Homeमनोरंजनसमय रैना की बढ़ सकती हैं और मुश्किलें, विकलांगता पर चुटकुलों से...

समय रैना की बढ़ सकती हैं और मुश्किलें, विकलांगता पर चुटकुलों से परेशान सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्लीः  समय रैना पर इंडियाज गॉट लेटेंट में हुए विवाद को लेकर जांच जारी है। इस बीच उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि उनके कुछ वीडियो में विकलांगता को लेकर मजाक उड़ाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इन वीडियो पर चिंता व्यक्त करते हुए इन्हें परेशान करने वाला बताया।

इंडिया टुडे की एक खबर के मुताबिक, इस मामले में याचिकाकर्ता ने दावा किया कि रैना ने अपने दो वीडियो में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) से पीड़ित मरीजों का मजाक उड़ाया है। इसके साथ ही अंधे और टेढ़ी आंखों वाले व्यक्तियों का भी मजाक उड़ाया गया है। याचिका क्योर एसएमए फाउंडेशन द्वारा दायर की गई है। फाउंडेशन ने अदालत से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की और ऑनलाइन सामग्री के लिए प्रस्तावित नियामक ढांचे के तहत विकलांग व्यक्तियों के लिए विशिष्ट सुरक्षा शामिल करने का भी आग्रह किया गया। 

याचिका में क्या कहा गया?

फाउंडेशन ने कहा है कि इस तरह की क्लिपें “बूंद भर हैं”, जो एक बड़े चलन की ओर इशारा करती हैं। जहां पर विकलांग व्यक्तियों को “उपहास, दया या सार्वजनिक मनोरंजन” की वस्तु बना दिया जाता है। 

कथित तौर पर विवादित वीडियो में से एक में दो महीने के एसएमए रोगी पर टिप्पणी शामिल है, जिसे 16 करोड़ रुपये के जीवन रक्षक इंजेक्शन की आवश्यकता थी। यही मामला पहले सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था, जिसने 6 करोड़ रुपये के आयात शुल्क पर छूट देकर उपचार की सुविधा प्रदान की थी। इंजेक्शन अंततः क्राउडफंडिंग के माध्यम से उपलब्ध कराया गया था।

बहुत गंभीर मसला

अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा “यह बहुत गंभीर मसला है। हम यह देखकर परेशान हैं।” जस्टिस सूर्यकांत के साथ जस्टिस कोटिश्वर सिंह भी मामले की सुनवाई कर रहे थे।

अदालत ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील से कहा कि अगर आपके पास इस मामले में वीडियो क्लिपिंग है तो उसे उपलब्ध कराएं। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि संबंधित व्यक्ति को पक्षकार भी बनाएं। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version