Homeभारतगंगा नदी पर ये क्या बोल गए राज ठाकरे? कई दलों के...

गंगा नदी पर ये क्या बोल गए राज ठाकरे? कई दलों के नेताओं ने साधा निशाना

मुंबई: महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने प्रयागराज में हाल ही में संपन्न महाकुंभ को लेकर विवादित बयान दिया है। उनके बयान के बाद कई दलों के नेताओं ने उन्हें जमकर घेरा है। ठाकरे ने रविवार को कहा कि वह गंगा के पानी को न छू सकते हैं और न ही पी सकते हैं, क्योंकि इतने लोगों द्वारा स्नान करने के बाद यह पानी साफ नहीं हो सकता है।

ठाकरे ने कहा, “मैं उस गंगा के गंदे पानी को छू भी नहीं सकता हूं, जहां करोड़ों लोग स्नान कर चुके हैं।” उन्होंने सवाल उठाया कि “अगर लोग अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए प्रयागराज गंगा में स्नान करने गए, तो क्या वे सच में अपने पापों से मुक्त हो सकते हैं?” राज ठाकरे ने इस दौरान यह भी कहा कि गंगा के पानी में इतने लोगों ने स्नान किया है तो यह पानी साफ नहीं हो सकता।

राज ठाकरे के बयान पर हंगामा

राज ठाकरे के बयान पर शिवसेना (यूबीटी) नेता आनंद दुबे ने कहा कि महाकुंभ से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है। वहां लोगों ने धर्म और आस्था की भावना अनुभव की। अब राज ठाकरे को गंगा नदी का पानी प्रदूषित लग रहा है। उन्हें (राज ठाकरे) समझना चाहिए कि अगर वे दूसरों की भावनाओं का सम्मान नहीं कर सकते, तो कम से कम उन लोगों का अपमान न करें, जिनकी महाकुंभ में गहरी आस्था है। भाजपा को भी राज ठाकरे से पूछना चाहिए कि क्या उनका यह बयान हिंदू धर्म का अपमान नहीं है?

शिवसेना नेता संजय निरुपम ने राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए उनसे सवाल पूछा कि क्या वह पूरी तरह से सनातन विरोधी हो गए हैं। महाकुंभ में दुनिया भर के 60 करोड़ से अधिक सनातनियों ने आस्था की डुबकी लगाई। हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों ने कष्ट सहकर संगम में स्नान किया। ऐसे में राज ठाकरे का यह कहना कि ‘गंगा अपवित्र हो गई है’ गंगा मैया का अपमान है।

राज ठाकरे के बयान पर सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा कि उनका बयान करोड़ों लोगों की आस्था का अपमान है। करोड़ों लोगों ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई और उनकी भावना को ठेस पहुंचाना बिल्कुल गलत है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version