संयुक्त राष्ट्र में हुई एक बैठक के दौरान महज चार सेकंड में पाकिस्तान की पोल पूरी दुनिया के सामने खुल गई। संयुक्त राष्ट्र में इजराइल द्वारा कतर में हमास के नेताओं को निशाना बनाकर किए गए हमले पर चर्चा के दौरान यह वाकया हुआ।
यह घटना तब हुई जब मानवाधिकार वकील और यूएन वॉच के कार्यकारी निदेशक हिलेल नेउर कतर पर “आतंकवादियों को पनाह” देने का आरोप लगा रहे थे। पाकिस्तान ने इस पर आपत्ति जताई तो वकील ने पाकिस्तान को लताड़ लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान भी आतंकवाद को पनाह देता है। कतर में साल 2012 से हमास का राजनैतिक कार्यालय है। हमास को अमेरिका द्वारा आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र में नेउर ने पाकिस्तान को लगाई लताड़
नेउर ने इस दौरान संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख पर भी निशाना साधा क्योंकि उन्होंने इजराइल की निंदा की थी। उन्होंने याद दिलाया कि जब 2011 में अमेरिका ने अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में मार गिराया था, तब तत्कालीन संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा था कि “न्याय हो गया है।”
इस बीच पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने नेउर को बीच में टोक दिया और लादेन तथा पाकिस्तान का जिक्र करने पर आपत्ति जताई।
प्रतिनिधि ने यूएनएचआरसी प्रमुख से यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी वक्ता संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों और संप्रभु सदस्य देशों की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन न करे। पाकिस्तान ने कहा “हम निराधार आरोप और अभियोग लगाने का विरोध करते हैं।”
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इस बीच संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद अध्यक्ष ने जल्द ही माइक नेउर को उपलब्ध कराया और याद दिलाया कि उन्हें बात पूरी करने के लिए सिर्फ 4 सेकंड हैं। वकील ने इन चार सेकंड का इस्तेमाल पूरी तरह से पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए किया।
नेउर ने अपना भाषण समाप्त करते हुए कहा, “राष्ट्रपति महोदय, पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित करने वाला एक और देश है।” नेउर के इस वाक्य से पाकिस्तानी प्रतिनिधि शर्मिंदा हो गए।
गौरतलब है कि इजराइल ने हमास नेताओं को निशाना बनाते हुए 9 सितंबर को कतर पर हमला किया था। इस हमले में हमास के निर्वासित गाजा प्रमुख खलील-अल-हय्या सहित अन्य नेताओं को निशाना बनाया गया था। इजराइली सेना ने इन हमलों के बारे में कहा कि उनके नागरिकों को होने वाले नुकसान को कम करने के उद्देश्य से ये कदम उठाया गया।
2020 में भी पाकिस्तान की हुई थी फजीहत
इसी तरह साल 2020 में भी संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को लताड़ लगाई गई थी। इस दौरान जिनेवा स्थित मानवाधिकार गैर-सरकारी संगठन यूएन वॉच ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् में पाकिस्तान के शामिल होने को लेकर उसकी आलोचना की थी। यूएन वॉच ने ट्वीट किया था “संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में आपकी उपस्थिति सहनीय है।”
यूएन वॉच द्वारा यह ट्वीट पाकिस्तान सरकार द्वारा एक्स पर किए गए एक पोस्ट के जवाब में किया गया था। इसमें कहा गया था, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में ईशनिंदा असहनीय है।” पाकिस्तान सरकार के इस ट्वीट को पेरिस में एक इस्लामी आतंकवादी द्वारा फ्रांसीसी शिक्षक की हत्या करने के रूप में देखा गया था।