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ड्रग विरोधी अभियान के बीच फ्रांस की जेलों पर रातभर हुए हमले, कई गाड़ियों में लगाई गई आग

पेरिसः फ्रांस की जेलों में बीती रात एक के बाद एक हमलों की घटनाएं सामने आईं हैं। जेल परिसरों में खड़े वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और एक जेल के प्रवेश द्वार पर ऑटोमैटिक हथियार से फायरिंग की गई। सरकार ने इन घटनाओं को ड्रग तस्करी के खिलाफ अपनी सख्त कार्रवाई से जोड़ते हुए इन्हें ‘धमकाने की कोशिश’ करार दिया है। 

फ्रांस के न्याय मंत्री जेराल्ड डार्मनिन ने इन हमलों पर कहा कि यह जेल कर्मचारियों को डराने-धमकाने की एक संगठित कोशिश है। उन्होंने एक्स पोस्ट में कहा कि इन घटनाओं में जेल परिसरों में खड़ी कई गाड़ियों को आग लगा दी गई और टूलॉन शहर की जेल पर ऑटोमैटिक हथियार से हमला किया गया। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि वे टूलॉन शहर जा रहे हैं जहां वे जेल अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और उनका मनोबल बढ़ाएंगे।

गृह मंत्री ब्रूनो रिटाइयो ने इन हमलों पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा, “जिन लोगों ने जेलों और जेल अधिकारियों पर हमला किया है, उन्हें इन्हीं जेलों में बंद किया जाना चाहिए और उन्हीं अधिकारियों द्वारा निगरानी में रखा जाना चाहिए।” उन्होंने जेल परिसरों की सुरक्षा तुरंत बढ़ाने के आदेश दिए हैं।

कहां-कहां हुए हमले?

टूलॉन में रात करीब 1 बजे जेल के मुख्य द्वार पर कार सवार हमलावरों ने ऑटोमैटिक हथियार से गोलीबारी की। जांच में पाया गया कि दरवाजे पर सात गोलियों के निशान थे और मौके पर कई कारतूस पड़े हुए थे। हालांकि किसी के घायल होने की खबर नहीं है।

मार्से शहर के 13वें जिले में कई वाहनों को आग के हवाले किया गया। जेलकर्मियों के लिए आरक्षित एक आवासीय क्षेत्र को भी निशाना बनाया गया, जहां दो कारें जला दी गईं और नौ पर ‘DDPF’ (Droit des Prisonniers Français – फ्रांसीसी कैदियों के अधिकार) लिखा गया।

नांतेर में सोमवार शाम जेल परिसर में खड़ी एक कार को दो अज्ञात लोगों ने आग लगा दी। घटनास्थल पर पेट्रोल कैन भी बरामद हुआ। विलेपिंते में रात करीब 10:30 बजे दो लोगों ने तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इनमें से दो वाहन जेल स्टाफ के थे और यहां भी पेट्रोल कैन बरामद हुआ।

इसी तरह वैलांस में एक व्यक्ति ने स्कूटर पर आकर जेल के बाहर खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी। स्थानीय मीडिया के अनुसार, ये गाड़ियां जेल स्टाफ की थीं।

निम्स शहर में भी कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया, जिन पर ‘DDPF’ लिखा गया था। लुइनेस गांव में स्थित जेल परिसर के बाहर भी वाहन जलाए गए और उन पर ‘DDPF’ लिखा गया मिला।

जेल स्टाफ यूनियन यूएफएपी ने भी इन घटनाओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “ये हमले उन लोगों पर हैं जो राज्य की सत्ता के प्रतीक हैं और हर दिन अपनी शांति की कीमत पर समाज की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।” यूनियन के अनुसार, रविवार रात को राष्ट्रीय जेल प्रशासन स्कूल के बाहर भी सात वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। 

इन हमलों की जांच अब फ्रांस के एंटी-टेररिज्म प्रॉसिक्यूटर विभाग और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी कर रहे हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह हमले सुनियोजित और एक ही समय में अंजाम दिए गए।  हालांकि किसी संगठन ने अब तक जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन यह नारा और कार्यशैली मादक पदार्थों से जुड़े संगठनों की ओर इशारा कर रहे हैं।

हमलों का राजनीतिक संदर्भ?

यह हमले उस समय हुए हैं जब फ्रांस सरकार ने अपराध पर नियंत्रण के लिए नई मादक पदार्थ-रोधी कानून का प्रस्ताव रखा है, जिसमें एक राष्ट्रीय संगठित अपराध अभियोजन कार्यालय की स्थापना और पुलिस को अधिक जांच अधिकार देने की बात है। साथ ही, देश के शीर्ष 100 ड्रग माफियाओं को जेल में अलग-थलग रखने का भी प्रस्ताव है।

समाचार एजेंसी रॉयटर के अनुसार, मार्से जैसे बड़े शहरों से अब ये गिरोह छोटे क्षेत्रों में भी फैलने लगे हैं, जहां पहले नशा और हिंसा का इतना प्रभाव नहीं था। इस अपराध की लहर ने चरम-दक्षिणपंथी नेशनल रैली पार्टी को राजनीतिक समर्थन भी दिलाया है।

फरवरी 2025 में न्यायमंत्री ने बताया था कि साल 2024 के पहले 11 महीनों में 47 टन कोकीन जब्त की गई, जो पिछले साल के मुकाबले दोगुनी है। इसे उन्होंने “सफेद सुनामी” करार दिया, जिसने अपराध की पारंपरिक संरचना को हिला दिया है।

फरवरी में फ्रांसीसी अधिकारियों को बड़ी सफलता मिली, जब उन्होंने ‘द फ्लाई’ नामक मोस्ट वांटेड अपराधी मोहम्मद अमरा को दोबारा गिरफ्तार किया। जेल से कोर्ट लाए जाने के दौरान उसकी फरारी में दो जेल अधिकारियों की मौत हो गई थी। इस घटना को विपक्ष ने सरकार की असफलता के रूप में पेश किया था।

 

 

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