Friday, October 10, 2025
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बिहार, आंध्र प्रदेश और तेलगांना से जुड़े 6,798 करोड़ रुपए के 2 बड़े रेल परियोजनाओं को कैबिनेट की मंजूरी

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने गुरुवार को 6,798 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली दो रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है। ये परियोजनाएं आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार के आठ जिलों को कवर करेंगी।

इन परियोजनाओं में से एक में 2,245 करोड़ रुपए के कुल निवेश के साथ आंध्र प्रदेश की प्रस्तावित नई राजधानी अमरावती को जोड़ने वाली एक नई रेलवे लाइन का निर्माण भी शामिल है।

यह नई लाइन हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों के लिए सीधा रेल संपर्क स्थापित करेगी, साथ ही मछलीपट्टनम, कृष्णापट्टनम और काकीनाडा के बंदरगाहों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। दोनों परियोजनाओं के पांच साल के भीतर पूरा होने की उम्मीद है।

इन परियोजनाओं के अलावा रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने सात हजार विशेष ट्रेनें भी चलाने का ऐलान किया है। दिवाली और छठ जैसे त्योहारों में ज्यादा ट्रेन सेवाओं की मांग को देखते हुए रेलमंत्री ने यह ऐलान किया है। इन विशेष ट्रेनों के चलते हर रोज दो लाख से भी अधिक यात्रियों को उनकी यात्रा में मदद मिलेगी।

इस कारण आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार के 8 जिलों को मिलेगा लाभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीईए की बैठक में कहा गया कि कनेक्टिविटी प्रदान करने, यात्रा को आसान बनाने, लॉजिस्टिक लागत को कम करने, तेल आयात को कम करने और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने के लिए इन परियोजनाओं को शुरू किया जा रहा है।

स्वीकृत परियोजनाओं में बिहार में नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंडों का दोहरीकरण होना है। यह 256 किमी की दूरी को कवर करती है।

दूसरी परियोजना के तहत आंध्र प्रदेश के अमरावती से गुजरने वाली एर्रुपलेम और नंबुरु के बीच 57 किमी की नई लाइन का निर्माण किया जाएगा। दोनों परियोजनाओं से लगभग 106 लाख मानव दिवसों का प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा।

इन परियोजनाओं से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार के आठ जिले लाभान्वित होंगे और भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में 313 किमी और जुड़ जाएगा।

मंत्रिमंडल के अनुसार, “इनसे असंबद्ध क्षेत्रों को जोड़ने में लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार होगा। मौजूदा लाइन क्षमता में वृद्धि होगी और परिवहन नेटवर्क में विस्तार होगा, जिसके परिणामस्वरूप आपूर्ति श्रृंखला सुव्यवस्थित होगी और आर्थिक विकास में तेजी आएगी।”

नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर सेक्शन के दोहरीकरण से नेपाल, पूर्वोत्तर भारत और सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए कनेक्टिविटी बढ़ेगी। साथ ही मालगाड़ियों के साथ-साथ यात्री ट्रेनों की आवाजाही भी आसान होगी, जिससे क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास होगा।

रेलवे के नई परियोजनाओं से इन सेक्टरों को होगा फायदा

मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से दो महत्वाकांक्षी जिलों (सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर) के लिए कनेक्टिविटी बढ़ेगी, जिससे 388 गांवों और लगभग नौ लाख लोगों को सेवा मिलेगी। सीसीईए ने कहा, “ये कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट आदि वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 31 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) अतिरिक्त माल यातायात होगा।”

बता दें कि एर्रुपलेम-अमरावती-नम्बुरु रेल लाइन परियोजना आंध्र प्रदेश के एनटीआर विजयवाड़ा और गुंटूर जिलों और तेलंगाना के खम्मम जिले से होकर गुजरती है। नई लाइन परियोजना 168 गांवों और लगभग 12 लाख लोगों को नौ नए स्टेशनों के साथ कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

कैबिनेट ने कहा, “नई लाइन का प्रस्ताव आंध्र प्रदेश की प्रस्तावित राजधानी अमरावती को सीधा संपर्क प्रदान करेगा और उद्योगों और आबादी के लिए गतिशीलता में सुधार करेगा, जिससे भारतीय रेलवे के लिए बेहतर दक्षता और सेवा विश्वसनीयता मिलेगी।”

समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ

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