Friday, October 10, 2025
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न्यायमूर्ति संजीव खन्ना बने भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश, 6 महीने का होगा कार्यकाल

नई दिल्लीः भारत के कई ऐतिहासिक सुप्रीम कोर्ट फैसलों में शामिल रहे न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने सोमवार को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। उन्होंने न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ का स्थान लिया, जिनका कार्यकाल शुक्रवार 8 नवंबर को समाप्त हुआ।

केंद्र सरकार ने 24 अक्टूबर को न्यायमूर्ति खन्ना की नियुक्ति को अधिसूचित किया था। शुक्रवार को न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ का मुख्य न्यायाधीश के रूप में अंतिम कार्य दिवस था और सुप्रीम कोर्ट के जजों, वकीलों और कर्मचारियों ने उन्हें जोरदार विदाई दी। 64 वर्ष की आयु में न्यायमूर्ति खन्ना का कार्यकाल छह महीने का होगा और वह 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।

कई अहम फैसलों का हिस्सा रहे संजीव खन्ना

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना कई महत्वपूर्ण फैसलों का हिस्सा रहे हैं, जिनमें चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करना और अनुच्छेद 370 को समाप्त करना शामिल है। उनके महत्वपूर्ण निर्णयों में चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के उपयोग को बनाए रखना भी शामिल है। न्यायमूर्ति खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने पहली बार आम आदमी पार्टी के नेता और उस समय के दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी ताकि वह लोकसभा चुनाव में प्रचार कर सकें।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का सफर

न्यायमूर्ति खन्ना दिल्ली के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता, न्यायमूर्ति देव राज खन्ना, दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज थे, और उनके चाचा, न्यायमूर्ति एच.आर. खन्ना, सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने पूर्व जज थे। न्यायमूर्ति एच.आर. खन्ना ने 1976 में आपातकाल के दौरान एडीएम जबलपुर मामले में असहमति का निर्णय लिखने के बाद अपने पद से इस्तीफा देकर सुर्खियां बटोरी थीं।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में वकील के रूप में नामांकन किया। उन्होंने शुरू में तिस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस की और फिर दिल्ली हाई कोर्ट और अन्य न्यायाधिकरणों में भी काम किया। वह इनकम टैक्स विभाग के लिए लंबे समय तक वरिष्ठ स्थायी अधिवक्ता रहे। 2004 में उन्हें दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के स्थायी अधिवक्ता (नागरिक) के रूप में नियुक्त किया गया था।

ये भी पढ़ेंः सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रिया के बीच नियमों में नहीं हो सकता बदलाव: सुप्रीम कोर्ट

2005 में उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश बनाया गया और 2006 में स्थायी न्यायाधीश बने। 18 जनवरी 2019 को न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया।

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