घोषणा की निंदा की है। उसने कहा कि ‘यह सीरिया और इसकी विविधता की वास्तविकता से उलट है।’ 

इस वर्ष जनवरी में, विद्रोही सैन्य समूहों के कमांडरों ने बदलाव के चरण ​​दौरान शरा को सीरिया का अंतरिम राष्ट्रपति बनाने पर सहमति व्यक्त की थी। सत्ता में आने के तुरंत बाद शरा ने असद के शासन काल के 2012 के संविधान को रद्द कर दिया था और पूर्व शासन की संसद, सेना और सुरक्षा एजेंसियों को भंग कर दिया गया था। 

नए संविधान के दस्तावेज में और क्या कहा गया है?

नए दस्तावेज में कहा गया है कि ट्रांजिशनल पीरियड ​​के दौरान राष्ट्रपति के पास ही कार्यकारी अधिकार होंगे, लेकिन उनके पास केवल एक ‘असाधारण शक्ति’ होगी और वो है आपातकाल की स्थिति की घोषणा करने की क्षमता। इसके अलावा एक नई पीपुल्स असेंबली बनाई जाएगी, जो पूरी विधायी प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार होगी। इसके दो-तिहाई सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा चुनी गई समिति द्वारा की जाएगी, और एक-तिहाई को राष्ट्रपति स्वयं चुनेंगे। 

साथ ही इसमें कहा गया है कि एक नए स्थायी संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी। इस बीच शरा ने एक समावेशी सरकार सुनिश्चित करने का संकल्प दोहराया है जो सीरिया में एक नए स्थायी संविधान को अंतिम रूप दिए जाने और चुनाव होने तक देश को चलाएगी।

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