Saturday, October 11, 2025
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केन्या के राष्ट्रपति ने ‘फोर्ड फाउंडेशन’ पर लगाए हिंसा फैलाने के आरोप, भारत में भी इसे लेकर उठते रहे हैं सवाल

नैरोबी: केन्या के राष्ट्रपति विलियम सामोई रुटो ने हाल में देश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों को हवा देने का आरोप फोर्ड फाउंडेशन पर लगाया है। राष्ट्रपति ने कहा कि इस संस्था की भी इस पूरी घटना में भूमिका थी। केन्याई राष्ट्रपति ने एक्स पर लिखा, ‘हमारे युवा नुकसान देने वाले काम के लिए उपलब्ध नहीं हैं। हिंसा और उत्पात के लिए इन्हें प्रायोजित करने वालों को खुद पर शर्म आनी चाहिए। हमने फोर्ड फाउंडेशन से केन्यावासियों को हाल के विरोध प्रदर्शनों में अपनी भूमिका के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है। हम उन सभी को देखेंगे जो हमारे कठिन परिश्रम से हासिल किए गए लोकतंत्र को खत्म करने पर तुले हुए हैं।’

केन्या के राष्ट्रपति विलियम सामोई रुटो के खिलाफ देश में पिछले कई दिनों से प्रदर्शन हो रहे हैं। इसमें युवा बड़ी संख्या में शामिल हुए हैं। विरोध प्रदर्शन प्रस्तावित टैक्स वृद्धि के खिलाफ शांतिपूर्ण रैलियों से शुरू हुआ था। हालांकि, जल्द ही हिंसा भी शुरू हो गई। राष्ट्रपति रुटो और उनके प्रशासन के खिलाफ बड़ी संख्या में लोग जुटने लगे। ये विरोध प्रदर्शन पिछले करीब एक महीने से ज्यादा समय से चल रहा है। इन प्रदर्शनों के बीच हिंसा से अब तक करीब 40 लोग भी मारे जा चुके हैं।

यही नहीं, 25 जून को गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने संसद में धावा बोल दिया था जिसके बाद पुलिस को उन्हें रोकने के लिए गोलीबारी करनी पड़ी। इसमें कई लोगों की मौत हो गई थी।

फोर्ड फाउंडेशन पर आरोप

‘नेशन अफ्रीका’ की रिपोर्ट के अनुसार नाकुरू काउंटी में एक मार्केट की लॉन्चिंग के दौरान 88 वर्षीय केन्याई राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिकी चैरिटी ग्रुप उन्हें उनके ऑफिस से बेदखल करने की कोशिश कर सकता है।

रुटो ने कहा, ‘हम उन्हें बताने जा रहे हैं कि क्या उन्हें केन्या में लोकतंत्र में कोई दिलचस्पी नहीं है, क्या वे केन्या में हिंसा को प्रायोजित करने जा रहे हैं, क्या वे अराजकता को प्रायोजित करने जा रहे हैं, हम उन्हें बुलाने जा रहे हैं। हम ये उन्हें कहने जा रहे हैं कि या ते वे सिस्टम को अपना लें या फिर चले जाएं।’

फोर्ड फाउंडेशन ने आरोपों से इनकार किया

दूसरी ओर, ‘बिजनेस डे अफ्रीका’ के अनुसार फोर्ड फाउंडेशन ने राष्ट्रपति के आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि संगठन किसी भी तरह से हिंसा को नजरअंदाज नहीं करता है। संगठन ने कहा, ‘हम वित्त विधेयक के खिलाफ हाल के विरोध प्रदर्शनों को वित्त पोषित या प्रायोजित नहीं करते हैं और हमारे सभी अनुदानों के लिए एक सख्त गैर-पक्षपातपूर्ण नीति है। हालांकि, हम एक न्यायसंगत देश के लिए शांतिपूर्वक तरीके से बात रखने के केन्याई लोगों के अधिकार को मानते हैं, लेकिन हम किसी भी ऐसे कार्य या भाषण को अस्वीकार करते हैं जो घृणास्पद हैं या किसी संस्था, व्यक्ति या समुदाय के खिलाफ हिंसा की बात करता हो।’

फोर्ड फाउंडेशन क्या है? विवादों से रहा है नाता

फोर्ड फाउंडेशन एक अमेरिकी चैरिटी संस्था है। फोर्ड फाउंडेशन खुद को मानव कल्याण को आगे बढ़ाने में लगे एक समूह के रूप में प्रस्तुत करता है। हालांकि, इससे विवाद भी जुड़े रहे हैं। भारत में भी फोर्ड फाउंडेशन से संबंधित विवाद हैं। समूह के पास भारत सहित वामपंथी समर्थकों द्वारा समर्थित मुद्दों को वित्तपोषित करने का एक पुराना इतिहास है।

साल 2015 में गुजरात की सरकार ने तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ कथित ‘देश विरोधी’ कार्य करने और फोर्ड फाउंडेशन की ओर से फंडिंग के आरोप लगाए थे। तीस्ता की संस्थाओं के खिलाफ विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के उल्लंघन के आरोप लगे थे। इसके बाद करीब एक साल तक फोर्ड फाउंडेशन पर निगरानी रखी गई थी।

फोर्ड फाउंडेशन को लेकर इससे पहले से भी विवाद होते रहे हैं। कई इसे अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के लिए काम करने वाली संस्था मानते हैं। भारत में भी फोर्ड फाउंडेशन पर ऐसे गैर सरकारी संगठनों और आंदोलनों को वित्त पोषित करने का आरोप है जो वास्तव में भारत के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक हितों के खिलाफ काम करते हैं।

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