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खनन कंपनियों पर 1.4 लाख करोड़ रुपये बकाया, जल्द करें भुगतानः नीति आयोग की बैठक में केंद्र से हेमंत सोरेन

नीति आयोग की बैठक में झारखंड के सीएम सोरेन ने खनन कंपनियों के पास 1 लाख 40 हजार करोड़ के बकाए का मुद्दा उठाया

रांची/नई दिल्लीः नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य की भूमि पर खनन के एवज में 1 लाख 40 हजार 435 करोड़ रुपए की बकाया राशि का मुद्दा उठाया।  

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत कंपनियों के पास झारखंड के हक और हिस्से की यह राशि लंबे समय से बकाया है। इस राशि का यथाशीघ्र भुगतान होने से राज्य में विकास और कल्याण की योजनाओं को गति दी जा सकेगी। मुख्यमंत्री सोरेन ने कोल बियरिंग एक्ट में संशोधन की मांग उठाते हुए कहा कि जिस जमीन पर कंपनियां खनन का कार्य कर लेती हैं, उसे राज्य सरकार को पुनः वापस किए जाने का प्रावधान किया जाना चाहिए। उन्होंने राज्य में खनन क्षेत्र में होने वाले अनधिकृत खनन के मामलों में कंपनियों की जवाबदेही तय करने की जरूरत पर भी जोर दिया। 

उन्होंने कहा कि राज्य में कोयले के साथ-साथ अन्य क्रिटिकल खनिजों की बहुतायत है, जिनके खनन के क्रम में होने वाला प्रदूषण और विस्थापन एक बहुत बड़ी चिंता का विषय रहा है। इस चिंता को दूर करने की दिशा में भी सकारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए। 

बैठक में झारखंड सरकार के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करते हुए सीएम सोरेन ने ‘विकसित भारत- 2047’ की योजना पर नीति आयोग और केंद्र सरकार को कई सुझाव दिए। सोरेन ने कहा कि ‘विकसित भारत’ की परिकल्पना की शुरुआत ‘विकसित राज्य’ से होती है। इसमें ‘विकसित गांव’ की अवधारणा को भी जोड़ा जाना चाहिए। 

मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि झारखंड की सरकार अपने प्रदेश में ‘विकसित भारत 2047’ की परिकल्पना को साकार करने के लिए गरीबी उन्मूलन, महिला सशक्तीकरण, युवा कौशल, किसानों का विकास, पूर्ण शिक्षा, आर्थिक एवं आधारभूत संरचना एवं तकनीकी विकास के क्षेत्र में सतत प्रयासरत है। महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण की योजना जमीन पर उतारी गई है और इसके तहत लगभग 50 लाख महिलाओं को प्रतिमाह 2,500 रुपए की राशि प्रदान की जा रही है। 

झारखंड में कोल बेस्ड मिथेन गैस की व्यापक उपलब्धता का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके तकनीकी इस्तेमाल से ऊर्जा उत्पादन की दिशा में बड़े पैमाने पर कदम उठाए जाने की जरूरत है। राज्य में खनन कंपनियों के लिए कैप्टिव प्लांट लगाने की अनिवार्यता और कुल उत्पादन का 30 प्रतिशत राज्य में इस्तेमाल करने के नियम बनाए जाने से रोजगार सृजन में वृद्धि होगी। उन्होंने झारखंड के साहेबगंज जिले को कार्गो हब की दृष्टि से विकसित करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इससे सीमावर्ती राज्यों को भी सुविधाएं और सहूलियत मिलेगी। 

उन्होंने राज्य में डेडीकेटेड इंडस्ट्रियल माइनिंग कॉरिडोर विकसित करने, साहिबगंज में गंगा नदी पर अतिरिक्त पुल का निर्माण या उच्च स्तरीय बांध बनाने की भी जरूरत बताई। नक्सलवाद की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि वर्ष 2014 में राज्य के 16 जिले इससे प्रभावित थे। अब यह केवल दो जिलों पश्चिमी सिंहभूम एवं लातेहार तक सिमट गया है। लेकिन, इसके बावजूद पूर्व से नक्सल प्रभावित रहे सभी 16 जिलों में विशेष केंद्रीय सहायता को लागू रखने की आवश्यकता है। 

(यह खबर समाचार एजेंसी आईएएनएस फीड द्वारा प्रकाशित है। शीर्षक बोले भारत डेस्क द्वारा दिया गया है)

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