पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनावों से पहले युवाओं को साधने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। गुरुवार को उन्होंने घोषणा की कि बेरोजगार युवाओं को अब हर महीने 1,000 रुपये का भत्ता दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री कुमार ने ‘एक्स’ पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने पोस्ट में कहा कि 2005 से ही उनकी सरकार की प्राथमिकता रोजगार और नौकरी सृजन रही है। उन्होंने बताया कि अगले पाँच सालों में राज्य सरकार का लक्ष्य एक करोड़ युवाओं को सरकारी और निजी क्षेत्रों में रोजगार और नौकरी के बड़े अवसर प्रदान करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के ‘7 निश्चय’ कार्यक्रम के तहत आने वाली ‘मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना’ का लाभ अब बेरोजगार स्नातक (ग्रेजुएट) युवाओं को भी मिलेगा। पहले यह योजना केवल इंटरमीडिएट पास उम्मीदवारों के लिए थी।
किन लोगों को मिलेगा बिहार में बेरोजगारी भत्ता
इस नए बदलाव के तहत, 20 से 25 साल की उम्र के ऐसे स्नातक युवा जो न तो पढ़ाई कर रहे हैं, न नौकरी कर रहे हैं और न ही स्वरोजगार में लगे हैं, उन्हें अधिकतम दो साल के लिए हर महीने 1,000 रुपये का भत्ता मिलेगा। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि यह आर्थिक मदद युवाओं को कौशल प्रशिक्षण लेने और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की इस दूरदर्शी पहल का मकसद राज्य के युवाओं को अधिकतम रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इससे शिक्षित युवा आत्मनिर्भर, कुशल और रोजगार योग्य बनेंगे, जिससे वे राज्य और राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे पाएंगे।
बिहार में रोजगार का जिक्र करते हुए पोस्ट में नीतीश कुमार ने लिखा रि आने वाले समय में सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में नौकरी एवं रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इस निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे नौकरी या रोजगार प्राप्त कर सकें।
नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस सहायता भत्ता का उपयोग युवक और युवतियां आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त करने तथा प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारियों में करेंगे ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।
इससे पहले, बुधवार को नीतीश कुमार ने राज्य के 16.04 लाख निर्माण श्रमिकों को 5,000 रुपये की सीधी आर्थिक सहायता दी थी। राजनीतिक गलियारों में इस कदम को भी आगामी चुनावों से पहले एक बड़ा दांव माना जा रहा है। विश्वकर्मा पूजा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर ‘बिहार सरकार की वार्षिक कपड़ा सहायता योजना’ के तहत 802.46 करोड़ रुपये सीधे निर्माण श्रमिकों के बैंक खातों में हस्तांतरित किए गए थे। इस दौरान, नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्रियों सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा की उपस्थिति में संविदा कर्मचारियों के लिए ‘प्रतिज्ञा’ नामक एक वेब पोर्टल भी लॉन्च किया।
नीतीश-अमित शाह की मुलाकात
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और नीतीश कुमार की गुरुवार सुबह मुलाकात हुई। नीतीश कुमार खुद उस होटल पहुंचे जहां शाह ठहरे थे। दोनों नेताओं के बीच करीब 20 मिनट तक बातचीत चली।
बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में आगामी चुनाव और एनडीए में सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर चर्चा हुई। मुलाकात के बाद शाह पटना एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए और फिर रोहतास के कार्यक्रम के लिए निकल गए।
अमित शाह बुधवार देर रात पटना पहुंचे थे। रात को उन्होंने होटल में लगभग 45 मिनट तक बिहार बीजेपी के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक की। इस दौरान मौजूदा राजनीतिक हालात की समीक्षा हुई और चुनावी रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई। शाह ने पार्टी नेताओं को हर स्तर पर चुनावी तैयारी में जुट जाने का निर्देश दिया।