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इजराइल और हमास युद्धविराम पर समझौते के करीब, बंधकों की रिहाई सहित और क्या हो सकती हैं शर्तें?

तेल अवीव: पिछले करीब डेढ़ साल से इजराइल और हमास के बीच जारी जंग क्या थमने वाली है? सामने आ रही जानकारी के अनुसार अगर सबकुछ ठीक रहता है तो इजराइल और हमास जल्द और संभवत: मंगलवार को युद्धविराम समझौते की घोषणा की जा सकती है।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार जंग को रोकने को लेकर यह सकारात्मक और नई उम्मीद तब जगी है जब अमेरिकी और कतरी मध्यस्थों ने एक अहम प्रस्ताव तैयार करने के लिए काफी काम किया है। बताया जा रहा है कि यह प्रस्ताव दोनों पक्षों यानी इजराइल के साथ-साथ हमास को भी मंजूर होगा। खास बात ये भी है कि नया प्रस्ताव डोनाल्ड ट्रम्प के 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए शपथ लेने से कुछ ही दिन पहले आया है।

हालांकि, सवाल है कि इस नए प्रस्ताव में क्या है? युद्धविराम समझौते की शर्तें क्या हैं? क्या दोनों पक्ष, इजराइल और हमास इसे स्वीकार करेंगे? आईए जानते हैं, अब तक इस प्रस्ताव को लेकर सूत्रों के हवाले से क्या बातें सामने आई हैं?

प्रस्तावित इजराइल-हमास युद्धविराम समझौते में क्या शर्ते है?

फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक समझौते के मूल में फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में इजराइली बंधकों की रिहाई और छह सप्ताह का युद्धविराम शामिल है। इस दौरान गाजा से कुछ इजराइली सेना की वापसी होगी। साथ ही और अधिक संख्या में बंधक और कैदियों की अदला-बदली सहित युद्ध को पूरी तरह खत्म करने की कोशिश के लिए और अधिक बातचीत होगी।

युद्धविराम समझौते को तैयार करने में शामिल अधिकारियों ने बताया है कि डील के पहले चरण में हमास 33 इजरायली बंधकों ( जीवित और मृत) के एक समूह को रिहा करेगा। इनमें महिलाएं, वृद्ध पुरुष और बीमारियों से ग्रस्त बंधक शामिल हैं। इजराइल ने उनकी रिहाई का अनुरोध किया था।

यह चरण अगर सफलता से पूरा होता नजर आत है, तो समझौते के प्रभावी होने के 16वें दिन, इजराइल शेष बंधकों (पुरुष सैनिकों और सैन्य उम्र के पुरुषों) और मारे गए बंधकों के शवों को प्राप्त करने के लिए दूसरे चरण पर बातचीत शुरू करेगा।

बताया जाता है कि 7 अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा बंधक बनाए गए 251 लोगों में से 94 गाजा में बचे हैं। इनमें कम से कम 34 के शव भी शामिल हैं जिनके मौत की पुष्टि इजराइल रक्षा बलों ने भी की है।

हालांकि, इजराइल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह हमास के 7 अक्टूबर के हमले के मास्टरमाइंड याह्या सिनवार का शव नहीं लौटाएगा। सिनवार को इजराइली सेना ने पिछले साल अक्टूबर में राफा में मार डाला था। सूत्रों के अनुसार यह जानकारी उस रिपोर्ट के बाद आई है कि हमास सौदे के पहले चरण में अपने मारे गए नेता के शव की मांग कर रहा था। टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के अनुसार एक वरिष्ठ इजराइली अधिकारी ने अपने बयान में कहा, ‘ऐसा नहीं होगा।’

गाजा से इजराइली सैनिकों की वापसी

युद्धविराम समझौते में सेना की वापसी की भी बात कही गई है। पूर्ण युद्धविराम समझौते के तहत इजराइल अपनी सेना गाजा पट्टी के कई क्षेत्रों से हटा लेगा। साथ ही बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी सुरक्षा कैदियों को रिहा कर देगा।

