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पाकिस्तान की सरकार ने नए वाहनों की खरीद और विदेश में सरकारी खर्चे पर इलाज पर लगाया प्रतिबंध

इस्लमाबादः पाकिस्तान की सरकार ने देश के खजाने पर पड़ रहे बोझ को कम करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। उसने कुछ खास खर्चों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है, जैसे नए वाहनों की खरीद, मशीनरी, और विदेश में सरकारी खर्चे पर इलाज करना।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, 4 सितंबर को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि अब नए बजट के तहत कुछ खर्च पूरी तरह से बंद किए जाएंगे।

इसमें कहा गया है कि “सभी प्रकार के वाहनों की खरीद पर प्रतिबंध होगा, सिवाय उन वाहनों के जो ऑपरेशन के लिए जरूरी हैं, जैसे एम्बुलेंस, चिकित्सा उपकरणों वाले वाहन, अग्निशमन वाहन, स्कूलों के लिए बसें, कचरा उठाने वाले वाहन और मोटरसाइकिल।”

मशीनों की खरीद पर रोक, तीन साल से खाली पड़े पदों को खत्म किया जाएगा

इसके अलावा, अस्पतालों, प्रयोगशालाओं, स्कूलों और कृषि व खनन क्षेत्र में जरूरी मशीनरी के अलावा, बाकी सभी मशीनों और उपकरणों की खरीद पर भी रोक होगी। साथ ही, नए सरकारी पद बनाने पर भी पूरी तरह से रोक लगाई गई है और जो पद तीन साल से खाली हैं, उन्हें समाप्त कर दिया जाएगा।

सूचना में कहा गया है कि सरकारी खर्चे पर विदेशों में होने वाले चिकित्सा उपचारों पर भी प्रतिबंध लगाया जाएगा, और “सरकारी फंडिंग से होने वाली गैर-आवश्यक विदेश यात्राओं” पर भी रोक होगी। सभी मंत्रालयों और विभागों से कहा गया है कि वे इन निर्देशों को अपने प्रशासनिक नियंत्रण के तहत सभी विभागों में सख्ती से लागू करें।

रिपोर्ट के अनुसार, संघीय विश्वविद्यालयों और अस्पतालों में स्टाफ की नियुक्तियों पर भी पूरी तरह से रोक होगी, सिवाय शैक्षणिक स्टाफ के, जिन्हें बिना किसी भविष्य के वित्तीय बोझ के एकमुश्त वेतन पैकेज पर नियुक्त किया जाएगा।

इससे पहले, इस साल अप्रैल में, खैबर पख्तूनख्वा के वित्त विभाग ने भी कड़े वित्तीय उपायों को लागू करते हुए पदों की सृजन, वाहन खरीद, विदेश प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भागीदारी, और पांच सितारा होटलों में सेमिनार आयोजित करने पर प्रतिबंध लगाया था।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब पाकिस्तानी बजट की आलोचना हो रही है। पाकिस्तान सरकार ने बजट में बहुत सारे नए टैक्स लगाए दिए हैं और बिजली-पानी के दाम बढ़ा दिए हैं। इससे लोगों में काफी नाराजगी है। लेकिन सरकार ने सरकारी खर्चों को कम नहीं किया। यह सब IMF से 7 अरब डॉलर का कर्ज लेने के लिए किया गया था।

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