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पेरिस ओलंपिक 24: कौन हैं मनु भाकर जिन्होंने निशानेबाजी में पदक जीतकर रचा है इतिहास? परिवार वालों ने क्या कहा

पेरिस: फ्रांस में चल रहे पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की महिला निशानेबाज मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में कांस्य पदक जीता है। शूटर मनु भाकर ने यह पदक जीतकर इतिहास रच दिया है।

पेरिस ओलंपिक 2024 में मनु ने भारत के लिए पहला पदक जीता है। यही नहीं ओलिंपिक के इतिहास में शूटिंग मेडल जीतने वाली वह पहली भारतीय महिला बन गई हैं। फाइनल राउंड में उन्हें 221.7 पॉइंट्स मिले हैं जिससे उनकी जीत पक्की हुई है।

मनु के पदक जीतने से परिवार और रिश्तेदारों में खुशी का माहौल है। इस पर उनकी प्रतिक्रिया भी सामने आई है। बता दें कि निशानेबाजी के इस इवेंट में कोरिया के दो खिलाड़ियों ने गोल्ड और सिलवर जीता है। कोरिया की ओह ये जिन ने गोल्ड और ही किम येजी ने सिल्वर पदक जीता है।

मनु की मां ने क्या कहा है

मनु भाकर की मां ने बताया, मेरी सोसाइटी में सभी लोगों ने इकट्ठे होकर मनु के मैच को देखा है। आज बहुत बड़ा दिन है, बेटी ने बहुत अच्छा खेल दिखाया, सभी की मेहनत रंग लाई। आज पूरी देश-दुनिया उसको देख रही है।

अभी वह शूटिंग में और भी इवेंट में हिस्सा लेगी, इसके बाद जब वह देश आएगी, तो मैंने उसके स्वागत का खास प्लान बना रखा है।

टोक्यो ओलंपिक के बाद मनु ने क्या है खूब मेहनत-मनु की मां

मनु की मां ने आगे बताया कि मनु ने टोक्यो ओलंपिक के बाद से बहुत मेहनत की है। इस मेहनत को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। 2018 के बाद से हमारे पास रिश्तेदारों के यहां जाने का भी वक्त नहीं मिला।

इस बात से रिश्तेदार नाराज हैं, लेकिन अब मैं सबको मना लूंगी और सबसे मिलूंगी। मनु बचपन में अन्य खेल भी खेलती थी, वह बहुत अच्छी स्केटिंग करती थी। मनु के पिता ने शूटिंग में बेहतर करने का सुझाव दिया था।

पिता ने क्या कहा

मनु भाकर के पिता ने कहा कि, मनु की जीत पर पूरे देशवासियों को धन्यवाद कहूंगा, क्योंकि उन्होंने आशीर्वाद और शुभकामनाएं दी और कठिन समय में भी साथ दिया। फेडरेशन ने भी बहुत साथ दिया। उसकी मां को विशेष तौर पर धन्यवाद कहूंगा, वह हमेशा मनोबल बढ़ाने का काम करती रही हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई राजनेताओं ने उनको बधाई दी।

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कौन है मनु?

हरियाणा के झज्जर की रहने वाली मनु भाकर का जन्म 18 फरवरी 2002 को हुआ था। बचपन से ही मनु का खेलों में काफी रुचि थी। पिस्टल शूटिंग में महत्वपूर्ण पहचान बनाने से पहले वह मुक्केबाजी, टेनिस और स्केटिंग जैसे अलग-अलग खेलों में भी हिस्सा ले चुकी हैं।

इन सब खेलों को ट्राई करने के बाद मनु ने अंत में यह फैसला किया था कि वह शूटिंग को ही अपना करियर बनाएंगी। महीनों की कड़ी मेहनत के बाद साल 2017 में मनु ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छे प्रदर्शन के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी।

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युवा ओलंपिक खेलों में मिली थी पहली सफलता

मनु को पहली सफलता ब्यूनस आयर्स के 2018 युवा ओलंपिक खेलों में मिली थी जहां उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। मनु के इस जीत ने उन्हें भारत की पहली निशानेबाज बना दिया जिसने युवा ओलंपिक खेलों में ऐसा प्रदर्शन किया है।

मनु भाकर ने आईएसएसएफ विश्व कप स्पर्धाओं में भी कई पदक जीते हैं जिनमें व्यक्तिगत और मिश्रित टीम दोनों में स्वर्ण पदक शामिल हैं।

16 साल की उम्र में जीता था पहला गोल्ड

मनु जब 16 साल की थी तब उन्होंने ग्वाडलाजारा के 2018 आईएसएसएफ विश्व कप में 10 मीटर एयर पिस्टल में अपने करियर का पहला गोल्ड जीता था। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में भी उनका प्रदर्शन अच्छा था और उन्होंने इस खेल में भी गोल्ड जीता था।

जकार्ता के 2018 एशियाई खेलों में अभिषेक वर्मा के साथ उनकी साझेदारी में मिश्रित टीम के तौर पर 10 मीटर एयर पिस्टल में भी उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था।

अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुकी हैं मनु

केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं बल्कि घरेलु स्तर पर भी मनु का प्रदर्शन अच्छा रहा है। घरेलु स्तर पर भी उन्होंने कई खेलों में भाग लिया है और कई राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी बनाए हैं। 2020 टोक्यो ओलंपिक के दौरान उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया था। हालांकि यह खेल कोरोना के कारण साल 2021 में आयोजित हुआ था।

इस खेल में वे एक भी पदक नहीं जीत पाईं थी। भारतीय खेलों में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए साल 2020 में उन्हें प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ

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