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भारत ने खालिस्तानी अलगाववादी पन्नू की राजदूत को धमकी पर अमेरिका से की कार्रवाई की अपील

नई दिल्लीः भारत सरकार ने खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की ओर से भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा को अमेरिका में दी गई ताजा धमकी को गंभीरता से लिया है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को इस मुद्दे को वाशिंगटन में अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष उठाने की जानकारी दी।

हाल ही में एक वीडियो संदेश में, पन्नू ने धमकी दी थी कि भारतीय राजदूत क्वात्रा अमेरिका में खालिस्तान समर्थक सिखों के निशाने पर हैं। उसने यह भी दावा किया कि क्वात्रा कथित तौर पर रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं, जो अमेरिका में खालिस्तानी नेटवर्क पर भारतीय खुफिया एजेंसियों को सूचनाएं प्रदान कर रहे हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने नई दिल्ली में साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “हम ऐसे मामलों को हमेशा गंभीरता से लेते हैं और अमेरिकी सरकार के समक्ष इसे उठाते हैं। इस मामले में भी, हमने इसे अमेरिकी सरकार के समक्ष उठाया है और हम उम्मीद करते हैं कि अमेरिकी सरकार हमारी सुरक्षा चिंताओं को गंभीरता से लेगी और उचित कार्रवाई करेगी।”

खालिस्तानी अलगाववादी के निशाने पर क्वात्रा

क्वात्रा, जो इस साल अगस्त में अमेरिका में भारत के राजदूत नियुक्त किए गए थे, खालिस्तानी अलगाववादी गतिविधियों के निशाने पर आ गए हैं। उनके कार्यकाल के दौरान अमेरिका में हिंदू समुदाय और भारतीय दूतावास पर हमले बढ़े हैं। कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा मंदिरों को क्षतिग्रस्त करने की घटनाएं सामने आई हैं, जबकि सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं भी हुई हैं।

भारत सरकार के सामने इस बढ़ती हिंसा और सुरक्षा खतरों के बारे में अमेरिकी सांसदों, जैसे कि मिशिगन राज्य से डेमोक्रेट प्रतिनिधि थानेदार, ने भी चिंता जताई है। थानेदार ने हाल ही में कहा था कि पूजा स्थलों पर हमलों के दोषियों को पकड़ने में पुलिस की विफलता से समुदाय में डर का माहौल बन रहा है।

बांग्लादेश में महफुज आलम के विवादास्पद बयान पर भारत की कड़ी आपत्ति

भारत ने बांग्लादेश के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद युनुस के सहयोगी महफुज आलम द्वारा किए गए विवादास्पद बयान पर भी कड़ी आपत्ति जताई है। आलम ने एक फेसबुक पोस्ट में भारत से यह स्वीकार करने की बात की थी कि बांग्लादेश में हुए आंदोलन के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना का इस्तीफा हुआ था। हालांकि, यह पोस्ट बाद में हटा लिया गया।

रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने इस मुद्दे पर बांग्लादेश सरकार से अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। हमें जानकारी मिली है कि यह पोस्ट हटा लिया गया है। हम सभी पक्षों से सार्वजनिक बयान देते वक्त सावधानी बरतने की उम्मीद करते हैं।”

जायसवाल ने यह भी कहा कि भारत हमेशा बांग्लादेश के लोगों और अंतरिम सरकार के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की इच्छा रखता है, लेकिन इस तरह के बयानों से यह आवश्यकता और बढ़ जाती है कि सभी पक्ष सार्वजनिक विमर्श में जिम्मेदारी का पालन करें।

भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव तब बढ़ा जब शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद हिंदू अल्पसंख्यकों पर हिंसा की घटनाएं सामने आईं। भारत ने बांग्लादेश सरकार से वहां हिंदू समुदाय की सुरक्षा की मांग की है।

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को यह भी खुलासा किया कि 2024 में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ 2,200 से ज्यादा हिंसक घटनाएं हुईं। इस अवधि में पाकिस्तान में भी हिंदू मंदिरों पर हमले हुए। भारत ने बांग्लादेश और पाकिस्तान दोनों से अपील की है कि वे अपने देशों में हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करें और उनके कल्याण के लिए कदम उठाएं।

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