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ऊर्जा संयंत्रों पर हमला रोकने को तैयार हुआ रूस, ट्रंप-पुतिन के बीच बातचीत के बाद बनी सहमति

मॉस्को/वाशिंगटन/कीव: रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर तनाव घटाने की दिशा में एक बड़ी पहल हुई है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बातचीत के बाद यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे पर हमले 30 दिन तक रोकने पर सहमति जताई है। हालांकि, पुतिन ने पूरी तरह से युद्ध को रोकने यानी व्यापक युद्धविराम का वादा नहीं किया है, जिससे यह साफ हो गया है कि जंग के जल्द खत्म होने की उम्मीद फिलहाल नहीं है।

ट्रंप ने इस फोन कॉल को ‘बेहद अच्छी और सार्थक’ बातचीत बताया और कहा कि दोनों नेताओं ने यूक्रेन की ऊर्जा और आधारभूत संरचनाओं पर हमले रोकने पर प्राथमिक सहमति बनाई है। ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर लिखा, “हमने ऊर्जा और आधारभूत संरचना पर हमलों को तुरंत रोकने पर सहमति जताई है। साथ ही इस भीषण युद्ध को खत्म करने के लिए हम जल्दी ही पूर्ण युद्धविराम पर काम करेंगे।”

बातचीत के बाद भी यूक्रेन में हुए ड्रोन हमलेः जेलेंस्की

हालांकि, इस बातचीत के कुछ ही घंटों बाद यूक्रेन की राजधानी कीव में हवाई हमले के सायरन बज उठे। राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने पुष्टि की कि रूस ने पूर्वोत्तर शहर सूमी में एक अस्पताल समेत नागरिक ढांचे पर 40 से अधिक ड्रोन से हमला किया। जेलेंस्की ने कहा, “कई क्षेत्रों में हम स्पष्ट रूप से सुन सकते हैं कि रूस वास्तव में क्या चाहता है।” 

यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि वह इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना पूरे विवरण जाने कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता। उन्होंने टेलीग्राम पर कहा, “मैं समझता हूं कि हमें ट्रंप से बात करनी होगी और जानना होगा कि रूसियों ने अमेरिकियों को क्या प्रस्ताव दिया या अमेरिका ने रूस के सामने क्या प्रस्ताव रखा।”

रूस ने क्या रखी शर्तें?

क्रेमलिन ने फोन कॉल के बाद जारी बयान में कहा कि पुतिन ने किसी व्यापक युद्धविराम से पहले कई ‘महत्वपूर्ण मुद्दों’ के हल की बात की है। इनमें प्रमुख मांग यह थी कि यूक्रेन को दी जाने वाली सभी विदेशी सैन्य मदद और खुफिया जानकारी पर रोक लगे। इसके अलावा, रूस ने यूक्रेन से नए सैनिकों की भर्ती रोकने की मांग भी की है, जिससे अंदेशा है कि शांति वार्ता में रूस ऐसे प्रस्ताव रख सकता है जो यूक्रेन की सैन्य ताकत को कमजोर कर दें।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच एक घंटे से अधिक समय तक फोन पर बातचीत हुई। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “अगर मैं राष्ट्रपति होता तो यह युद्ध कभी नहीं शुरू होता।”

ट्रंप के मुताबिक, शांति समझौते के कई महत्वपूर्ण तत्वों पर चर्चा की गई, जिसमें यह भी बताया गया कि हजारों सैनिकों की जान जा चुकी है और दोनों देशों के नेता (राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति जेलेंस्की) युद्ध समाप्त करना चाहते हैं। ट्रंप ने इस प्रक्रिया को पूरी ताकत के साथ लागू होने की बात कही और उम्मीद की कि यह युद्ध मानवता के हित में समाप्त हो जाए।

ट्रंप बोले- आसान नहीं है युद्धविराम

फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि ऊर्जा ढांचे पर हमले रोकना सकारात्मक कदम है, लेकिन समग्र युद्ध को खत्म करने के लिए और ठोस प्रयास जरूरी हैं। उन्होंने बताया कि रूस ने एक प्रमुख युद्ध क्षेत्र में लगभग 2,500 यूक्रेनी सैनिकों को घेर लिया है, जिससे उसे रणनीतिक बढ़त मिली है। ट्रंप ने यह भी साफ किया कि फोन कॉल में अमेरिका की सैन्य मदद को रोकने पर कोई बात नहीं हुई। ट्रंप ने कहा, हमने इस बारे में बात नहीं की।

जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस आंशिक युद्धविराम को ‘अच्छी शुरुआत’ बताया, लेकिन कहा कि स्थायी शांति तभी संभव है जब यूक्रेन पूरी तरह इसमें शामिल हो। ब्रिटेन के डाउनिंग स्ट्रीट ने भी इस पहल का स्वागत किया, लेकिन यह दोहराया कि किसी भी समझौते से यूक्रेन के दीर्घकालिक हितों से समझौता नहीं होना चाहिए।

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