श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने रविवार को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से हो रही घुसपैठ की एक बड़ी कोशिश को नाकाम कर दिया। कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में आतंकियों के एक समूह को सीमा पार की कोशिश नाकाम करते हुए दो आतंकवादियों को मार गिराया।
सैन्य सूत्रों के मुताबिक, भारी गोलाबारी और दुर्गम इलाके की वजह से उनके शव अभी बरामद नहीं किए जा सके हैं। लेकिन इलाके में ऑपरेशन अभी जारी है और अतिरिक्त बल तैनात कर संभावित भागने के रास्ते बंद कर दिए गए हैं।
गौरतलब है कि केरन सेक्टर घुसपैठ के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना जाता है। अक्सर सर्दियों से पहले ऐसी कोशिशें बढ़ जाती हैं, क्योंकि बर्फबारी के बाद सीमा पार करना मुश्किल हो जाता है।
किश्तवाड़ में भी मुठभेड़
इसी बीच, जम्मू संभाग के किश्तवाड़ ज़िले में भी आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई है। सेना ने खुफिया सूचना के आधार पर दोपहर करीब 1 बजे केशवन जंगल में तलाशी अभियान शुरू किया, जिसके दौरान आतंकवादियों से संपर्क हुआ और गोलीबारी शुरू हो गई।
सेना ने एक्स पर जानकारी दी कि “आतंकवादियों के साथ गोलीबारी हो रही है। ऑपरेशन प्रगति पर है।” फिलहाल किसी भी सुरक्षाकर्मी के हताहत होने की सूचना नहीं है। इलाके को घेर लिया गया है और कंघी अभियान (Combing Operations) जारी है ताकि आतंकवादी भाग न सकें।
यह कार्रवाई भारत की हालिया ऑपरेशन सिंदूर रणनीति के तहत हो रही है, जिसमें सिर्फ बंदूकधारी आतंकियों को निशाना बनाने के बजाय उनके पूरे तंत्र, सहयोगियों, समर्थकों, ड्रग तस्करों और हवाला नेटवर्क को खत्म करने पर जोर दिया जा रहा है। सुरक्षा बलों का मानना है कि नशीले पदार्थों और हवाला से मिलने वाला पैसा ही आतंकवाद को जिंदा रखता है।
वर्तमान में सेना और बीएसएफ एलओसी (740 किमी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (240 किमी) पर 24×7 निगरानी कर रहे हैं। ड्रोन के जरिए हथियार, गोला-बारूद और नकदी पहुंचाने की पाकिस्तानी कोशिशों को नाकाम करने के लिए एंटी-ड्रोन तकनीक का भी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है।
एलओसी घाटी के बारामूला, कुपवाड़ा, बांदीपोरा और जम्मू संभाग के राजौरी, पुंछ और जम्मू जिलों के हिस्सों से गुजरती है। यही क्षेत्र आतंकियों की घुसपैठ और ड्रोन गतिविधियों का मुख्य निशाना रहते हैं।