Friday, October 10, 2025
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हम यहां ऐसे शहर में खड़े हैं जो आज भी 9/11 के भीषण आतंकी हमले…, न्यूयॉर्क में आतंकवाद पर शशि थरूर की तीखी टिप्पणी

न्यूयॉर्कः कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शनिवार को अमेरिका में भारतीय वाणिज्य दूतावास में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी अड्डों और मुख्यालयों पर संयमित और रणनीतिक कार्रवाई की, जिससे यह स्पष्ट संदेश गया कि भारत आतंक को बर्दाश्त नहीं करेगा। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।

थरूर ने कहा, “हम यहां ऐसे शहर में खड़े हैं जो आज भी 9/11 के भीषण आतंकी हमले के घावों को झेल रहा है। हमारी यात्रा की शुरुआत 9/11 मेमोरियल से हुई, जो इस बात का प्रतीक है कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है और इससे निपटने के लिए सभी देशों को एकजुट होना होगा।”

उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुआ हमला न केवल अमानवीय था, बल्कि उसका उद्देश्य भारत में साम्प्रदायिक तनाव भड़काना था। थरूर ने कहा कि हमलावर लोगों की पहचान धर्म के आधार पर कर उन्हें निशाना बना रहे थे। यह एक सोची-समझी रणनीति थी। लेकिन इसका जवाब पूरे जम्मू-कश्मीर और भारत में एकता और सामूहिक संवेदना के रूप में मिला।

थरूर ने बताया कि इस नृशंस हमले के एक घंटे के भीतर “द रेसिस्टेंस फ्रंट” (TRF) ने इसकी जिम्मेदारी ली। उन्होंने इसे लश्कर-ए-तैयबा की एक मुखौटा संस्था बताया, जिसे संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका दोनों ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि “भारत ने 2023 और 2024 में संयुक्त राष्ट्र को टीआरएफ की जानकारी दी थी, लेकिन दुख की बात है कि जब 2025 में उन्होंने फिर हमला किया, तो पाकिस्तान ने चीन की मदद से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बयान से टीआरएफ का उल्लेख हटवा दिया।”

‘मैं सरकार का हिस्सा नहीं लेकिन…’

भारत की प्रतिक्रिया पर बात करते हुए थरूर ने कहा, “मैं सरकार का हिस्सा नहीं हूं, लेकिन एक नागरिक और विपक्षी नेता के तौर पर मैंने लेख लिखकर कहा था—अब समय है कि हम सटीक और स्मार्ट तरीके से जवाब दें। मुझे संतोष है कि भारत ने वैसा ही किया।”

उन्होंने खुलासा किया कि भारत ने पाकिस्तान में नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इनमें मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा और बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय शामिल थे- जिन्हें डेनियल पर्ल की हत्या सहित कई आतंकी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।

थरूर ने कहा, “भारत का यह संदेश साफ था कि हम चुप नहीं बैठेंगे। लेकिन उतना ही स्पष्ट यह भी था कि हम युद्ध नहीं चाहते। हमारी कार्रवाई केवल न्याय और जवाबदेही के लिए थी—एक सीमित और लक्षित प्रतिकार।”

शशि थरूर वाले डेलिगेशन में कौन-कौन?

शशि थरूर के नेतृत्व में अमेरिका पहुंचे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में लोक जनशक्ति पार्टी की शंभवी चौधरी, झामुमो के सरफराज अहमद, तेलुगु देशम पार्टी के जी एम हरिश बालायगी, भाजपा के तेजस्वी सूर्या, शशांक मणि त्रिपाठी और भुवनेश्वर के लता, शिवसेना के मल्लिकार्जुन देवड़ा, और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरणजीत सिंह संधू शामिल हैं।

यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिका और अन्य देशों में राजनीतिक और सार्वजनिक स्तर पर भारत की आतंक के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति को स्पष्ट रूप से रखने का कार्य करेगा। थरूर ने कहा, “हम विभिन्न देशों में सरकारों, विधायकों, थिंक टैंकों, मीडिया और आम लोगों से मिलकर भारत की चिंता और सोच साझा करेंगे।”

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