Monday, September 8, 2025
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कुमार विश्वास की पत्नी मंजू शर्मा ने हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद RPSC से दिया इस्तीफा

डॉ. कुमार विश्वास की पत्नी मंजू शर्मा ने राजस्थान हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद आरपीएससी सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया है।

जयपुरः मशहूर कवि कुमार विश्वास की पत्नी मंजू शर्मा ने राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य के पद से इस्तीफ दे दिया। राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ की गई आलोचनात्मक टिप्पणी के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। हाईकोर्ट ने सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती को रद्द करते हुए मंजू शर्मा के साथ-साथ अन्य सदस्यों को भी फटकार लगाई थी। इस मामले में वह विवादों में घिरी थीं।

उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े को सौंपा। राज्यपाल को दिए गए पत्र में उन्होंने लिखा “मैंने अपना पूरा कामकाजी और निजी जीवन पारदर्शिता और ईमानदारी से काम करते हुए बिताया है लेकिन हाल ही में एक भर्ती प्रक्रिया में उठे विवाद के कारण मेरी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा और पूरे आयोग की गरिमा प्रभावित हुई। “

मंजू शर्मा ने राज्यपाल को दिए इस्तीफे में क्या लिखा?

उन्होंने लिखा “किसी भी पुलिस संस्थान या जांच एजेंसी में मेरे खिलाफ किसी भी तरह की कोई जांच लंबित नहीं है न ही किसी मामले में मुझे कभी आरोपी माना गया है।”

शर्मा ने आगे कहा “फिर भी सार्वजनिक जीवन में शुचिता के पक्षधर होने तथा आयोग की गरिमा, निष्पक्षता और पारदर्शिता को सर्वोपरि मानते हुए मैं स्वेच्छा से राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य पद से इस्तीफा दे रही हूं।”

राजस्थान हाई कोर्ट ने इस मामले पर कहा था कि उन्होंने (मंजू शर्मा) और अन्य ने परीक्षा की शुचिता से समझौता किया था।

हाई कोर्ट ने 28 अगस्त को दिए गए अपने आदेश में कहा था “आरपीएससी के सदस्य बाबू लाल कटारा, रामूराम रायका, मंजू शर्मा, संगीता आर्य, जसवंत राठी और अध्यक्ष संजय श्रोतिया ने प्रश्नपत्रों के लीक होने और साक्षात्कार प्रक्रिया को प्रभावित करने में अपनी सक्रिय भागीदारी या इसकी जानकारी के माध्यम से परीक्षा की शुचिता से व्यवस्थित और बड़े पैमाने पर समझौता किया।”

यह भी पढ़ें – पवन खेड़ा को EC ने भेजा नोटिस, BJP ने दो वोटर आईडी रखने का लगाया था आरोप, कांग्रेस नेता ने क्या कहा?

हाई कोर्ट ने एक अन्य टिप्पणी में मंजू शर्मा, जसवंत राठी और संगीता आर्य सहित आयोग के कई अन्य सदस्यों की सक्रिय मिलीभगत और संलिप्तता को “चिंताजनक” बताया था।

इसमें आगे कहा गया था “चार्जशीट के मुताबिक, इन सदस्यों को आयोग के सदस्यों के बीच निजी लाभ के लिए होने वाले लेन देन और गड़बड़ियों की पूरी जानकारी थी।”

राजस्थान हाई कोर्ट ने क्या टिप्पणी की थी?

अदालत ने इस दौरान यह भी कहा था कि आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामूराम रायका ने भी “अपने बच्चों के साक्षात्कारों के संबंध में सदस्य मंजू शर्मा, संगीता आर्य और जसवंत राठी के साथ बातचीत की थी। इन सदस्यों की भागीदारी आरपीएससी के भीतर व्यवस्थित भ्रष्टाचार का संकेत देती है, जिससे साक्षात्कार और लिखित परीक्षा दोनों ही चरणों में भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता खतरे में पड़ रही है।”

गौरतलब है कि एसआई की इस भर्ती में कई गडबड़ियां सामने आईं थीं जिसके बाद हाई कोर्ट ने भर्ती रद्द कर दी थी। भर्ती प्रक्रिया के दौरान कुछ डमी उम्मीदवार बैठे थे। इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारियां भी हुईं थीं।

मंजू शर्मा का कार्यकाल अक्तूबर 2026 तक था। उन्होंने एमए (जियोग्राफी) से किया है और पीएचडी भी की है। इससे पहले वह भरतपुर के एमएसजे सरकारी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर थीं। उनके इस्तीफे की तरह साल 2020 में उनकी नियुक्त को लेकर भी विवाद हुआ था। तत्कालीन अशोक गहलोत की सरकार के कुछ सदस्यों ने उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाए थे।

कांग्रेस सदस्यों ने उनकी नियुक्ति पर इसलिए सवाल उठाए थे क्योंकि उनके पति कुमार विश्वास आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे और उसके नेतृत्व के कट्टर आलोचक थे। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कुमार विश्वास ने अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

अमरेन्द्र यादव
अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...
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