India vs Pak: एशिया कप (Asia Cup) में भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला रविवार, 14 सितंबर रात 8 बजे से होना है। हालांकि, इस मुकाबले को लेकर विवाद शुरू हो गया है और मुकाबले को बहिष्कार करने की मांग की जा रही है। भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले का बहिष्कार करने की मांग राजनैतिक नेताओं, राजनैतिक दलों और आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिवार की तरफ से की जा रही है।
भारत-पाकिस्तान के बीच मुकाबले से पहले जारी इस विवाद की जड़ इसी साल 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला है। इस हमले में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया था। इस दौरान 26 लोगों की मौत हो गई थी। मारे गए लोगों में अधिकतर पर्यटक थे।
पहलगाम हमले के बाद पहली बार आमने-सामने होंगे भारत-पाकिस्तान
इस हमले के बाद देशभर में गु्स्सा था और सरकार ने भी पाकिस्तान के खिलाफ कई कार्रवाई की घोषणा की। इसमें सिंधु जल संधि (IWT) को निरस्त करना, दोनों देशों के बीच व्यापार को बंद करना शामिल था। इसके साथ ही सरकार ने इस दौरान यह स्पष्ट संदेश दिया था कि आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं हो सकते तथा खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।
पहलगाम हमले के करीब 15 दिन बाद भारतीय सैन्य बलों ने 6 और 7 मई की दरम्यानी रात ऑपरेशन सिंदूर लांच किया। इस हमले में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के आंतकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था। इसमें आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद तथा हिजबुल मुजाहिद्दीन को निशाना बनाया गया था। दोनों देशों के बीच सीमा पार तीन दिनों तक तनाव जारी रहा। 10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम समझौता हुआ।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच पहली बार मुकाबला हो रहा है। इस दौरान इस मुकाबले को लेकर सोशल मीडिया से लेकर हर जगह विरोध का सामना करना पड़ रहा है। कई यूजर्स सोशल मीडिया पर इस मुकाबले का बहिष्कार करने की मांग उठा रहे हैं और #BoycottINDvPAK जैसे ट्रेंड भी चला रहे हैं।
ओवैसी, उद्धव ठाकरे समेत सोशल मीडिया यूजर्स ने क्या कहा?
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल- मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस मुकाबले को लेकर सरकार की आलोचना की है। ओवैसी ने कहा कि क्या हमले में मारे गए 26 नागरिकों की जान की कीमत कुछ हजार करोड़ रुपये से कम है? ओवैसी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते, फिर यह मुकाबला क्यों हो रहा है? ओवैसी ने कहा क्रिकेट मुकाबले से कितनी कमाई होगी, 2000 करोड़, 3000 करोड़? क्या पैसों की कीमत जान से ज्यादा है?
ओवैसी के अलावा शिव सेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इसके विरोध में महाराष्ट्र में ‘सिंदूर’ प्रदर्शन की घोषणा की थी। उन्होंने कहा “जब तक आतंकवाद नहीं रुकता है, हमें पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह के रिश्ते नहीं रखने चाहिए।”
विपक्षी नेताओं के मुताबिक, भारत-पाकिस्तान के बीच इस इस मुकाबले को बहिष्कार करना दुनिया को यह दिखाने का मौका है कि भारत का आतंकवाद के खिलाफ अडिग रुख है।
ऐसी ही बातें सोशल मीडिया पर यूजर्स लिख रहे हैं कि क्या पैसा ही सबकुछ है? यूजर्स लिख रहे हैं कि पाकिस्तान की कायराना हरकत को इतनी जल्दी भूल गई सरकार। इसी तरह कुछ यूजर्स बीसीसीआई पर भी सवाल उठा रहे हैं।
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इस बीच भाजपा सांसद और पूर्व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने सरकार के कदम को सही ठहराते हुए स्पष्ट किया है कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलेगा। हालांकि, बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भागीदारी अनिवार्य है।
पहलगाम हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता की बात जुलाई में एक बार फिर से उठती है जब सुरक्षा बलों ने तीन आतंकवादियों को मार गिराया था। सुरक्षाबलों ने कहा था कि ये आतंकी पहलगाम हमले के जिम्मेदार थे। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था “हमारे पास सभी सबूत हैं कि ये तीनों पाकिस्तानी थे। उनमें से दो के पाकिस्तानी मतदाता क्रमांक उपलब्ध हैं। उनके पास से मिली राइफलें और चॉकलेट भी पाकिस्तान में बनीं थीं। “
भारत सरकार की नई खेल नीति क्या कहती है?
ज्ञात हो कि पिछले महीने भारत सरकार ने एक नई खेल नीति जारी की थी। इसमें पाकिस्तान के खिलाफ भारत के रुख को स्पष्ट किया गया था। इसमें किसी भी द्विपक्षीय खेल संबंधों को खारिज किया गया था लेकिन अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में मैंचों की अनुमति दी गई थी।
इस नीति में कहा गया था था दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सीरीज का सवाल है तो भारत पाकिस्तान में भाग नहीं लेगा और न ही पाकिस्तान की टीम भारत में खेलेगी। इसके अलावा भारत साल 2030 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों और 2036 के ओलंपिक खेलों सहित अन्य वैश्विक टूर्नामेंट की मेजबानी की महत्वकांक्षा रखता है। इन अवसरों के लिए भारत सरकार को ओलंपिक चार्टरों का पालन करना होगा। इस चार्टर के मुताबिक, कोई भी देश राजनैतिक आधार पर अन्य देशों को अंतर्राष्ट्रीय खेलों से बाहर नहीं कर सकता है।