Saturday, October 11, 2025
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‘राष्ट्रहित’ में JNU ने तुर्की की यूनिवर्सिटी के साथ रद्द किया समझौता, इसी साल हुआ था करार

नई दिल्लीः जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए तुर्की की इनोनू यूनिवर्सिटी के साथ किया गया शैक्षणिक समझौता (MoU) रद्द कर दिया है। विश्वविद्यालय ने यह कदम भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और तुर्की द्वारा पाकिस्तान का खुला समर्थन किए जाने की पृष्ठभूमि में उठाया है। जेएनयू ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि हम देश के साथ हैं।

जेएनयू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर जेएनयू ने तुर्की की इनोनू यूनिवर्सिटी के साथ किए गए समझौते को निलंबित कर दिया है। जेएनयू देश के साथ खड़ा है।”

क्या था समझौते का उद्देश्य

जेएनयू की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार यह समझौता 3 फरवरी 2025 को तीन वर्षों के लिए किया गया था, जो 2 फरवरी 2028 तक लागू रहना था। अब इसे बीच में ही समाप्त कर दिया गया है। इस समझौते का उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों के बीच आदान-प्रदान (स्टूडेंट और फैकल्टी एक्सचेंज) को प्रोत्साहित करना था, साथ ही दोनों संस्थानों के बीच शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा देना भी इसका मुख्य उद्देश्य था।

इससे पहले भारत सरकार ने तुर्की ब्रॉडकास्टर ‘टीआरटी वर्ल्ड’ के एक्स अकाउंट को बंद कर दिया था। ऑपरेशन सिंदूर के बाद तुर्की और चीन के ब्रॉडकास्टर्स लगातार भारत विरोधी प्रोपेगेंडा और भ्रामक जानकारियां फैला रहे थे। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोआन ने भी खुले तौर पर पाकिस्तान का समर्थन करते हुए भारत को परोक्ष रूप से चेतावनी देने की कोशिश की।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद तुर्की विरोधी भावना तेज

भारत में तुर्की के खिलाफ गुस्सा तब और भड़क गया जब तुर्की ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले (जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे) के जवाब में भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की आलोचना की। भारत ने इस ऑपरेशन में पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था।

इस हमले और जवाबी कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान द्वारा भारतीय सीमाओं पर जिन ड्रोन का इस्तेमाल किया गया, वे कथित तौर पर तुर्की मूल के बताए जा रहे हैं। इससे भारत में तुर्की के खिलाफ जनाक्रोश और बढ़ गया है।

भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद 10 मई को युद्धविराम की घोषणा की गई थी, लेकिन भारत में तुर्की और अजरबैजान के खिलाफ नाराजगी अब भी बनी हुई है।

तुर्की की बुकिंग में भी भारी गिरावट

भारत में अग्रणी ऑनलाइन ट्रैवल कंपनियों मेक माय ट्रिप और ईजी माय ट्रिप ने बताया है कि तुर्की और अजरबैजान के प्रति भारतीय पर्यटकों की रुचि में भारी गिरावट आई है। बड़ी संख्या में बुकिंग रद्द की जा रही हैं।

मेक माय ट्रिप ने एक बयान में कहा है, “हम राष्ट्र के साथ खड़े हैं और अपनी सेना के प्रति सम्मान जताते हुए हम सभी से अपील करते हैं कि वे अजरबैजान और तुर्की की गैर-जरूरी यात्राओं से बचें। हमने इन दोनों देशों के लिए सभी प्रचार अभियान और विशेष छूट को बंद कर दिया है।”

हालांकि, दोनों देशों के लिए वेबसाइट पर टिकट बुकिंग की सुविधा अभी जारी है, लेकिन स्पष्ट तौर पर यह संकेत है कि भारत में तुर्की और अजरबैजान को लेकर जनता और संस्थानों का रुख सख्त हो गया है।

व्यापारिक संबंध भी हो सकते हैं प्रभावित

भारत और तुर्की के बीच व्यापारिक संबंधों पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि अंकारा ने न केवल पाकिस्तान का समर्थन किया है, बल्कि भारत की सैन्य कार्रवाई की आलोचना भी की है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में भारत-तुर्की व्यापार में गिरावट देखी जा सकती है।

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