नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के एक नेता ने टेक्सास में हनुमान जी की मूर्ति पर टिप्पणी की है, जिसको लेकर विवाद शुरू हो गया है। दरअसल, टेक्सास में हनुमान जी की 90 फीट की मूर्ति ‘स्टैच्यू ऑफ यूनियन’ के निर्माण पर आपत्ति जताकर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब टैरिफ और व्यापार को लेकर भारत के खिलाफ अमेरिकी अधिकारियों की तरफ से तीखी बयानबाजी हो रही है।
ऑनलाइन माध्यमों में यह बयानबाजी भारत-विरोधी और हिंदू-विरोधी अभद्र भाषा से जुड़ गई है। ट्रंप द्वारा एच-1 बी वीजा के लिए शुल्क 1,00,000 डॉलर करने के बाद यह मुद्दा और भी बढ़ गया। गौरतलब है कि एच-1 बी वीजा का लाभ भारतीय लोगों को काफी संख्या में मिलता है।
2024 में हुआ था हनुमान प्रतिमा का उद्घाटन
हनुमान जी की प्रतिमा का उद्घाटन अगस्त 2024 में हुआ था। इस पर एक नेता ने वीडियो पोस्ट करते हुए रिपब्लिकन नेता अलेक्जेंडर डंकन ने ट्वीट में लिखा “हम टेक्सास में एक झूठे हिंदू भगवान की झूठी मूर्ति को क्यों स्थापित करने की अनुमति दे रहे हैं? हम एक ईसाई राष्ट्र हैं!”
डंकन टेक्सास का प्रतिनिधित्व करने के लिए सीनेट के चुनाव में खड़े हैं। इसके बाद डंकन ने एक और पोस्ट किया जिसमें उन्होंने बाइबल का हवाला दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा “मेरे अलावा तुम्हारा कोई अन्य ईश्वर नहीं होना चाहिए। तुम्हें अपने लिए किसी भी प्रकार की मूर्ति या आकाश, पृथ्वी या समुद्र में किसी भी चीज की छवि नहीं बनानी चाहिए।”
डंकन की पोस्ट पर हिंदू हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन और भारतीय अमेरिकियों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया हुई। फाउंडेशन ने इस टिप्पणी को “हिंदू विरोधी और भड़काऊ” बताया।
रिपब्लिकन पार्टी को एक ट्वीट में संबोधित करते हुए हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने ट्वीट किया। इस पोस्ट में लिखा “क्या आप अपनी पार्टी के उस सीनेट उम्मीदवार को अनुशासित करेंगे जो भेदभाव के विरुद्ध आपके दिशानिर्देशों का खुलेआम उल्लंघन करता है – और पहले संशोधन की स्थापना खंड के प्रति अनादर की तो बात ही छोड़िये?” स्थापना खंड सरकार को किसी आधिकारिक धर्म की “स्थापना” करने से रोकता है।
अमेरिका में रहने वाले भारतीयों को कर सकता है अलग-थलग
यह घटनाक्रम अमेरिका में रहने वाले भारतीयों को और भी अलग-थलग कर सकता है। भारतीयों का एक वर्ग पीटर नवारो द्वारा की गई टिप्पणियों से नाराज है।
बीते महीने नवारो ने दावा किया था “ब्राह्मण” भारतीय लोगों की कीमत पर मुनाफाखोरी कर रहे हैं। यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने रूसी तेल खरीद को लेकर भारत पर कड़ा रुख अपनाया है।
अमेरिका में रहने वाले भारतीय उद्यमी तपेश यादव ने ट्वीट कर लिखा कि “एक नागरिक के रूप में जो हमेशा रिपब्लिकन को वोट देता है, यह देखकर दुख होता है कि डंकन टेक्सास रिपब्लिकन पार्टी के ‘स्वतंत्रता’ और ‘सभी के लिए अवसर’ के रुढ़िवादी सिद्धांतों का उल्लंघन कर रहे हैं।”
हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है जब उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची इस मूर्ति को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। साल 2024 में मंदिर के उद्घाटन के समय भी हनुमान प्रतिमा को सोशल मीडिया पर ट्रंप के MAGA समर्थकों की ओर से नफरत का सामना करना पड़ रहा है, जो एक विदेशी देवता के सम्मान में बनाए जा रहे स्मारक पर भड़क गए थे।
कंजरवेटिव्स के बीच नफरत का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों ने राक्षसों की आकृति को लेकर भी दावा किया। उन्होंने इसे “राक्षसी” बताया। कुछ अमेरिकी प्रकाशनों की सुर्खियां भी हिंदू समूहों द्वारा अपमानजनक मानीं गईं।