Friday, October 10, 2025
Homeमनोरंजनसंजय दत्त ने अबू सलेम की वैन से निकाली थी AK-47, 1993...

संजय दत्त ने अबू सलेम की वैन से निकाली थी AK-47, 1993 मुंबई धमाकों पर क्या बोले उज्जवल निकम?

नई दिल्लीः वरिष्ठ अधिकवक्ता उज्जवल निकम को हाल ही में राज्यसभा सांसद के रूप में मनोनीत किया गया है। उन्होंने 12 मार्च 1993 को मुंबई में हुए धमाकों और अभिनेता संजय दत्त को लेकर बयान दिया है। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि अगर संजय दत्त पुलिस को सूचना दे देते को मुंबई धमाकों में मारे गए लोगों की जान बचाई जा सकती थी।

उज्जवल निकम ने कहा कि यदि संजय दत्त पुलिस को अबू सलेम मउस वैन के बारे में बता देते जिसमें से उन्होंने एके-47 राइफल निकाली थी तो ये धमाके कभी नहीं हुए होते। उज्जवल निकम मुंबई में हुए इन बम धमाकों के हाई प्रोफाइल केस के विशेष लोक अभियोजक थे। उन्होंने कहा कि संजय दत्त का पुलिस को सूचना न देने के निर्णय ने इस त्रासदी को जन्म दिया। 

चुप्पी बनी इस हमले का कारण

उन्होंने कहा “पुलिस को सूचित न करना ही इतने बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने का कारण बना। इस चुप्पी की वजह से सैकड़ों लोग मारे गए थे।”

मुंबई में 12 मार्च साल 1993 को मुंबई के अलग-अलग इलाकों में बम धमाके हुए थे। इनमें 267 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे। ये बम धमाके शहर की प्रतिष्ठित जगहों बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, एयर इंडिया बिल्डिंग, जावेरी बाजार के आसपास हुए थे। दैनिक भास्कर अंग्रेजी की खबर के मुताबिक, इस दौरान 13 धमाके हुए थे। 

संजय दत्त को इस घटना के बाद अवैध हथियार रखने के आरोप में आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (TADA) के तहत गिरफ्तार किया गया था। टाडा अभी निष्क्रिय हो गया है। बाद में संजय दत्त को शस्त्र अधिनियम के तहत दोषी करार दिया गया था और पांच साल की सजा सुनाई गई थी। साल 2016 में उन्हें रिहा कर दिया गया था।

निकम की इस टिप्पणी के बाद एक बार फिर से मुंबई में हुए बम धमाकों में संजय दत्त की भूमिका को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। ये सवाल भी उठ रहे हैं कि अगर समय पर एक्शन लिए जाते तो मारे गए लोगों की जान बचाई जा सकती थी। 

कानून की नजर में दोषी हैं संजय दत्त

उज्जवल निकम ने कहा कि संजय दत्त निर्दोष थे। उन्होंने अपने पास बंदूक रखी क्योंकि वह हथियारों के शौकीन थे। कानून की नजरों में उन्होंने अपराध किया लेकिन वास्तव में वह सीधे-सादे इंसान हैं। उनके पास एके-47 थी लेकिन इसका इस्तेमाल कभी नहीं किया। 

उन्होंने आगे कहा कि अदालत ने संजय को टाडा के तहत आतंकवादी नहीं माना लेकिन एके-47 रखने के लिए का दोषी ठहराया, जो कि एक प्रतिबंधित हथियार है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बाद में उनकी सजा को छह साल से घटाकर पांच साल कर दिया।

निकम ने कहा कि सजा सुनाए जाने के बाद संजय दत्त अपना संयम खो चुके थे। उन्होंने कहा “मैंने उनके हावभाव बदलते देखे। वह सदमें में लग रहे थे। वह कांप रहे थे और फैसला बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे।”

निकम ने कहा “मैंने उनसे कहा – संजय, ऐसा मत करो। मीडिया आपको देख रहा है। यदि आप डरे हुए लगेंगे तो लोग यह मान लेंगे कि आप दोषी हैं। आपके पास अभी भी अपील करने का मौका है।” उन्होंने कहा इस पर संजय ने कहा “यस सर, यस सर।”

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा