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अंगोला को 1690 करोड़ रुपये की रक्षा ऋण सहायता देगा भारत, दोनों देशों के बीच और किन क्षेत्रों में हुए समझौते

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंकाल्वेस लौरेंको के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों नेताओं ने रक्षा, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, ऊर्जा, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष, खनिज संसाधन, हीरा प्रसंस्करण और सांस्कृतिक सहयोग सहित कई क्षेत्रों में गहन साझेदारी बढ़ाने के निर्णय लिये।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर को “ऐतिहासिक क्षण” करार देते हुए कहा, “38 वर्षों बाद अंगोला के राष्ट्रपति भारत आए हैं। यह यात्रा भारत-अंगोला संबंधों को नई दिशा देने के साथ-साथ भारत-अफ्रीका सहयोग को भी सशक्त बनाएगी। इस वर्ष हम अपने राजनयिक संबंधों की 40वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, हालांकि हमारे संबंध बहुत पुराने हैं, उस समय से जब अंगोला अपनी आजादी के लिए लड़ रहा था तब भारत ने पूरे विश्वास और मित्रता के साथ उसका समर्थन किया था।”

अफ्रीकी संघ का नेतृत्व करने के लिए अंगोला को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह हमारे लिए गर्व की बात है कि भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 की स्थायी सदस्यता प्राप्त हुई। भारत और अफ्रीकी देशों ने औपनिवेशिक शासन के खिलाफ मिलकर आवाज उठाई। आज, हम, वैश्विक दक्षिण – उसकी आशाओं, अपेक्षाओं और आकांक्षाओं के लिए एकजुट होकर बोलते हैं।”

रक्षा और ऊर्जा सहयोग को मिलेगा विस्तार

भारत ने अंगोला की सशस्त्र सेनाओं के आधुनिकीकरण हेतु 20 करोड़ डॉलर (लगभग ₹1,690 करोड़ रुपये) की रक्षा ऋण सहायता की घोषणा की है। दोनों देशों ने रक्षा प्लेटफॉर्म्स के रखरखाव, प्रशिक्षण और सप्लाई चेन सहयोग पर भी सहमति जताई।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत, अंगोला के तेल और गैस का एक बड़ा खरीदार है। अब हमने ऊर्जा साझेदारी को और अधिक व्यापक बनाने का फैसला किया है।” भारत ने अंगोला के साथ डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण में सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई। इसके अलावा, स्वास्थ्य, हीरा प्रसंस्करण, उर्वरक और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में भी सहयोग को मजबूती देने के निर्णय लिए गए।

अंगोला में योग और बॉलीवुड की लोकप्रियता को सांस्कृतिक सेतु मानते हुए, प्रधानमंत्री ने युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की। बैठक के दौरान कृषि, संस्कृति, आयुर्वेद एवं पारंपरिक चिकित्सा के साथ अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में अंगोला की सदस्यता सहित चार समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। भारत ने अंगोला को आपदा रोधी बुनियादी ढांचा गठबंधन, बिग कैट एलायंस और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन में भी शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।

आतंकवाद के खिलाफ साझा रुख

पीएम मोदी ने अंगोला द्वारा पहलगाम आतंकी हमले की निंदा और भारत के सीमा पार कार्रवाई के समर्थन के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा, “आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। हम आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ़ निर्णायक कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने पिछले दशक में अफ्रीका में 17 नए दूतावास खोले हैं और 12 अरब डॉलर से अधिक के ऋण तथा 70 करोड़ डॉलर की अनुदान सहायता प्रदान की है। उन्होंने बताया कि भारत ने 8 व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र और 5 अफ्रीकी देशों में डिजिटल अवसंरचना साझेदारी शुरू की है। उन्होंने कहा, भारत और अफ्रीकी संघ – हम विकास के साझीदार हैं, और वैश्विक दक्षिण की आवाज हैं। मुझे विश्वास है कि अंगोला की अध्यक्षता में यह साझेदारी नई ऊँचाइयों को छुएगी।

इससे पहले राष्ट्रपति लौरेंको का राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत किया गया। उन्होंने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उनसे शिष्टाचार भेंट भी की।

मैं प्रशंसा और मित्रता का संदेश देने भारत आया हूंः लौरेंंको

अपने संबोधन में राष्ट्रपति लौरेंको ने कहा, “मैं प्रशंसा और मित्रता का संदेश देने भारत आया हूं, जिसका इतिहास वैश्विक मंच पर सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और राजनीतिक उपलब्धियों से समृद्ध है।” उन्होंने कहा, “हम ऐसे संबंध चाहते हैं जो ठोस और हासिल करने लायक उद्देश्यों पर आधारित हों और जिनके व्यावहारिक परिणाम हमारे लोगों के जीवन को प्रभावित करें।”

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