बीबीसी के अनुसार समझौते में इजरायली बलों के लिए फिलाडेल्फी कॉरिडोर में बने रहने का प्रावधान रखा गया है। इजराइली सेना पहले चरण के दौरान 42 दिनों तक पूर्वी और उत्तरी सीमाओं पर 800 मीटर का बफर जोन बनाए रखेगी।

रिपोर्ट के अनुसार इस समझौते के तहत इजराइल एक हजार फलस्तीनी कैदियों को रिहा कर सकता है, जिनमें करीब 190 ऐसे हैं जो 15 साल या उससे ज्यादा समय से सज़ा काट रहे हैं।

समझौते में उत्तरी गाजा में बिना हथियार के निवासियों को घर लौटने का भी आह्वान किया गया है। हालांकि, यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी कि वहां कोई हथियार न पहुंचे। इजरायली सैनिक मध्य गाजा में नेटजारिम गलियारे से भी हटेंगे।

इजराइल और हमास के बीच युद्धविराम के मसौदा प्रस्ताव में मानवीय सहायता बढ़ाने को भी शामिल किया गया है। मसौदे में गाजा पट्टी को आपूर्ति की जाने वाली मानवीय सहायता में वृद्धि की बात कही गई है, जहां हजारों लोग मौत के कगार पर हैं।

गाजा का भविष्य क्या होगा, कौन करेगा शासन?

रिपोर्ट के अनुसार गाजा के भविष्य को लेकर स्थिति साफ नहीं है। मसौदे में यह नहीं बताया गया है कि इस पर शासन कौन करेगा। इजराइल ने कहा है कि हमास गाजा के शासन में कोई भूमिका नहीं निभा सकता है और उसने फिलिस्तीनी प्राधिकरण को भी खारिज कर दिया है। इजराइल ने यह भी कहा है कि लड़ाई समाप्त होने के बाद भी वह इलाके पर सुरक्षा नियंत्रण बरकरार रखेगा।

वहीं, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने कहा है कि गाजा को फिलिस्तीनियों द्वारा चलाया जाना चाहिए। हालांकि, इस मसले पर सिविल सोसायटी या स्थानीय नेता विकल्प खोजने के प्रयास में अभी तक असफल साबित हुए हैं। फिलहाल गाजा के भविष्य को लेकर सवाल बना हुआ है।

युद्धविराम की शर्तों पर विरोध भी हो रहा

इजराइल में हर कोई युद्धविराम समझौते में निर्धारित शर्तों को लेकर संतुष्ट नजर नहीं आ रहा। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सत्तारूढ़ गठबंधन के धुर दक्षिणपंथी नेता बेजेल स्मोट्रिच ने सौदे को ‘इजराइल की सुरक्षा के लिए आपदा’ बताया है।

स्मोट्रिच ने एक्स पर लिखा, ‘हम आत्मसमर्पण करने वाले समझौते का हिस्सा नहीं होंगे जिसमें आतंकवादी बंधकों को रिहा करना, युद्ध को रोकना और बहुत खून बहाकर हासिल की गई उपलब्धियों को भंग करना जैसी बातें शामिल हैं’

उन्होंने आगे लिखा, ‘यह अपनी पूरी ताकत से काम जारी रखने, पूरी पट्टी पर कब्जा करने और उसे साफ करने, हमास से मानवीय सहायता पर नियंत्रण लेना और गाजा पर नर्क के द्वार खोलने का समय है जब तक कि हमास पूरी तरह से आत्मसमर्पण नहीं कर देता और सभी बंधकों को वापस नहीं कर दिया जाता।’

वहीं, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा, ‘हम एक समझौते के करीब हैं, और यह इस सप्ताह पूरा हो सकता है। सुलिवन ने सोमवार को व्हाइट हाउस में एक ब्रीफिंग में कहा, ‘मैं कोई वादा या भविष्यवाणी नहीं कर रहा हूं, लेकिन यह होने वाला है और हम इसे पूरा करने के लिए काम करने जा रहे हैं। मुझे लगता है कि इस बात की अच्छी संभावना है कि हम इसे (युद्ध) बंद कर सकते हैं।’

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