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नागपुर में हिंसा भड़काने का मुख्य आरोपी फहीम खान गिरफ्तार, 21 मार्च तक पुलिस हिरासत में

नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर में भड़की हिंसा के एक मुख्य आरोपी फहीम शमीम खान को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही कोर्ट में पेशी के बाद उसे  21 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है। पुलिक की एफआईआर में फहीम शमीम खान को हिंसा का मुख्य आरोपी बताया गया है। उस पर आरोप है कि उसने लोगों को उकसाकर भीड़ जुटाई थी। फिलहाल, नागपुर में हुई हिंसा के बाद स्थिति नियंत्रण में है, हालांकि, शहर के कई संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू जारी है। इस बीच नागपुर पुलिस ने बुधवार को फहीम शमीम खान की पहली फोटो जारी की। 

एफआईआर के मुताबिक, छत्रपति शिवाजी महाराज की तिथि अनुसार जयंती के मौके पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के लोगों ने गांधी गेट के पास छत्रपति शिवाजी महाराज के पुतले के सामने औरंगज़ेब की कब्र के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान औरंगज़ेब का प्रतीकात्मक पुतले को भी फूंका। इसके खिलाफ माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के शहर अध्यक्ष फहीम खान शमीम खान की अध्यक्षता में 50 से 60 लोगों ने अवैध रूप से पुलिस स्टेशन पर भीड़ इकट्ठा की। इन लोगों के लिखित निवेदन पर औरंगजेब के विरोध करने वाले नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

कौन है फहीम शमीम खान?

फहीम शमीम खान नागपुर में माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के अध्यक्ष है। पुलिस ने फहीम खान सहित 51 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। फहीम खान ने 2024 के लोकसभा चुनाव में नागपुर से नितिन गडकरी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई। पुलिस के मुताबिक, इस दौरान भीड़ में मौजूद लोगों को शांति बनाए रखने की हिदायत भी दी गई। इसके बावजूद इन लोगों ने शाम तकरीबन 4 बजे, छत्रपति शिवाजी पुतले के पास दंगा भड़काने के उद्देश्य से अपने धर्म के 400 से 500 लोगों को इकट्ठा किया। उन्हें बार-बार स्पीकर से अनाउंसमेंट कर इसकी जानकारी दी कि भीड़ अवैध है तथा वे यहां इकठ्ठा न हों और सुरक्षित रूप से अपने घरों को चले जाएं।

औरंगजेब की कब्र को लेकर शुरू हुआ झड़प 

सोमवार रात साढ़े सात बजे के करीब मध्य नागपुर में हिंसा भड़क गई थी और पुलिस पर पथराव किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि यह हिंसा इस अफवाह के बाद फैली कि औरंगजेब की कब्र हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान एक समुदाय के धार्मिक ग्रंथ को जला दिया गया। हिंसा में 34 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इसके बाद शहर के संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया, जिससे लोगों और वाहनों की आवाजाही पर रोक लग गई।

पुलिस के अनुसार, अब कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकडगंज, पाचपावली, शांति नगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाडा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्र में आने वाले इलाकों में कर्फ्यू प्रभावी है। कहा गया कि कर्फ्यू के दौरान संबंधित इलाकों के पुलिस उपायुक्त सड़कों पर वाहनों की आवाजाही के बारे में निर्णय लेंगे। अधिकारियों के अनुसार, सोमवार रात हुई हिंसा में तीन पुलिस उपायुक्तों समेत 12 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पथराव और आगजनी के सिलसिले में अब तक करीब 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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