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बिहारः अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर को भेजा 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मंत्री अशोक चौधरी ने जनसुराज के नेता प्रशांत किशोर को 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है। प्रशांत ने अशोक चौधरी पर 200 करोड़ रुपये की जमीन खरीदने का आरोप लगाया था।

पटनाः बिहार सरकार में मंत्री और जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव अशोक चौधरी ने जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है।

प्रशांत किशोर ने अशोक चौधरी पर 200 करोड़ रुपये की जमीन खरीदने का आरोप लगाने के तीन दिन बाद ये नोटिस आया है। नोटिस में चौधरी ने किशोर से इन आरोपों के लिए बिना शर्त माफी मांगने की मांग की है।

नोटिस में मंत्री अशोक चौधरी ने क्या कहा?

अशोक चौधरी का कहना है कि प्रशांत किशोर द्वारा लगाए गए आरोप भ्रामक हैं और उनकी घबराहट-हताशा से उपजी है। उन्होंने आगे कहा कि 17 सितंबर को एक पूर्व मानहानि मामले में अदालत द्वारा तलब किए जाने के बाद, प्रशांत किशोर डर गए। फिर उसी घबराहट में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान झूठे और बेतुके दावे करने लगे। अशोक चौधरी ने स्पष्ट किया कि प्रशांत किशोर द्वारा कथित 200 करोड़ की संपत्ति का जिक्र पूरी तरह से झूठ है।

अशोक चौधरी की बेटी हैं सांसद शांभवी चौधरी। प्रशांत किशोर ने इससे पहले दावा किया था कि शांभवी की सगाई के बाद उनके दिवंगत ससुर किशोर कुणाल से जुड़े मानव वैभव विकास ट्रस्ट से लगभग 200 करोड़ रुपये की जमीनें खरीदी गईं। सगाई और शादी के बीच दो साल के भीतर 38.44 करोड़ रुपये के पांच प्लॉट खरीदे गए।

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ट्रस्ट से जुड़े प्रभावशाली व्यक्ति कथित तौर पर इन लेनदेन में शामिल थे। दावा किया गया कि इन प्रभावशाली लोगों में अनीता (किशोर कुणाल की पत्नी), पूर्व नौकरशाह जियालाल आर्य और मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की मां शामिल हैं।

प्रशांत किशोर ने और क्या पूछा?

प्रशांत किशोर ने सवाल उठाया कि ट्रस्ट से जुड़े लोगों के खातों से पैसा अशोक चौधरी और उनकी पत्नी के खातों में क्यों ट्रांसफर किया गया। उन्होंने पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अशोक चौधरी को बिहार का सबसे भ्रष्ट नेता बताया और उन पर जमीन के लेन-देन और बेनामी संपत्ति के लेन-देन में अनियमितताओं का आरोप लगाया।

प्रशांत किशोर के मुताबिक, 2019 में पटना के बिक्रम शहर में चौधरी के निजी सचिव योगेंद्र दत्त के नाम पर 23 कट्ठा जमीन खरीदी गई थी। 2021 में ये जमीन कथित तौर पर अशोक चौधरी की बेटी शांभवी के नाम केवल 34 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दी गई। जबकि भुगतान का बड़ा हिस्सा कथित तौर पर संदिग्ध तरीकों से निपटाया गया था।

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प्रशांत किशोर ने आगे आरोप लगाया कि आयकर नोटिस मिलने के बाद, भूमि खरीद में अनियमितताओं को छिपाने के लिए 27 अप्रैल, 2025 को 25 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए।

गौरतलब है कि बिहार में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। राज्य की 243 विधानसभा सीटों के लिए सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन और कांग्रेस-आरजेडी नेतृत्व वाला इंडिया गठबंधन है। इसके अलावा प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी भी मैदान में है।

अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...

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