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PoK में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों में दो की मौत, 22 घायल

PoK में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों में दो लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए। भारी विरोध प्रदर्शनों के चलते इंटरनेट और अन्य जरूरी सेवाएं बंद हो गईं।

इस्लामाबादः पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के मुजफ्फराबाद में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस दौरान सोमवार, 29 सितंबर को हुई हिंसक झड़पों में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 22 घायल हो गए। हालत इतनी बिगड़ गई कि अधिकारियों को इलाके में भारी सुरक्षा व्यवस्था तैनात करनी पड़ी। इसके अलावा इंटरनेट सेवा भी बंद करनी पड़ी है। घटनास्थल के कई वीडियो भी सामने आए। इनमें पाकिस्तानी सेना और आईएसआई समर्थित मुस्लिम कॉन्फ्रेंस के ‘हथियारबंद गुंडे’ बुनियादी अधिकारों की मांग कर रहे नागरिकों पर गोलीबारी करते देखे गए।

दरअसल, अवामी एक्शन कमेटी (एएसी) नाम का संगठन शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही है। उनका दावा है कि इलाके में मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। प्रदर्शनकारियों की 38 मांगें हैं। इनमें सब्सिडी वाला आटा और उचित बिजली दरें और लंबे समय से विलंबित सुधारों को लागू करना शामिल है। इन्हीं में से एक मांग ये भी है कि पाकिस्तान में रह रहे कश्मीरी शरणार्थियों के लिए पीओके विधानसभा में आरक्षित 12 सीटों को खत्म किया जाएगा। हालांकि, स्थानीय लोगों का तर्क है कि इससे प्रतिनिधि शासन व्यवस्था कमजोर होती है।

PoK में विरोध प्रदर्शनों से जरूरी सेवाएं हुईं ठप

इधर इन विरोध प्रदर्शनों के चलते बाजार, दुकानें और स्थानीय व्यवसाय पूरी तरह से बंद होने के साथ-साथ परिवहन सेवाएं भी ठप्प हो गई हैं। पाकिस्तानी समाचार चैनलों में विरोध प्रदर्शनों के कई वीडियो दिखाए गए, जिससे सड़कों पर अराजकता की स्थिति स्पष्ट दिखी। एक वीडियो में कुछ लोग हवा में गोलियां चलाते दिख रहे हैं। जबकि कुछ लोग झंडे लहराते और नारे लगाते प्रदर्शनकारियों से घिरी कारों पर चढ़े हुए हैं।

एक अन्य वीडियो में एक प्रदर्शनकारी मुट्ठी भर चली हुई गोलियां दिखा रहा है। विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे संगठन एएसी के नेता शौकत नवाज मीर ने कहा, “हमारा अभियान उन मौलिक अधिकारों के लिए है, जो 70 वर्षों से हमारे लोगों को नहीं दिए गए हैं… या तो अधिकार दिलाएं या लोगों के गुस्से का सामना करें।”

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नवाज मीर ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के प्रशासन को भी चेतावनी दी। उन्होंने हड़ताल को ‘प्लान ए’ बताया। एक संदेश कि लोगों का धैर्य जवाब दे चुका है और अधिकारी अब सतर्क हो गए हैं। उन्होंने कहा कि एएसी के पास बैकअप प्लान और एक सख्त ‘प्लान डी’ है।

हजारों लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन

पाकिस्तानी समाचार वेबसाइट डॉन के अनुसार, भारी हथियारों से लैस गश्ती दल ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के कस्बों में फ्लैग मार्च किया है। साथ ही, विरोध प्रदर्शनों के चलते पड़ोसी पंजाब प्रांत से हजारों सैनिकों को वहां से हटा दिया गया है। सूत्रों ने NDTV को बताया कि राजधानी इस्लामाबाद से 1,000 अतिरिक्त सैनिक भेजे गए हैं।

हालांकि, इंडिया टुडे ने रिपोर्ट किया है कि एएसी ने दमन की आशंका के चलते अस्थायी रूप से आंदोलन वापस लेने का फैसला लिया है। गठबंधन ने घोषणा की कि विरोध प्रदर्शन का अगला चरण 15 अक्टूबर से शुरू होगा।

अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...

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