फिल्म निर्माता करण जौहर (Karan Johar) ने अपने व्यक्तित्व अधिकारों (पर्सनालिटी राइट्स) की सुरक्षा के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने मांग की है कि किसी को भी उनके नाम का इस्तेमाल करके गैरकानूनी रूप से सामान बेचने से रोका जाए।
यह कदम ऐसे समय आया है जब हाल ही में हाईकोर्ट ने अभिनेता अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन को इसी तरह की सुरक्षा दी थी। अदालत ने कई वेबसाइट्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को आदेश दिया था कि वे अभिषेक के नाम और तस्वीरों का उनकी अनुमति के बिना व्यावसायिक लाभ के लिए इस्तेमाल न करें।
याचिका में कहा गया था कि ‘ऐश्वर्या नेशन वेल्थ’ नाम की एक फर्म ने अपने लेटरहेड पर ऐश्वर्या की तस्वीर का उपयोग किया और उन्हें अपना चेयरपर्सन बताया। ऐश्वर्या के वकील संदीप सेठी ने इसे ‘धोखाधड़ी का इरादा’ बताते हुए कोर्ट को बताया था कि अभिनेत्री का इस फर्म से कोई संबंध नहीं है।
अभिषेक और ऐश्वर्या के मामले में क्या हुआ?
उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि बच्चन की शख्सियत, जिसमें उनका नाम, तस्वीरें और हस्ताक्षर शामिल हैं, का दुरुपयोग प्रतिवादी वेबसाइटों और प्लेटफॉर्मों द्वारा बिना उनकी अनुमति के, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे तकनीकी उपकरणों का उपयोग करके किया जा रहा है।
न्यायमूर्ति तेजस करिया ने 10 सितंबर के अपने आदेश में कहा, ये विशेषताएँ वादी के करियर के दौरान उनके पेशेवर काम और सहयोग से जुड़ी हैं। ऐसी विशेषताओं के अनधिकृत उपयोग से उनकी साख और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचता है।
कोर्ट ने कहा कि बच्चन ने प्रथम दृष्टया स्थगन आदेश के लिए एक मजबूत मामला बनाया है और सुविधा का संतुलन भी उनके पक्ष में है।
पर्सनैलिटी राइट्स किसी व्यक्ति की पहचान की कानूनी सुरक्षा है, जो अक्सर उन मशहूर हस्तियों के लिए लागू होता है, जिनका नाम, छवि या आवाज व्यावसायिक लाभ के लिए दुरुपयोग होने का खतरा होता है। ये अधिकार यह सुनिश्चित करते हैं कि केवल व्यक्ति, इन विशेषताओं के मालिक के रूप में, उनके उपयोग से मौद्रिक लाभ प्राप्त करने का अधिकार रखता है। ‘गोपनीयता के अधिकार’ के साथ-साथ इन अधिकारों को भी बहुत महत्व मिला है।
बच्चन परिवार के मुकदमे में किसे नामजद किया गया था?
इस मुकदमे में जिन कंपनियों और संस्थाओं को प्रतिवादी बनाया गया है, उनमें बॉलीवुड टी शॉप, टी पब्लिक, आइस पोस्टर, टॉप पिक्स, वॉलपेपर केव, वॉलपेपर.कॉम, जीएम ऑथेंटिक ऑटो एलएलसी, जेएस शाम रॉक और एत्सी जैसी संस्थाएं शामिल हैं।
इसके अलावा, याचिका में कई यूट्यूब चैनलों जैसे एआई एमएच 39, ईट विद सेलिब्रिटीज, एन्जॉय विद सेलिब्रिटीज, ऑल इन 1 और गेम विद गिरी, गूगल एलएलसी, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और दूरसंचार विभाग को भी शामिल किया गया है।
कई बड़े सितारे पहले भी अपने व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए अदालत पहुँच चुके हैं। 2022 में अमिताभ बच्चन ने दिल्ली हाईकोर्ट से अपने नाम, आवाज़ और छवि के अनधिकृत इस्तेमाल पर रोक दिलवाई थी।
2015 में मद्रास हाईकोर्ट ने रजनीकांत के पक्ष में फैसला देते हुए उनकी अनुमति के बिना बनी फिल्म “मैं हूँ रजनीकांत” की रिलीज रुकवाई। इसी तरह 2023 में अनिल कपूर ने भी कोर्ट का सहारा लिया और अपने मशहूर डायलॉग्स और किरदारों के गलत इस्तेमाल पर राहत हासिल की। 2024 में जैकी श्रॉफ ने भी अदालत का दरवाजा खटखटाया और एक यूट्यूब चैनल से उनके नाम और छवि से जुड़े वीडियो हटवाए गए।