इंडिगो ने गुरुवार 4 दिसंबर को बेंगलुरु में 73 उड़ानें रद्द कर दी हैं। इससे एक दिन पहले यानी 3 दिसंबर को 100 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दी गईं और दर्जनों अन्य में देरी हुई जिससे हजारों यात्री फंस गए थे।
इस बीच, विमानों की निगरानी करने वाली संस्था डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) की भी प्रतिक्रिया आई है। DGCA ने कहा कि उसने इंडिगो से सफाई मांगी है। साथ ही, उसकी परफॉर्मेंस की जांच शुरू कर दी है।
DGCA ने क्या कहा?
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, DGCA ने एक बयान में कहा, “डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन फिलहाल स्थिति की जांच कर रहा है। यात्रियों को होने वाली असुविधा को कम करने के लिए एयरलाइन के साथ मिलकर कैंसलेशन और देरी को कम करने के उपायों पर काम किया जा रहा है।”
वहीं, इंडिगो ने भी एक बयान जारी कर कहा कि बीते दो दिनों में उसका नेटवर्क काफी बाधित रहा और उसने ग्राहकों से माफी मांगी। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक एयरलाइन ने घोषणा की,
“इस व्यवधान को कंट्रोल करने और स्थिरता बहाल करने के लिए हमने अपने शेड्यूल में कुछ समायोजन शुरू किए हैं। ये उपाय अगले 48 घंटों तक लागू रहेंगे और हमें अपने परिचालन को सामान्य बनाने और पूरे नेटवर्क में समय की पाबंदी को धीरे-धीरे बहाल करने में मदद करेंगे।”
बयान में आगे कहा गया कि जैसे-जैसे सेवाएं धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं प्रभावित यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था या रिफंड दिलाने के लिए टीमें चौबीसों घंटे काम कर रही हैं।
इससे पहले भी उड़ानें हुईं रद्द
इससे पहले मंगलवार, 2 दिसंबर को 1,400 से ज्यादा उड़ानें विलंब हुईं। ये उथल-पुथल बुधवार को भी जारी रही जब दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद के हवाई अड्डों ने दोपहर तक सामूहिक रूप से लगभग 200 उड़ानें रद्द होने की सूचना दी, जिससे घरेलू यात्रियों को खासा मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इंटरनेशनल न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों और इंडिगो के एक पायलट के हवाले से एक अहम जानकारी दी। बताया कि ‘थकान से निपटने और पायलटों के लिए आराम का समय बढ़ाने के लिए एक जुलाई और एक नवंबर को नए सरकारी नियम लागू किए गए। इसके बाद एयरलाइन को पायलटों की कमी से जूझना पड़ रहा है जिससे रोस्टर प्रबंधन जटिल हो गया है।’
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मौजूदा अफरा-तफरी का एक अहम कारण पिछले महीने संशोधित उड़ान ड्यूटी समय सीमा (FDTL/Flight duty time limitation) मानदंडों के लागू होने के बाद क्रू, खासकर पायलटों की भारी कमी बताई जा रही है। नए नियमों में ज्यादा आराम के घंटे और मानवीय रोस्टर अनिवार्य किए गए हैं। ऐसे में इंडिगो अपने विशाल नेटवर्क को व्यवस्थित करने के लिए संघर्ष कर रहा है।

