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ऑपरेशन सिंदूर में तबाह हो गया था मसूद अजहर का परिवार, अब जैश कमांडर का भी कबूलनामा आया सामने

जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मौलाना मसूद अजहर के परिवार के टुकड़े-टुकड़े हो गए थे।

इस्लामाबादः जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के कमांडर ने यह स्वीकार किया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना द्वारा किए गए हमलों में आतंकवादी सरगना मसूद अजहर के परिवार के “टुकड़े-टुकड़े” हो गए थे।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा सकता है कि जैश-ए-मोहम्मद कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी 7 मई को भारतीय सेना द्वारा किए गए हमलों के बारे में बता रहा है कि कैसे सुरक्षाबलों ने उनके ठिकानों पर हमला किया था।

जैश-ए-मोहम्मद कमांडर ने क्या कहा?

वीडियो में कश्मीरी उर्दू में बोल रहा है जबकि उसके पीछे कई हथियारबंद लोग खड़े हैं। युवक ने कहा “आतंकवाद को गले लगाते हुए हमने इस देश की सीमाओं की रक्षा के लिए दिल्ली, काबुल और कांधार से लड़ाई लड़ी। अपना सबकुछ कुर्बान करने के बाद 7 मई को बहावलपुर में भारतीय सेना ने मौलाना मसूद अजहर के परिवार को तहस-नहस कर दिया।”

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय पर हमला किया था। गौरतलब है कि पहलगाम में पर्यटकों के ऊपर हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने 6 और 7 मई की दरम्यानी रात ऑपरेशन सिंदूर लांच किया था। 22 अप्रैल को आतंकियों द्वारा पहलगाम में हुए हमले में 26 लोग मारे गए थे।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। बहावलपुर पाकिस्तान का एक बड़ा शहर है। लाहौर से इसकी दूरी करीब 400 किमी है। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय पर हुए हमले में अजहर के करीबी रिश्तेदार मारे गए थे। इनमें उसकी बहन, बहनोई, भांजा, भांजी और भी परिवार के कई सदस्य शामिल हैं। इसके साथ ही अजहर के चार सहयोगी भी इस हमले में मारे गए थे।

भारतीय सेना ने आतंकी ठिकानों को बनाया था निशाना

भारतीय सेना ने इस दौरान हिजबुल मुजाहिद्दीन और लश्कर-ए-तैयबा के संगठनों के ठिकानों को भी निशाना बनाया था। भारतीय सेना द्वारा किए गए इस ऑपरेशन के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी और व्योमिका सिंह ने जानकारी दी थी कि इन हमलों में सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया है और इसमें किसी भी तरह से नागरिकों को कोई नुकसान नहीं हुआ है। पाकिस्तान ने हालांकि दावा किया था कि 26 लोग मारे गए थे और 46 अन्य लोग घायल हुए थे।

भारत-पाकिस्तान के बीच 7-10 मई तक सीमा पर तनाव बना रहा और इस दौरान दोनों तरफ से ड्रोन और मिसाइल हमले जारी रहे। 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच इसको लेकर युद्धविराम हुआ। पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए थे, जिसमें सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया था। इसके साथ ही किसी भी तरह के व्यापारिक संबंधों पर भी विराम लगाया था।

यह भी पढ़ें – पाकिस्तान: ऑपरेशन सिंदूर में तबाह मुरीदके मुख्यालय को बाढ़ राहत के पैसे से तैयार करने में जुटा लश्कर-ए-तैयबा

2000 के शुरुआती दशक में जैश-ए-मोहम्मद की शुरुआत हुई थी और इसकी स्थापना मसूद अजहर ने की थी। अजहर बीते दो दशकों में भारत में हुए कई घातक हमलों का जिम्मेदार है। 2016 में हुए पठानकोट हमले और 2019 के पुलवामा हमले के पीछे भी अजहर का हाथ था।

अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...

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