नई दिल्लीः ट्रंप के ‘ड्रिल बेबी ड्रिल’ प्लान से भारत उत्साहित है। ट्रंप के इस नारे से भारत को लाभ मिलने की उम्मीद है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यह नीति चुनाव के दौरान भी खूब चर्चा में थी और अब राष्ट्रपति बनने के बाद इस पर विचार जारी है। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक तेल और गैस का उपभोग और निर्यात करके अमेरिका को फिर से समृद्ध बनाना है।
भारत के लिए यह इसलिए भी फायदेमंद हो सकता है क्योंकि जब बाजार में ज्यादा तेल और गैस उपलब्ध होगी तो यह सस्ते दामों पर उपलब्ध हो सकेगी। इससे भारत को विकास की गति बरकरार रखने में मदद मिलेगी। भारत अपनी जरूरत का 80 प्रतिशत तेल और 50 प्रतिशत गैस अन्य देशों से आयात करता है।
हरदीप सिंह पुरी ने क्या कहा?
दिल्ली में आयोजित इंडिया एनर्जी वीक कार्यक्रम के दौरान पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि “ट्रंप क्या कह रहे हैं। महंगाई का युग खत्म हो जाए। आर्थिक महंगाई को नियंत्रित रखें। आइए बाजार में अधिक ऊर्जा लाते हैं। आइए अधिक आर्थिक विकास करें ताकि हर कोई जीत सके। अभी मैं दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा उर्जा उपभोग और आयातित करने वाले देश का ऊर्जा मंत्री हूं। हमारे पास चौथी सबसे बड़ी रिफाइनिंग क्षमता है। सच कहूं तो ये मेरे कानों के लिए संगीत है। “
अमेरिका दुनियाभर में सबसे ज्यादा तेल का उत्पादन करता है। इसकी क्षमता 13 मिलियन यानी एक करोड़ 30 लाख बैरल प्रति दिन की है। अमेरिका 32 राज्यों और तटीय क्षेत्रों में तेल का उत्पादन करता है। ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में ऊर्जा सचिव के रूप में क्रिस राइट का चुनाव किया है। इसे एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि राष्ट्रपति अपने राजनीतिक लक्ष्य तक पहुंचने का प्रयास दोबारा कर सकते हैं।
भारत अमेरिका से कच्चे तेल का आयात करता है। इससे भारत शीर्ष पांच आपूर्तिकर्ताओं में शामिल होता है। हालांकि इसे आने में शिपिंग लागत ज्यादा लगती है और समय भी ज्यादा लगता है। ऐसे में यह हमेशा पहली पसंद नहीं रह सकता है। ऐसे में ट्रंप की इस नई नीति से भविष्य में नई संभावनाएं भी बनेंगी। अब भारत को 38 से भी अधिक देशों से भी तेल और गैस का आयात करने की संभावना बन सकती है।