Friday, October 10, 2025
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दलाई लामा के नाम पर अरुणाचल प्रदेश की चोटी को भारतीय दल ने दिया नाम, चीन भड़का…कहा- ये अवैध है

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच LAC पर तनाव में कमी की खबरों के बीच बीजिंग ने एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश पर अपना अधिकार जताया है। दरअसल चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने भारतीय पर्वतारोहियों के एक ग्रुप द्वारा अरुणाचल प्रदेश की एक चोटी को नाम दिए जाने पर नाराजगी जताई है। इस चोटी का पहले कोई नाम नहीं था। भारत ने इसका नाम छठे दलाई लामा के नाम पर रखा है। इस पर चीनी प्रवक्ता ने गुरुवार को बीजिंग में कहा, ‘भारत के लिए चीनी क्षेत्र में तथाकथित ‘अरुणाचल प्रदेश’ स्थापित करना अवैध और अमान्य है।’

चीन का यह बयान हाल में भारत के रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय पर्वतारोहण और साहसिक खेल संस्थान (NIMS) के एक अभियान के बाद आया है। निदेशक कर्नल रणवीर सिंह जामवाल के नेतृत्व में एक टीम ने हाल में अरुणाचल प्रदेश में 20,942 फीट ऊंची एक चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की। पहली बार इस चोटी पर इंसान चढ़ाई करने में सफल हुआ है। चढ़ाई की सफलता के बाद ग्रुप ने इसका नाम छठे दलाई लामा त्सांगयांग ग्यात्सो (Tsangyang Gyatso) के नाम पर रखने का फैसला किया। इनका जन्म 1682 में मोन तवांग क्षेत्र में हुआ था।

छठे दलाई लामा के नाम पर क्यों रखा गया चोटी का नाम?

रक्षा मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार छठे दलाई लामा के नाम पर चोटी के नाम को रखने का फैसला उनकी मोनपा समुदाय और उससे भी आगे उनके गहन योगदान को सम्मान देने के लिए किया गया।

इस मुद्दे पर चीनी प्रवक्ता जियान ने कहा कि उन्हें ऐसे नामकरण किए जाने की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मुझे अधिक व्यापक रूप से कहना है कि झंगनान (Zangnan) का इलाका चीनी क्षेत्र है…यही चीन का दावा रहा है।’

इस बीच अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने इस उपलब्धि के लिए NIMAS टीम को शुभकामनाएं दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘डायरेक्टर रणवीर जामवाल के नेतृत्व में उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के मोन तवांग क्षेत्र के गोरीचेन मासिफ में 6,383 मीटर की चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की है!’

अरुणाचल प्रदेश पर दावा जताता रहा है चीन

चीन लंबे समय से अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत के तौर पर बताता रहा है। वह इस क्षेत्र को ‘चीन का हिस्सा’ बताकर कई बार अपने दावों पर जोर देने के लिए अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों का नाम अपने हिसाब से बदलता रहा है। वह अरुणाचल प्रदेश को झंगनान (Zangnan) कहता रहा है। इसी साल अप्रैल में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न इलाकों के लिए 30 नए नामों की लिस्ट जारी की थी।

भारत ने हालांकि हमेशा अरुणाचल प्रदेश पर चीन के ऐसे बेतुके दावों को जोरदार तरीके से खारिज किया है। कई मौकों पर भारत ने क्षेत्र को नए नाम देने के चीन के कदम को भी यह कहते हुए भी खारिज किया है कि ऐसी बातों से सच्चाई नहीं बदल जाएगी।

चीन ने इसी साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अरुणाचल यात्रा तक पर आपत्ति जताई थी। वह ऐसा इससे पहले भी करता रहा है। भारत कहता रहा है कि इस तरह की यात्राओं पर चीन की आपत्ति से वास्तविकता नहीं बदल जाएगी और अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, और हमेशा रहेगा।

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