Saturday, October 11, 2025
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वक्फ बिल के खिलाफ जुमे की नमाज के बाद कई शहरों में प्रदर्शन, सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर

नई दिल्ली: लोकसभा और राज्यसभा से वक्फ संशोधन बिल के पास होने के बाद देश के कई हिस्सों में मुस्लिम समाज के लोग सड़कों पर उतर आए हैं। कोलकाता, हैदराबाद, मुंबई समेत देश के अलग-अलग स्थानों पर वक्फ बिल के खिलाफ मुस्लिम संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच वक्फ एक्ट में बदलाव के खिलाफ शुक्रवार (4 अप्रैल, 2025) को सुप्रीम कोर्ट में पहली याचिका दाखिल की गई। कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने वक्फ संशोधन बिल 2025 को चुनौती दी है।

वक्फ संशोधन विधेयक के पास होने के बाद अहमदाबाद से लेकर कलकत्ता तक अलग-अलग मुस्लिम संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। अहमदाबाद में मुसलमानों ने इस बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसके अलावा कोलकाता, हैदराबाद समेत देश के अन्य राज्यों में भी विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस बीच दिल्ली के जामिया इलाके में पुलिस ने आज फ्लैग मार्च निकाला। बता दें कि दिल्ली में इस बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन होने की संभावना के बीच आरपीएफ ने फ्लैग मार्च निकाली और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। कोलकाता, हैदराबादा, मुंबई समेत देश के अलग-अलग स्थानों पर मुसलमानों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस बिल के पास होने पर इसे जम्हूरियत के लिए काला अध्याय और कलंक बताया है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि सत्ताधारी लोग ताकत के नशे में मदहोश होकर आगे बढ़ रहे हैं। सरकार ने मु्स्लिमसंगठनों और मुसलमानों की आवाज को नहीं सुना। इसके खिलाफ मुसलमान शांत नहीं बैठेगा और पूरे देश में प्रदर्शन किए जाएंगे।

बता दें कि वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए 2 अप्रैल को इसे लोकसभा में पेश किया गया था, जहां से इसे पास कर दिया गया। वहीं गुरुवार को इस विधेयक राज्यसभा में पेश किया गया, जहां से इसे पास कर दिया गया है। बता दें कि इसे लेकर भारत सरकार का कहना है कि मुसलमानों को धार्मिक मामलों में या वक्फ में कोई दखल नहीं देगा। हालांकि विपक्ष द्वारा लगातार इस विधेयक का विरोध किया जा रहा है। 

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला 

वक्फ संशोधन बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर कर वक्फ संशोधन विधेयक को मुस्लिम समुदाय के प्रति भेदभावपूर्ण और उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने वाला बताते हुए चुनौती दी है। कांग्रेस सांसद जावेद ने अधिवक्ता अनस तनवीर के माध्यम से यह याचिका दायर की है। याचिका के अनुसार, यह कानून मुस्लिम समुदाय के खिलाफ ऐसे प्रतिबंध लगाकर भेदभाव करता है जो अन्य धार्मिक बंदोबस्त प्रशासन में मौजूद नहीं हैं। याचिका में तर्क दिया गया है कि हिंदू और सिख धार्मिक ट्रस्टों को स्व-नियमन की एक हद तक सुविधा प्राप्त है, लेकिन वक्फ अधिनियम, 1995 (वक्फ अधिनियम) में किया गया संशोधन, वक्फ मामलों में राज्य के हस्तक्षेप को बढ़ाता है।

गाजियाबाद में 18 मई तक धारा-163 लागू

गाजियाबाद में धारा-163, बीएनएसएस के तहत निषेधाज्ञा लागू करने का आदेश जारी किया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से 18 मई की मध्यरात्रि तक प्रभावी रहेगा।  गाजियाबाद प्रशासन ने जानकारी दी है कि 6 अप्रैल को रामनवमी, 10 अप्रैल को महावीर जयंती, 14 अप्रैल को डॉ। भीमराव अंबेडकर जयंती, 17 अप्रैल को चंद्रशेखर जयंती, 18 अप्रैल को गुड फ्राइडे, 29 अप्रैल को परशुराम जयंती, 9 मई को महाराणा प्रताप जयंती, 12 मई को बुद्ध पूर्णिमा आदि त्योहार, पर्वों एवं अन्य धार्मिक, सांस्कृतिक समारोह और कार्यक्रम के साथ-साथ विभिन्न राजनीतिक पार्टियों, अन्य संगठनों द्वारा समय-समय पर किए जाने वाले विरोध प्रदर्शनों, विभिन्न संस्थाओं द्वारा आयोजित विभिन्न बोर्ड और प्रतियोगी परीक्षाओं के दृष्टिगत रखते हुए कमिश्नरेट गाजियाबाद में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखना बेहद जरूरी है। 

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