Homeसाइंस-टेकMicrosoft को पछाड़कर Nvidia बनी दुनिया की मोस्ट वैल्युएबल कंपनी

Microsoft को पछाड़कर Nvidia बनी दुनिया की मोस्ट वैल्युएबल कंपनी

नई दिल्लीः अमेरिकी मल्टीनेशनल और दिग्गज टेक कंपनी एनवीडिया (Nvidia) दुनिया मोस्ट वैल्युएबल कंपनी बन गई है। कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) को पीछे छोड़कर पहले स्थान पर पहुंची है। चिप निर्माता कंपनी के स्टॉक तीन जून को करीब तीन प्रतिशत के साथ बढ़े। शेयर वैल्यू बढ़ने के साथ ही कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 3.45 ट्रिलियन डॉलर (करीब 296 लाख करोड़ रुपये) हो गया है। 

माइक्रोसॉफ्ट की मार्केट वैल्यू 3.44 ट्रिलियन डॉलर (करीब 294 लाख करोड़ रुपये) हो गई है। कंपनी पहली बार पहले स्थान पर नहीं पहुंची है। इससे पहले भी वह कई बार एप्पल और माइक्रोसॉफ्ट को पीछे छोड़ चुकी है। बीते साल जून में कंपनी को एप्पल को पीछे छोड़कर नंबर-1 बनी थी। एप्पल का मार्केट कैप इस समय 3.04 ट्रिलियन (करीब 261 लाख करोड़ रुपये) है। 

Google, Microsoft जैसी कंपनियां खरीदती हैं चिप

एनवीडिया मुख्य रूप से चिप बनाने का काम करती है। यह मुख्यतः ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) की डिजाइनिंग और मैन्युफैकचरिंग करती है। यह गेमिंग, प्रोफेशनल एप्लिकेशन और क्रिप्टोमाइनिंग के लिए चिप बनाने का काम करती है। इसके अलावा रोबोटिक्स में भी इनकी चिप्स का इस्तेमाल होता है। कंपनी ने अपने एआई एक्सेलरेटर को अपग्रेड किया है। इसकी चिप्स का इस्तेमाल चैटजीपीटी जैसे अन्य अत्याधुनिक एआई सिस्टम को प्रशिक्षित करने के लिए किया जाता है। 

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गूगल(Google), माइक्रोसॉफ्ट, मेटा (Meta), एक्सएआई और ओरेकल जैसी दिग्गज टेक कंपनियां एनवीडिया के चिप्स का इस्तेमाल करती हैं। ये कंपनियां बड़े पैमाने पर एनवीडिया से चिप खरीदती हैं। बीते सप्ताह एनवीडिया ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें उसने पहली तिमाही में अपनी मजबूत आय की जानकारी दी थी। यह 44.06 बिलियन डॉलर (37 खरब 85 अरब रुपये) थी। यह आय बीते इसी अवधि की आय से करीब 69 प्रतिशत अधिक थी।  

जेनसेन हुआंग और कर्टिस प्रिएम ने की स्थापना

एनवीडिया की स्थापना साल 1993 में जेनसेन हुआंग और कर्टिस प्रिएम ने की थी। वहीं, हाल ही में एक पॉडकास्ट में कंपनी के सीईओ हुआंग से पूछा गया कि अगर उन्हें फिर से एक मौका मिले तो किस तरह की कंपनी स्थापित करना चाहेंगे। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि वह नहीं करेंगे। उन्होंने आगे कहा था कि एक कंपनी बनाना और एनवीडिया जैसी कंपनी बनाना हमारी उम्मीद से कहीं ज्यादा कठिन साबित हुआ।

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इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि यदि उस समय हमें इस दर्द और पीड़ा का अहसास होता तथा यह पता होता कि आप कितने कमजोर होने वाले हैं, आपको किन चुनौतियों का सामना करने वाले हैं, तो मुझे नहीं लगता कोई भी कंपनी शुरू करेगा। उन्होंने कहा “कोई भी सही दिमाग वाला ऐसा नहीं करेगा।”

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