Wednesday, September 10, 2025
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Maratha Quota: भूख हड़ताल पर बैठे जरांगे को आजाद मैदान खाली करने का नोटिस, कहा- नहीं छोड़ेंगे मुंबई

Maratha Quota: पुलिस ने जरांगे को यह नोटिस बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद भेजा। कोर्ट ने आदेश में सरकार से कहा था कि वह सुनिश्चित करे कि मंगलवार दोपहर तक प्रदर्शनकारियों से सड़कें खाली करा ली जाएँ।

Maratha Quota: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे को भूख हड़ताल करते मंगलवार पांच दिए हो गए। इस बीच, मुंबई पुलिस ने जरांगे और उनके समर्थकों को नोटिस जारी कर आजाद मैदान खाली करने को कहा है। हालांकि जरांगे ने पुलिस की नोटिस पर कहा कि वह अपनी मांगे पूरी होने तक कहीं नहीं जाएंगे।

पुलिस ने जरांगे को यह नोटिस बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद भेजा। कोर्ट ने आदेश में सरकार से कहा था कि वह सुनिश्चित करे कि मंगलवार दोपहर तक प्रदर्शनकारियों से सड़कें खाली करा ली जाएँ। अदालत ने माना कि जरांगे ने पुलिस द्वारा तय की गई सभी शर्तों का उल्लंघन किया है।

सोमवार को इस मामले पर एक विशेष सुनवाई के दौरान, हाईकोर्ट ने मुंबई की स्थिति को ‘गंभीर’ बताया और कहा कि मराठा आंदोलन के कारण मुंबई ‘लगभग ठप्प’ हो गई है। कोर्ट ने जरांगे और उनके समर्थकों को ‘एक मौका’ देते हुए कहा कि वे मंगलवार दोपहर तक सड़कों को खाली और साफ कर दें। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर जरांगे की सेहत बिगड़ती है, तो सरकार को उन्हें मेडिकल सहायता देनी होगी।

जस्टिस रवींद्र घुगे और जस्टिस गौतम अंखड की बेंच ने कहा कि चूँकि प्रदर्शनकारियों के पास आंदोलन जारी रखने की अनुमति नहीं है, इसलिए महाराष्ट्र सरकार को कानूनी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए और उचित कदम उठाने चाहिए। कोर्ट ने सरकार से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि अब और प्रदर्शनकारी मुंबई में दाखिल न हों।

सड़क से लेकर स्टेशनों तक फैले प्रदर्शनकारियों से बढ़ी अव्यवस्था

कोर्ट के आदेश के बाद जरांगे ने अपने समर्थकों से अदालत के निर्देशों का पालन करने और सड़कों पर घूमकर लोगों को परेशान न करने की अपील की। गौरतलब है कि प्रदर्शन को लेकर मुंबई में अव्यस्था फैल गई है। आजाद मैदान के बाहर एक सड़क पर, कुछ प्रदर्शनकारी सोमवार को क्रिकेट खेलते भी दिखे। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सीएसएमटी स्टेशन पर नाचते और आरक्षण की मांग को लेकर नारे लगाते दिखे, जिससे भीड़-भाड़ वाले इस स्टेशन पर और भीड़ बढ़ गई। वे हिंदी और मराठी गानों पर नाच रहे थे।

कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क के डिवाइडर, स्टेशन के प्लेटफॉर्म और यहाँ तक कि ट्रैक पर भी बचा हुआ खाना, पानी की बोतलें और रैपर फेंक दिए। हालाँकि, कुछ प्रदर्शनकारी सीएसएमटी स्टेशन की सफाई करते भी दिखे। एक अधिकारी ने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारी हार्बर लाइन के ट्रैक पर कूद गए थे, लेकिन रेलवे पुलिस ने उन्हें तुरंत हटा दिया। कुछ लोगों ने मानव पिरामिड बनाया और सबसे ऊपर खड़ा व्यक्ति आरक्षण की मांगों वाला पोस्टर लिए हुए था।

सोमवार को, कई प्रदर्शनकारी महापालिका मार्ग, जेजे मार्ग और डीएन रोड की तरफ जाने वाली सड़कों पर जमा हो गए, जिससे कुछ समय के लिए ट्रैफिक रुक गया। कुछ समूहों ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में घुसने की कोशिश भी की, लेकिन सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद उन्होंने इमारत के बाहर “एक मराठा लाख मराठा” और “आरक्षण आमचा हक्का चे” (आरक्षण हमारा अधिकार है) जैसे नारे लगाए।

रेलवे पुलिस आयुक्त राकेश कलासागर ने कहा कि यात्रियों और प्रदर्शनकारियों दोनों के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।

‘मांग पूरी नहीं होने तक मुंबई नहीं छोड़ेंगे’

मुंबई पुलिस की नोटिस के बाद जरांगे ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी मांगे पूरी नहीं होने तक मुंबई नहीं छोड़ेंगे भले ही उनकी जान चली जाए। उन्होंने सीएम देवेंद्र फड़नवीस को चुनौती देते हुए कहा कि अगर सरकार मराठा समुदाय का सम्मान करेगी तो वे भी सरकार का सम्मान करेंगे।

हाई कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शनकारी छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, चर्चगेट रेलवे स्टेशन, मरीन ड्राइव और यहाँ तक कि हाई कोर्ट की इमारत जैसी जगहों पर भी जमा हो गए थे। सरकार के वकील बीरेंद्र सराफ ने कोर्ट को बताया कि प्रदर्शन की अनुमति केवल 29 अगस्त तक थी, और जरांगे व उनके समर्थकों ने हर शर्त का उल्लंघन किया है।

जब कोर्ट ने पूछा कि अगर लाखों और प्रदर्शनकारी आते हैं तो सरकार इससे कैसे निपटेगी, तो बेंच ने कहा, “जरांगे कह रहे हैं कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक वे आमरण अनशन करेंगे और मुंबई नहीं छोड़ेंगे। यह एक खुली धमकी है। सरकार सड़कों को साफ क्यों नहीं करा रही? जरांगे ने जो भरोसा दिया था कि मुंबई का जनजीवन नहीं रुकेगा, उसका हर तरह से उल्लंघन हो रहा है।”

कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा, “प्रदर्शनकारी सिर्फ आजाद मैदान में क्यों नहीं बैठ रहे और हर जगह क्यों घूम रहे हैं? हम सामान्य स्थिति चाहते हैं। प्रदर्शनकारी सड़कों पर नहा रहे हैं, खाना बना रहे हैं और शौच कर रहे हैं।”

सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग

मनोज जरांगे सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि मराठों को कुनबी के रूप में मान्यता दी जाए, जो ओबीसी श्रेणी में शामिल एक कृषक जाति है, जिससे वे आरक्षण के पात्र बनेंगे। अपनी इस मांग को लेकर जरांगे ने भूख हड़ताल पर बैठ गए। सोमवार दोपहर से पानी पीना भी बंद कर दिया था। हालाँकि, हाई कोर्ट के निर्देशों के बाद उन्होंने शाम को अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कुछ घूंट पानी पिया।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि उनकी सरकार हाई कोर्ट के निर्देशों को लागू करेगी और इस गतिरोध को हल करने के लिए कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.in
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
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