न्यू यॉर्कः भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्रंप टैरिफ और एच-1 बी वीजा विवाद के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की है। जयशंकर की यह मुलाकात संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें बैठक के दौरान हुई है। यह बैठक न्यूयॉर्क में हो रही है।
दोनों नेताओं के बीच इस बैठक में एच-1 बी वीजा संबंधी चिंताओं और व्यापार मुद्दों पर चर्चा की संभावना है। दोनों नेताओं के बीच यह बैठक डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ लगाने तथा एच-1बी वीजा पर शुल्क बढ़ाकर 1,00,000 डॉलर करने के बाद हो रही है। ऐसे में दोनों देशों के बीच जारी तनाव को कम करने के उद्देश्य से यह बैठक हो रही है।
भारत-अमेरिका कर रहे हैं व्यापार वार्ता
गौरतलब है कि नई दिल्ली और वाशिंगटन एक व्यापार समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं। इस व्यापार वार्ता के लिए वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृ्त्व करने के लिए वाशिंगटन जा रहे हैं।
इससे पहले जुलाई में व्यापार वार्ता के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से निर्यात की जाने वाली वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ का ऐलान किया। इसके बाद रूस से तेल और अन्य सैन्य उत्पादों की खरीद के चलते 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ का ऐलान किया था। इसके बाद से तनाव और भी बढ़ गया है। इसके बाद दोनों देशों ने आर्थिक साझेदारी में स्थिरता बहाल करने के उद्देश्य से द्विपक्षीय निवेश संधि पर बातचीत फिर से शुरू कर दी है।
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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के अधिकारियों की 16 सितंबर की भारत यात्रा के दौरान सकारात्मक चर्चाएं हुईं।
दोनों नेताओं के बीच हुई इस बैठक के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट की। जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा “हमारी बातचीत में वर्तमान चिंता के कई द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई। प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में प्रगति के लिए निरंतर सहयोग के महत्व पर सहमति हुई। हम संपर्क में बने रहेंगे।”
दोनों नेताओं की आखिरी मुलाकात इससे पहले जनवरी में मुलाकात हुई थी। यह बैठक 10वीं क्वाड के दौरान हुई थी। तनाव कम करने के चल रहे प्रयासों के बीच, ट्रंप ने विश्वास व्यक्त किया है कि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में कोई कठिनाई नहीं होगी।
नौकरी का संकट
ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाए जाने के बाद से कई उद्योगों में नौकरी का संकट देखा जा रहा है। इसमें कपड़ा, हीरा एवं जवाहरात उद्योग, चमड़ा उद्योग आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं।
वहीं, बीते एच-1बी वीजा शुल्क बढ़ाए जाने के बाद से अमेरिका में रहने वाले हजारों कुशल श्रमिक भी परेशानी का सामना कर रहे हैं। इससे भारत के साथ-साथ अन्य देशों के कुशल पेशेवर भी परेशान हैं। इस बीच कंपनियों ने एच-1बी वीजा धारकों को जल्द से जल्द अमेरिका लौटने के लिए कहा है।
हालांकि विवाद बढ़ने के बाद ट्रंप प्रशासन ने स्पष्ट किया था कि यह वृद्धि नए आवेदकों पर ही लागू होगी, पुराने एच-1बी वीजा धारकों के लिए नहीं।