Homeविश्वनए सेंसरशिप कानूनों के चलते अमेरिकी स्कूलों में 10,000 से अधिक किताबों...

नए सेंसरशिप कानूनों के चलते अमेरिकी स्कूलों में 10,000 से अधिक किताबों पर प्रतिबंध

वॉशिंगटनः अकादमिक वर्ष 2023-2024 के दौरान अमेरिकी सार्वजनिक स्कूलों में लगभग 10,000 किताबों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह पिछले साल की तुलना में तीन गुना ज्यादा है। यह जानकारी पेन अमेरिका (PEN America) की एक हालिया रिपोर्ट में सामने आई है, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए समर्पित एक गैर-लाभकारी संगठन है।

पिछले साल की तुलना में तीन गुना किताबें प्रतिबंधित

रिपोर्ट के अनुसार, रिपब्लिकन शासित राज्यों द्वारा लागू किए गए नए सेंसरशिप कानूनों के चलते किताबों पर प्रतिबंधों में यह तेज वृद्धि देखी गई है। एनजीओ के सर्वे के मुताबिक, पिछले वर्ष की तुलना में बुक बैन की संख्या लगभग तीन गुना बढ़कर 3,362 से 10,000 तक पहुंच गई है।

स्क्रीनशॉट। सोर्सः पेन अमेरिक

फ्लोरिडा और आयोवा में सबसे अधिक प्रतिबंध

इस अध्ययन में पाया गया कि करीब 8,000 किताबें फ्लोरिडा और आयोवा में बैन की गईं, जहां राज्य के कानूनों के तहत यह कार्रवाई की गई। इसके अलावा, अन्य राज्यों में भी कई स्कूल जिलों ने किताबों पर प्रतिबंध लगाया। उदाहरण के लिए, विस्कॉन्सिन के एल्कहॉर्न एरिया स्कूल डिस्ट्रिक्ट ने इस साल सैकड़ों किताबों पर महीनों तक प्रतिबंध लगाया।

एलजीबीटीक्यू+ और यौन विषयक किताबों पर निशाना

रिपोर्ट के मुताबिक, प्रतिबंधित किताबों में से कई वे हैं, जिनमें रोमांस, महिलाओं के यौन अनुभव, बलात्कार या यौन शोषण की कहानियां हैं। इसके अलावा, एलजीबीटीक्यू+ किरदारों या विषयों, नस्लवाद, और रंगभेद से जुड़े किताबों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।

कानूनी लड़ाई से कुछ किताबों की बहाली

वहीं, कुछ जगहों पर कानूनी लड़ाई के बाद किताबें फिर से बहाल भी की गई हैं। बताया गया कि फ्लोरिडा के एक काउंटी ने माता-पिता, छात्रों और लेखकों के एक समूह द्वारा दायर मुकदमे का निपटारा होने के बाद 36 किताबों को फिर से बहाल किया, जिन्हें पहले हटा दिया गया था।

पेन अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि यह आंकड़े वास्तव में कम हो सकते हैं क्योंकि कई किताबों पर प्रतिबंध की कई स्टोरी रिपोर्ट ही नहीं की जातीं। इसके साथ ही, उन्होंने ‘सॉफ्ट सेंसरशिप’ की ओर भी इशारा किया, जिसमें स्कूलों में किताबों की चयन प्रक्रिया में हिचकिचाहट, वैचारिक रूप से प्रेरित किताबों की खरीद पर रोक, और लेखक के दौरे और पुस्तक मेलों के रद्द किए जाने की घटनाएं शामिल हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version