Homeभारततहव्वुर राणा की वॉयस सैंपल लेने की तैयारी में NIA, दुबई लिंक...

तहव्वुर राणा की वॉयस सैंपल लेने की तैयारी में NIA, दुबई लिंक की करेगी जांच

नई दिल्ली: मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा की दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) मुख्यालय में सोमवार को लगातार चौथे दिन भी पूछताछ जारी है। इस मामले में एनआईए अधिकारियों की एक टीम राणा से पूछताछ कर रही है, ताकि 16 साल पहले देश को झकझोर देने वाले हमलों के पीछे उसकी वास्तविक भूमिका का पता लगाया जा सके। बताया जा रहा है कि जांच एजेंसी द्वारा जांच के दौरान जुटाए गए विभिन्न सबूतों के आधार पर राणा से पूछताछ की जा रही है, जिसमें उसके और सह-साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ ​​दाऊद गिलानी के बीच बड़ी संख्या में फोन कॉल शामिल हैं। अमेरिकी नागरिक हेडली वर्तमान में अमेरिका की जेल में बंद है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, राणा धीरे-धीरे जांच में सहयोग कर रहा है। इस बीच, जांच एजेंसी उसकी आवाज का नमूना लेने की तैयारी में है। हालांकि ऐसे करने के लिए वो कोर्ट में वॉयस सैंपल की अनुमति के लिए आवेदन करेगी। वॉइस सैंपल को जांच एजेंसी राणा के जो कॉल रिकॉर्डिंग उनके पास है, उससे मिलाना चाहती है। बताया जा रहा है कि एनआईए ने हमलों के समय की इंटरसेप्ट की गई कॉल रिकॉर्डिंग से मिलान करने के लिए राणा की आवाज का सैम्पल इकठ्ठा करने की योजना बनाई है। एनआईए पता लगाएगी कि क्या नवंबर 2008 के हमलों के दौरान राणा फोन पर निर्देश दे रहा था, जिसमें मुंबई में 166 लोगों की जान चली गई थी।

जांच एजेंसियों के लिए राणा एक अहम कड़ी

भारत की जांच एजेंसियों के लिए राणा एक अहम कड़ी है, क्योंकि माना जाता है कि वह पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और आईएसआई के साथ मिलकर मुंबई हमलों की साजिश में शामिल रहा है। बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने राणा के अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण के बाद गुरुवार को नई दिल्ली के पालम हवाई अड्डे पर पहुंचते ही उसे हिरासत में ले लिया। इसके बाद राणा को पटियाला हाउस स्थित एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 18 दिन की हिरासत में भेज दिया गया। एनआईए अब राणा से 2008 के मुंबई हमलों की साजिश के बारे में विस्तार से पूछताछ करेगी, जिसमें 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे।

राणा को लॉस एंजिल्स से एनआईए और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की टीमों के साथ एक विशेष विमान से भारत लाया गया। अमेरिका में राणा ने अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए कई कानूनी कोशिश की, जिसमें अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में आपातकालीन याचिका भी शामिल थी। सभी याचिकाएं खारिज होने के बाद प्रत्यर्पण संभव हो सका। भारत के विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ मिलकर इस प्रक्रिया को पूरा किया।

मुंबई हमलों की साजिश में अहम भूमिका

एनआईए ने राणा के प्रत्यर्पण के लिए वर्षों तक प्रयास किए। एजेंसी ने अमेरिका की एफबीआई, न्याय विभाग (यूएसडीओजे) और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया। राणा पर आरोप है कि उसने मुंबई हमलों की साजिश में अहम भूमिका निभाई थी।

मुंबई हमले 26 नवंबर 2008 को हुए थे, जब 10 आतंकियों ने ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और नरीमन हाउस समेत कई जगहों पर हमला किया था। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। राणा पर लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर हमले की योजना बनाने का आरोप है। अदालत में पेशी के दौरान एनआईए ने कहा कि राणा से पूछताछ के जरिए हमले से जुड़े अन्य लोगों और साजिश के पूरे नेटवर्क का पता लगाया जाएगा। जांच एजेंसी का कहना है कि यह प्रत्यर्पण आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में बड़ी कामयाबी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version